योगेश किसले : दुर्गासप्तशती मार्कण्डेय पुराण का एक अंश है
दुर्गाशप्तशती के बारे में पहले भी बता चुका हूँ कि इसमें केवल उपासक और उसके परिजनों के कल्याण की कामना नही है बल्कि विश्व शांति , विश्व कल्याण की भी कामना की गयी है । यह इतना महान ग्रन्थ है जिसमे सौ से अधिक श्लोक /मन्त्र विश्व कल्याण , मानव कल्याण , समाज कल्याण , सर्वजीव कल्याण ,सामूहिक कल्याण के अलावा विश्व के अशुभ और भय का विनाश , विश्व की रक्षा , विश्व के अभ्युदय से सम्बंधित हैं। …. “या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः , पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः। श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा , तां त्वां नताः स्म परिपालय देवी विश्वम। . अर्थात जो पुण्यात्माओं के घरो में लक्ष्मी रूप में , पापियो के घर दरिद्रता रूप से स्वच्छ ह्रदय वालो के लिए बुद्धिरूप से सच्चे व्यक्ति में श्रद्धा रूप से और कुलीन मनुष्य में लज्जा रूप से निवास करती है उन भगवती से प्रार्थना है कि वे विश्व का पालन करे।
अब आपको थोड़ा सा यह भी जान लेना चाहिए कि दुर्गाशप्तशती के मंत्रों का क्रोनोलॉजी कितना जबरदस्त है । मार्कण्डेय ऋषि ने इसकी रचना की है । मार्कण्डेय पुराण का एक हिस्सा भर है दुर्गाशप्तशती। पूरा मार्कण्डेय पुराण में अनुष्टुप्छन्दः का प्रयोग किया गया है। साहित्य की दृष्टि से भी यह इतना समृद्ध है कि सबकुछ वैज्ञानिक लगता है । अनुष्टुप छंद का अर्थ भी समझिए । इसमें आठ वर्ण और चार पद होते हैं । छंद के भी कई प्रकार होते हैं । दोहा , दोही , रोला, सोरठा , चौपाई , कुण्डलिया गीतिका आदि आदि । इस प्रकार की व्यवस्था में मात्रा अथवा वर्णों की संख्या, विराम, गति, लय तथा तुक आदि के नियमों को भी निर्धारित किया गया है जिनका पालन कवि को करना होता है ।
700 श्लोकों को इतनी बारीकी से लिखना , सभी वांक्षित बातों को समावेश करना और श्लोकों की गेयता बनाये रखना किसी सिद्ध ऋषि के बूते की ही बात होती ।
इसमें शामिल मंत्र इतने प्रभावी हैं कि इसे सिद्ध करनेवाला शक्तिशाली हो जाता है । इसिलए ब्रह्मा, विश्वामित्र और वशिष्ठ ने इसे शापित बना दिया । ऐसा इसलिए किया गया कि अगर किसी अयोग्य व्यक्ति द्वारा इसे सिद्ध कर लिया जाए तो वह इसका दरुपयोग भी कर सकता है । बाद में नारद के आग्रह पर शापोद्धार मन्त्र लिखा गया । इसलिए अगर मानवता के लिए इस शप्तशती को सिद्ध किया जाना हो तो शापोद्धार मन्त्र उच्चारित कर ही पाठ किया जाता है ।
आपसभी को नवरात्रि की शुभकामनायें । माँ दुर्गा विश्व का कल्याण करें ।