चंदर मोहन अग्रवाल : अमेरिका का रक्षा विभाग भारत के फूफा का आंकलन करने में लगा

अभी हाल ही में चाहबहार पोर्ट को लेकर भारत और ईरान के बीच में दीर्घकालिन समझौता हुआ है जिसको लेकर

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रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान : अग्निवीर ने केवल सैनिक बल्कि प्रेरक अन्वेषक और देश की संप्रभुता के रक्षक

रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि अग्निवीर ने केवल सैनिक बल्कि प्रेरक, अन्वेषक और देश की संप्रभुता

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प्रहलाद सबनानी : जन्मजयंती अहिल्याबाई होलकर स्त्री शिक्षा व भारतीय संस्कृति की उद्धारकर्ता

अहिल्याबाई के मराठा प्रांत का शासन संभालने से पहले यह कानून था कि, अगर कोई महिला विधवा हो जाए और

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अमित सिंघल : सोनिया-केजरीवाल-ममता-उद्धव-स्टालिन सरकार के विरूद्ध कभी भी ऐसी अपील नहीं की क्योकि…

प्रधानमंत्री मोदी हर व्यक्ति के मन में प्रवेश कर गए है। राजनीति शास्त्र में ऐसा माना जाता है की राज्य

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सुरेंद्र किशोर : ‘‘यदि हम अनजाने में भी कोई गलती कर देंगे तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा।’’

अरविंद केजरीवाल जैसों का हाल —————– सन 2013 में पहली बार सत्ता में आने से ठीक पहले अरविन्द केजरीवाल ने

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कौशल सिखौला : अधीर रंजन नेता संसदीय दल.. ममता बनर्जी को प्राथमिकता.. कांग्रेस का परिंदा भी प्रचार करने नहीं गया

मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधीर रंजन चौधरी को साफ साफ कह दिया कि कांग्रेस के लिए ममता जरूरी हैं , अधीर

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सर्वेश तिवारी श्रीमुख : ढोल गाँव के मन्दिर पर भी बजना चाहिये.. याद है अंतिम बार भोग के लिए अंशदान कब किया था?

आप किसी भी जाति, वर्ण के हों, आपके गाँव में आपके कुल देवता/ग्राम देवता की डीह होगी। मन्दिर न हो

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डाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : तक्षशिला-नालंदा.. विश्वविद्यालय जब ज्ञान की साधना के स्थान पर कहानी गढ़ने के अड्डे बन जाते हैं तब…

आजकल सोशल मीडिया पर एक संदेश प्रसारित किया जा रहा है कि नालंदा विश्वविद्यालय विद्वानों से भरा था फिर भी

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कौशल सिखौला : स्वाति मालीवाल भारी पड़ेगी.. आपको भी और लड़ सकती हूं वाली लड़की को भी ?

हद हो गई बेशर्मी की । आम आदमी पार्टी की सांसद हैं स्वाति मालीवाल । अब आतिशी जैसी नेता उन्हें

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पार्किंग अव्यवस्था पर आक्रोशित रेल यात्री अमनदीप बोले – “आम व्यक्ति की इज्जत से टेंडर की बोली इतनी बड़ी नही…”

रायपुर। रायपुर रेलवे स्टेशन पर नो पार्किंग में खड़े वाहनों के चालकों से अवैध वसूली को लेकर बुधवार को जिला

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रुबिका लियाकत : ..और दैवीय शक्तियाँ कभी रिटायर नहीं होती हैं!

रुबिका लियाकत लिखती हैं :- *किस्सा साक्षात्कार का* आप लोगों संग एक बात साझा करना चाहती हूँ। मुझे लगता है

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समर प्रताप : इस तरह वो फिर हैक करेगा.. आएगा तो वही को लायेगा कौन ????

सुबह की कॉफी निपटाते हुवे चर्चाएं आजकल राजनीति की ही होती है। हर जाति बीजेपी से नाराजगी दिखा रही है

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चीन बोला इतनी सीटें.. EVM में गड़बड़ी कहने वाले 200.. मोदी कह रहे 400 पार..

विपक्षी दल के नेता अक्सर चुनाव में EVM में गड़बड़ी को लेकर पब्लिक के बीच भ्रामक स्थिति लगातार निर्मित करते

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जगत जननी जगतारिणी मां जानकी का प्राकट्योत्सव

भई प्रगट कुमारी बैसाख की चिलचिलाती दोपहर होने को आई पर आज भी लगता है महाराज जनक की मनोकामना पूरी

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96.8% लाने वाली अन्वेषा पांडेय इसरो में वैज्ञानिक बनना चाहती है

कोरबा। सफलता मेहनत और लगन का अभूतपूर्व परिणाम है यह सिद्ध किया है अन्वेषा पांडेय ने। बचपन से ही होनहार

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बालको ने सुरक्षा तंत्र को चाकचौबंद करने जनजागरण के साथ जमीनी स्तर पर किये सार्थक प्रयास

◆बालको ने समुदाय में सुरक्षा संस्कृति के विकास को दिया बढ़ावा। ◆70 से अधिक सुरक्षा प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन। ◆

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घमासान : चुनाव को लेकर बिलासपुर सराफा एसोसिएशन की आपात बैठक..कार्यवाहक पदाधिकारियों को दिया पत्र

छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन का चुनाव जल्द कराया जाए बिलासपुर सराफा एसोसिएशन ने की मांग। प्रदेश के कार्यवाहक पदाधिकारियों से सात

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सर्वेश तिवारी श्रीमुख : कका मुस्कुराए.. बोले, “शुक्र मनाओ कि भक्त हैं, चम…”

कल मुख्यमंत्री जी आये थे। अरे हमारे गोपालगंज में! कहने लगे, “हमसे दो बार गलती हुई है। हम इधर से

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समर प्रताप : रिश्वतखोरी.. बीजेपी ने आते ही इंटरव्यू बन्द किया और वही मोदी वाला सिस्टम यहां भी हुआ

जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो नौकरियो में यहां भी इंटरव्यू सिस्टम था। सरकारी नोकरियो में टेस्ट के

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प्रहलाद सबनानी : वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में वृद्धि से गरीब वर्ग तक सहायता पहुंचाना हुआ आसान

आपको ध्यान होगा कि जब केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर को भारत में लागू करने के प्रयास कर रही थी तब कई विपक्षी दलों ने इस नए कर को देश में लागू करने के प्रति बहुत आशंकाएं व्यक्त की थीं। उस समय कुछ आलोचकों का तो यहां तक कहना था कि वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली देश में निश्चित ही असफल होने जा रही है एवं इससे देश के गरीब वर्ग पर कर के रूप में बहुत अधिक बोझ पड़ने जा रहा है। परंतु, केंद्र सरकार ने देश में पूर्व में लागू जटिल अप्रयत्यक्ष कर व्यवस्था को सरल बनाने के उद्देश्य से वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू कर दिया था तथा इस कर में लगभग 20 प्रकार के करों को सम्मिलित किया गया था। वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को लागू करने के तुरंत उपरांत व्यापारियों को व्यवस्था सम्बन्धी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा था। परंतु, इन परेशानियों को केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों के सहयोग से धीरे धीरे दूर कर लिया गया है एवं आज वस्तु एवं सेवा कर के अन्तर्गत देश में कर व्यवस्था का तेजी से औपचारीकरण हो रहा है जिससे देश में वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण कुलांचे मारता हुआ दिखाई दे रहा है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता होती है और यह धन देश की जनता से ही करों के रूप में उगाहे जाने के प्रयास होते हैं। उस कर व्यवस्था को उत्तम कहा जा सकता है जिसके अंतर्गत नागरिकों को कर का आभास बहुत कम हो। जिस प्रकार मक्खी गुलाब के फूल से शहद कुछ इस प्रकार से निकालती है कि फूल को मालूम ही नहीं पड़ता है, ठीक इसी प्रकार की कर व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा, वस्तु एवं कर सेवा के माध्यम से, देश में लागू करने के प्रयास किये गए हैं। गरीब वर्ग द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं पर कर की दर को या तो शून्य रखा गया है अथवा कर की दर बहुत कम रखी गई है। इसके विपरीत, धनाडय वर्ग द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं पर कर की दर बहुत अधिक रखी गई है। वस्तु एवं सेवा कर की दर को शून्य प्रतिशत से लेकर 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत एवं 28 प्रतिशत अधिकतम तक रखा गया है। भारत में वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को लागू किया हुए 6.5 वर्षों से अधिक का समय हो चुका है एवं आज देश में अप्रत्यक्ष कर संग्रहण में लगातार हो रही तेज वृद्धि के रूप में इसके सुखद परिणाम स्पष्टत: दिखाई देने लगे हैं। दिनांक 1 मई 2024 को अप्रेल 2024 माह में वस्तु एवं सेवा कर के संग्रहण से सम्बंधित जानकारी जारी की गई है। हम सभी के लिए यह हर्ष का विषय है कि माह अप्रेल 2024 के दौरान वस्तु एवं सेवा कर का संग्रहण पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 2.10 लाख करोड़ रुपए के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो निश्चित ही, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022 में वस्तु एवं सेवा कर का औसत कुल मासिक संग्रहण 1.20 लाख करोड़ रुपए रहा था, जो वित्तीय वर्ष 2023 में बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपए हो गया एवं वित्तीय वर्ष 2024 में 1.70 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया। अब तो अप्रेल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपए के स्तर से भी आगे निकल गया है। इससे यह आभास हो रहा है कि देश के नागरिकों में आर्थिक नियमों के अनुपालन के प्रति रुचि बढ़ी है, देश में अर्थव्यवस्था का तेजी से औपचारीकरण हो रहा है एवं भारत में आर्थिक विकास की दर तेज गति से आगे बढ़ रही है। कुल मिलाकर अब यह कहा जा सकता है कि भारत आगे आने वाले 2/3 वर्षों में 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। भारत में वर्ष 2014 के पूर्व एक ऐसा समय था जब केंद्रीय नेतृत्व में नीतिगत फैसले लेने में भारी हिचकिचाहट रहती थी और भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की हिचकोले खाने वाली 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल थी। परंतु, केवल 10 वर्ष पश्चात केंद्र में मजबूत नेतृत्व एवं मजबूत लोकतंत्र के चलते आज वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। वस्तु एवं सेवा कर के माध्यम से देश में कर संग्रहण में आई वृद्धि के

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