वेदों में क्या है?
वेदों से कुछ ज्योतिष प्रमाण
यानि नक्षत्राणि दिव्यन्तरिक्षे अप्सु भूमौ यानि नगेषु दिक्षु। प्रकल्पयंश्चन्द्रमा यान्येति सर्वाणि ममैतानि शिवानि सन्तु।। (अथर्व. 19/9/1) जिन नक्षत्रों को चंद्रमा
Read moreडाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : कोई भी पूर्ण रूप से नास्तिक नहीं होता..
दुनिया में कोई भी व्यक्ति पूर्ण नास्तिक न हुआ है न हो सकता है। नास्तिकता का अभिप्राय मात्र ईश्वर की
Read moreयोगेश किसले : दुर्गासप्तशती मार्कण्डेय पुराण का एक अंश है
दुर्गाशप्तशती के बारे में पहले भी बता चुका हूँ कि इसमें केवल उपासक और उसके परिजनों के कल्याण की कामना
Read moreप्रसिद्ध पातकी : पितृ पक्ष और विष्णु सहस्रनाम
‘‘आया कनागत बंधी आस, बामन उछलें नौ-नौ बांस’’….लोक में यह कहावत पितृ पक्ष को लेकर आम है। यह पक्ष आने
Read moreदेवांशु झा : वाल्मीकि रामायण.. भारत का पितृसत्तात्मक समाज…!!
इस मनुवादी सभ्यता-संस्कृति पर एक आरोप यह भी लगता रहा है कि यह पितृसत्तात्मक या पुरुषवादी संस्कृति है। बल्कि हिन्दू
Read moreविद्यासागर वर्मा : वैदिक मान्यताए.. ईश्वरीय ज्ञान (भाग 32) X) वेदों में विज्ञान (13), वेदों में मनोविज्ञान (1)
( Psychology in the Vedas ) i) मन का स्वरूप ( शंका समाधान ) हमारे इस लेख पर कुछ महानुभावों
Read moreविद्यासागर वर्मा : वेद : ईश्वरीय ज्ञान (भाग 31) X) वेदों में विज्ञान (12)
च) वेदों में रसायन विज्ञान ( Chemistry and Alchemy in the Vedas) सृष्टि के सभी पदार्थ भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान
Read moreध्रुव कुमार : योग- एक रहस्य.. नींद में ऐसे होता है योग…
आमतौर पर कुछ लोग योग को केवल व्यायाम मान लेते हैं। वैसे इसमें कोई बुराई नही है। योग हमारे शरीर
Read moreनवसंवत्सर..भारतीय काल गणना वैज्ञानिक व्यवस्था
आधुनिक विज्ञान ब्रम्हांड की आयु 1 अरब 98 करोड़ वर्ष निकालते हैं जबकि उनकी गणना पदार्थों के गुण से संयुक्त
Read moreज्योतिष–कसौटी पर खरे उतरते वैज्ञानिक नियम…!!
ज्योतिष को संसार में विज्ञान का दर्जा देने से कितने ही विज्ञान-कर्ता कतराते है. कारण और निवारण का सिद्धान्त अपना
Read moreविद्यासागर वर्मा : ईंश्वर प्रदत्त वेद स्वत: प्रमाण
वेदों के यथार्थ स्वरूप को जानने के लिए निम्न पहलुओं को ध्यान में रखना आवश्यक है , अन्यथा अर्थ का
Read moreसर्वेश तिवारी श्रीमुख : स्त्री दिवस ! विश्व अंधेरे में था तब हमारी संस्कृति की बेटियां वेद रच रही थीं..
सोच कर ही गर्व होता है कि आज से दस हजार वर्ष पूर्व जब अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप में सभ्यता बसी
Read moreवैदिक माइक्रोबायोलॉजी एक वैज्ञानिक दृष्टि रमेश चन्द्र दुबे
वेदज्ञान किसी भी एक ॠषि नही अपितु अनेक ॠषियों के ज्ञान का समूह है जो कई सहस्र ॠचाओं के रूप
Read moreवेदों में अग्नि.. सिगरेट पीने वालों…
अग्नि की प्रार्थना उपासना से यजमान धन, धान्य, पशु आदि समृद्धि प्राप्त करता है। उसकी शक्ति, प्रतिष्ठा एवं परिवार आदि
Read moreवेदों में मेधा, विचार शक्ति के लिए प्रत्यक्ष देव सूर्यदेव से विनय
गहनता से सोचने और उस इच्छित फल के लिए अपनी सम्पूर्ण ध्यान -शक्ति समर्पित कर देने से विचार बलवान हो
Read moreविद्यासागर वर्मा : वैदिक मान्यताएं कर्म सिद्धांत..कर्म और पुनर्जन्म..कर्म और भाग्य
महाभारत में इस आशय को इस प्रकार स्पष्ट किया गया है — “केवलं ग्रहनक्षत्रं न करोति शुभाशुभम् । सर्वमात्मकृतं कर्म
Read moreॐ अभय कीजिये.. वेंदो में सूर्यदेव से शत्रु विनाश आह्वान के सूक्त
लोग सोचते हैं कि हम मंत्रो का जप करेंगे और शत्रुओं का नाश हो जाएगा। ऐसा नहीं होता। शत्रु वास्तविक
Read moreएक वेद सूक्त प्रतिदिन व्हाट्सएप पर इस लिंक पर पाएं..
यस्य॑ सं॒स्थे न वृ॒ण्वते॒ हरी॑ स॒मत्सु॒ शत्र॑वः। तस्मा॒ इन्द्रा॑य गायत॥ – ऋग्वेद (1.5.4) (जुड़ने के लिए इस लिंक https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=374288617719032&id=166351765179386 में जाएं) Whatsapp
Read moreवैदिक मान्यताएँ जीव (36) मरणोपरान्त जीव की गति (भाग-1)
शोक / श्रद्धांजलि सभाओं में दिवंगत आत्मा के लिये सद्गति की प्रार्थना की जाती है। प्रार्थना का अभिप्राय होता है
Read moreयोगेश्वर श्रीकृष्ण : विराट भारतीय संस्कृति, जीवन दर्शन के अतुलनीय महानायक
सुदृढ़ राष्ट्र स्थापना..लगभग 70 वर्ष की उम्र में महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण के विचार थे कि धर्म स्थापना
Read moreक्या वेदों में पशुबलि, मांसाहार आदि का विधान है ?
वेदों से ही महामृत्युंजय-गायत्री मंत्र आएं हैं। किसी भी पंथ-मत के लोगों को पूछिए, वे अपने पूजनीय ग्रंथ का नाम
Read moreअनंत नेत्रों से देख कर्मानुसार फल देते हैं सूर्यदेव
सूर्य देव मानसिक शांति प्रदान करके वे सब प्रकार का सुख प्राप्त कराते है। जो मानव को अभीष्ट हैं और
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