समर प्रताप : रिश्वतखोरी.. बीजेपी ने आते ही इंटरव्यू बन्द किया और वही मोदी वाला सिस्टम यहां भी हुआ
जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो नौकरियो में यहां भी इंटरव्यू सिस्टम था।
सरकारी नोकरियो में टेस्ट के बाद इंटरव्यू सिस्टम का मतलब ही रिश्वतखोरी,जातिवाद ,भाई भतीजा वाद को बढ़ावा देता है।
तो उस समय मोदी जी ने सरकारी टीचर्स के टेस्ट के बाद मैरिट लिस्ट वाली लिस्ट मंगवाई और जितनी वेकेंसी थी।
उतने लिस्ट के टॉप कैंडिडेट को ज्वाइनिंग लैटर भेज दिये।
पहली बार गुजरात मे ना कोई रिश्वत ले पाया न किसी को कोई इंटरव्यू के नाम पर निकाल पाया।
संघ समर्पित कार्यकर्तओं के परिवार तो होते नही तो उनका सिस्टम यही है।
हरियाणा में हुड्डा राज में नोकरियों का क्या हाल था ये किसी से छिपा नही।
खर्ची पर्ची प्रसिद्ध थी।
बीजेपी ने आते ही इंटरव्यू बन्द किया।
और वही मोदी वाला सिस्टम यहां भी हुआ।
इसमें किसी की जाति नही देखी गई।जो सही था फिट था वो सब जाति और धर्म के लगे।
कौनसा सिस्टम एक देश राज्य या ऑर्गनाइजेशन के लिये और प्रजा के लिये सही है।
यही ना जिसमें जो फिट हो वो आगे जाए।
और पूरे हरियाणा में वर्षो बाद गांव गांव में लोगो को पता चला कि पुलिस, ग्रुप D,टीचर्स या बाकी सरकारी नोकरी भी होती है।
जिन लोगो ने पुलिस में लाखों रुपये देकर एक सिपाही की नौकरी पाई और फिर उसे चौराहे पर लोगो से पूरा करना चाहा वो भी खुश थे कि बिना पैसे भी लोग लगते है।
हरियाणा बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी के कारणों में यही कारण है कि नौकरी नही मिली।
कार्यकर्ता छोड़ो एक सांसद से लेकर विधायक तक कि औकात नही है की वो बोल दे कि मैं एक नौकरी दिलवा दूँगा।
सीधे बोलते है नौकरी की मत बोलो कोई गली धर्मशाला का काम है तो बोलो।
बीजेपी का ये सिस्टम है और यही उसकी ताकत है।
यही उसकी EVM हैक की प्रणाली है जिसके बल पर वो 400 पार का नारा दे सकती है।
हरियाणा सिर्फ उदाहरण मात्र है ये हर स्टेट और पूरे देश की बात है।
