सर्वेश तिवारी श्रीमुख : स्त्री दिवस ! विश्व अंधेरे में था तब हमारी संस्कृति की बेटियां वेद रच रही थीं..
सोच कर ही गर्व होता है कि आज से दस हजार वर्ष पूर्व जब अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप में सभ्यता बसी…
सोच कर ही गर्व होता है कि आज से दस हजार वर्ष पूर्व जब अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप में सभ्यता बसी…
वेदज्ञान किसी भी एक ॠषि नही अपितु अनेक ॠषियों के ज्ञान का समूह है जो कई सहस्र ॠचाओं के रूप…
अग्नि की प्रार्थना उपासना से यजमान धन, धान्य, पशु आदि समृद्धि प्राप्त करता है। उसकी शक्ति, प्रतिष्ठा एवं परिवार आदि…
गहनता से सोचने और उस इच्छित फल के लिए अपनी सम्पूर्ण ध्यान -शक्ति समर्पित कर देने से विचार बलवान हो…
महाभारत में इस आशय को इस प्रकार स्पष्ट किया गया है — “केवलं ग्रहनक्षत्रं न करोति शुभाशुभम् । सर्वमात्मकृतं कर्म…
लोग सोचते हैं कि हम मंत्रो का जप करेंगे और शत्रुओं का नाश हो जाएगा। ऐसा नहीं होता। शत्रु वास्तविक…
उत्तरायण तथा मकर संक्रान्ति की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। ( तमसो मा ज्योतिर्मय !…
यस्य॑ सं॒स्थे न वृ॒ण्वते॒ हरी॑ स॒मत्सु॒ शत्र॑वः। तस्मा॒ इन्द्रा॑य गायत॥ – ऋग्वेद (1.5.4) (जुड़ने के लिए इस लिंक https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=374288617719032&id=166351765179386 में जाएं) Whatsapp…
शोक / श्रद्धांजलि सभाओं में दिवंगत आत्मा के लिये सद्गति की प्रार्थना की जाती है। प्रार्थना का अभिप्राय होता है…
सुदृढ़ राष्ट्र स्थापना..लगभग 70 वर्ष की उम्र में महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण के विचार थे कि धर्म स्थापना…
वेदों से ही महामृत्युंजय-गायत्री मंत्र आएं हैं। किसी भी पंथ-मत के लोगों को पूछिए, वे अपने पूजनीय ग्रंथ का नाम…
सूर्य देव मानसिक शांति प्रदान करके वे सब प्रकार का सुख प्राप्त कराते है। जो मानव को अभीष्ट हैं और…
ईश्वर के स्वरूप के संदर्भ में सामान्यत: ईश्वर के गुण, कर्म और स्वभाव का वर्णन किया जाता है । अब…
वह परमपुरुष बिना शरीर के, बिना इन्द्रियों के ऐसे काम करता है मानो उसके असंख्य सिर हों, असंख्य आँखें हों…
( गतांक के आगे ) ix) अन्तरात्मा की आवाज़ । ईश्वर की सत्ता का मुख्य प्रमाण अन्तरात्मा में उठने वाली…
वैदिक वाङ्मय सूर्यदेवता के महात्म्य, उनकी विश्व संचालन में चेतनात्मक भूमिका तथा सूर्योपासना के लाभों के विवरणों से भरा पड़ा…
सृष्टि की रचना के लिये प्रवृत्ति (चेष्टा, इच्छा, संकल्प) की आवश्यकता होती है जो जड़ प्रकृति में नहीं है। उदाहरणार्थ…
वैदिक मान्यताएं मोक्ष सिद्धान्त 64) मोक्ष की अवधि यह सिद्धान्त है कि जिसका आदि होता है, उसका अन्त भी अवश्य…
द्वा सुपर्णा सयुजा सखाया समानं वृक्षं परि षस्वजाते। तयोरन्य: पिप्पलं स्वाद्वत्तयनश्ननन्यो अभिचाकशीति ।। — ऋग्वेद 1.164.20 दो पक्षी, सुन्दर पंखों…
इस बार पितृ पक्ष 16 दिन की अवधि में 2 सितंबर से17 सितंबर तक है। इसमें सनातन धर्म के लोग…
वेद नारी को अत्यंत महत्वपूर्ण, गरिमामय, उच्च स्थान प्रदान करते हैं। वेदों में स्त्रियों की शिक्षा- दीक्षा, शील, गुण, कर्तव्य,…
ॐ : हिंदुओं का मूल धार्मिक ग्रंथ कौन सा है? किसी भी सनातनी से पूछे तो जवाब रामायण मिलेगा, गीता…
ॐ : हिंदुओं का मूल धार्मिक ग्रंथ कौन सा है? किसी भी सनातनी से पूछे तो जवाब रामायण मिलेगा, गीता…