स्वतंत्रता ऐसे मिली : जर्मनी से इंग्लैंड फिर सैनिक वेश में मंच तक पहुंच 6 गोलियां.. देश के बड़े नेता बोले पागलपन
25 गोलियां और थी। वह चाहते तो भाग सकते थे, किंतु उन्होंने अपनी गिरफ्तार दे दी। देश के कुछ बड़े
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Read moreकाकोरी कांड के नायक : पंडित रामप्रसाद बिस्मिल बलिदान दिवस -19 दिसम्बर पंडित रामप्रसाद का जन्म 11 जून, 1897 को
Read moreभारतीय राजनीति की विडंबना है कि राजनीति ने व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष को जाति के दायरे में समेट कर रख
Read moreअल्फ्रेड कोलियार ने 1896 में एक खेल का पेटेंट कराया और उसका नाम दिया लूडो। दुनिया के सारे बच्चे इसे
Read more(पिछले भाग में लिंक किए गये) अखिल भारतीय हिंदू महासभा के 19वें वार्षिक अधिवेशन में दिये गये सावरकर के पूरे
Read moreविश्वविख्यात खगोलशास्त्री आर्यभट . जन्म दिवस – 21 मार्च खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के
Read moreआजाद ही जन्मा हुँ और मरते दम तक आजाद ही रहूँगा बलिदान दिवस – 27 फरवरी चंद्रशेखर आजाद, जो सदा
Read moreवीर हुतात्मा, बलिदानी उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के गांव सुनाम में हुआ
Read moreप्रफुल्लचंद चाकी ” जन्मदिन 10 दिसम्बर ” प्रफुल्ल का जन्म 10 दिसम्बर 1888 को उत्तरी बंगाल के बोगरा जिला (अब
Read moreआरंभिक मौर्यकालीन राजनीति के भास्करशिल्प संस्कृत-नाट्य “मुद्राराक्षस” की रचना, “विशाखदत्त” नामक एक “जीनियस” नाट्यकार ने की थी। (“विशाखदत्त” एक प्रबल
Read moreपंजाब केसरी लाला लाजपतराय “बलिदान-दिवस” 17 नवम्बर, 1928 ‘‘यदि तुमने सचमुच वीरता का बाना पहन लिया है, तो तुम्हें सब
Read moreबंकिमचंद्र की किताब “आनंदमठ” को फिरंगी बार बार प्रतिबंधित करते थे और उन्हें पाँच बार इसे सुधार कर छपवाना पड़ा।
Read moreअपने पहले पांच साल के कार्यकाल के दौरान यूपीए सरकार ने कारगिल विजय दिवस पर उत्सव नहीं बल्कि शोक मनाया।
Read moreचंद्रशेखर आज़ाद कहा करते थे कि किसी भी शहर, कसबे की धूप और हवा मुझे खतरे के संकेत देने लगती
Read moreसच तो यह है कि पूरे स्वतंत्रता संग्राम किसी बड़े कांग्रेसी नेता को फांसी की सजा नहीं हुई, किसी बड़े
Read moreहिन्दी पट्टी में बंगाल के क्रांतिकारियों पर बहुत कम बात हुई है। इतनी कम कि यदि आपसे अनुशीलन समिति, बंगाल
Read moreलाहौर षड़यंत्र 1929 का आधिकारिक नाम “Crown vs Sukhdev and others” था फिर भी सुखदेव को वामपंथी इतिहासकारों ने भगत
Read more….गांव के लोगों ने उनका बहिष्कार कर दिया, डकैत की मां कहकर अपमानित किया. पेट पालने के लिए जंगल से
Read moreबटेश्वर को मण्डपिका मंदिरों का स्थल कहा गया। मण्डपिका यानी चतुष्स्तंभीय मण्डप के ऊपर शिखर और आमलक कलश युक्त मंदिर।
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Read moreआदिवासी समाज का स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि देश की स्वतंत्रता
Read moreचंद्रशेखर आजाद का इतिहास प्रसिद्ध माऊज़र गरजने लगा था और अगले ही क्षण चनन सिंह की लाश सड़क पर बिछ
Read moreफिल्म सम्राट पृथ्वीराज के अंत में डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी कुछ पंक्तियों में फिल्म का सारांश पढ़ते हैं. इस बहाने वह
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