डाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : धर्म नाश पर बिना पूछे भी यथार्थ स्वरूप को बतलाने वाला वक्तव्य ( कथन) अवश्य करें

मौन वाणी से अधिक मुखर होता है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए नहीं। मौन उन्हीं के लिए मुखर होता है

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प्रसिद्ध पातकी : ट्रेन फूंकने और पथराव करने से तो अच्छा है..

आदित्य हृदय स्तोत्र में भगवान भुवन भास्कर को एक खग यानी पक्षी बताया गया है. विशाल आकाश मे पर फैलाये

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प्रसिद्ध पातकी : “विधेयात्मा” गीता – विष्णुसहस्रनाम में.. एकादशी की राम-राम

विधेयात्मा : ऐसा ठाकुर जो राजी-खुशी बिक जाए बेमोल इस बार गर्मी अपने पूरे शवाब पर है। पर मुझे यह

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प्रसिद्ध पातकी : अपरा एकादशी.. विष्णु सहस्रनाम में वीर: और शुर: से आशय

जो लड़े दीन के हेत, सूरा सोई _____________________ भगवान की गीता में प्रसिद्ध उक्ति है कि वह साधु यानी सज्जन

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जगत जननी जगतारिणी मां जानकी का प्राकट्योत्सव

भई प्रगट कुमारी बैसाख की चिलचिलाती दोपहर होने को आई पर आज भी लगता है महाराज जनक की मनोकामना पूरी

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प्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम व गीता में धाम..धाम का कोई रिटर्न टिकट नहीं कटता

मनुष्य जिस स्थान में रहता है, उसे अपना घर कहता है। धाम नहीं। धाम प्राय: ईश्वर के निवास के स्थान

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प्रहलाद सबनानी : भारत में वर्षप्रतिपदा हिंदू कालगणना के वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मनाई जाती है

भारत में हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार नए वर्ष का प्रारम्भ वर्षप्रतिपदा के दिन होता है। वर्षप्रतिपदा की तिथि निर्धारित

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प्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम, गीता और ज्योतिष में क्रोध

अप्रैल का माह शुरू हो गया है। यानी मौसम और मन-मिजाज में ताप की तीव्रता और प्रखरता बढ़ने का काल।

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विद्यासागर वर्मा : होली पर्व का उद्गम स्थान मुल्तान

कार के टायर, कूड़ा करकट, गंदे पेपर आदि दुर्गंध देने वाली वस्तुओं को पवित्र अग्नि में आहुति न दी जाए,

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आर्यभट : भारतीय खगोलविद्या एवं ज्योतिष पर शोध..

विश्वविख्यात खगोलशास्त्री आर्यभट . जन्म दिवस – 21 मार्च खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के

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प्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम और गीता में कूर्मावतार को समर्पित श्लोक

मेरे एक मित्र हैं, उन्होंने बहुत पहले नौकरी के बारे में एक बहुत व्यावहारिक बात कही थी। उन्होंने कहा था

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टीशा अग्रवाल : अर्जुन तो बहाना था श्रीकृष्ण को गीता हनुमानजी को सुनाना था

हनुमानजी अजर अमर हैं। हनुमानजी हर युग में थे, हैं और रहेंगें। सुंदरकांड में एक बहुत सुंदर चौपाई हैं; अजर

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प्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम में “सुव्रत” नाम की व्याख्या

आज से करीब दस बरस पहले स्वामी गिरीशानंद जी के साथ सत्संग लाभ का सौभाग्य बना. आप वृंदावन वाले स्वामी

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कमलकांत त्रिपाठी : तुलसी का योगदान भाग-13.. तुलसी का काव्य-सौष्ठव

तुलसी का योगदान-तेरह तुलसी का काव्य-सौष्ठव एक-रामचरितमानस का लोक-रूपक: धान (चावल) रूपी सत्कर्म का फलित सुमति भूमि थल हृदय अगाधू।

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प्रसिद्ध पातकी : एक अद्भुत व्याख्या विष्णु सहस्रनाम के एक अंश की

कानों में जरा कह दे कि आएं कौन दिशा से हम? ————————— विष्णु सहस्रनाम में वैसे तो भगवान श्रीमन्नारायण के

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सर्वेश तिवारी श्रीमुख : कैसे आते हैं श्रीराम!

कैसे आते हैं श्रीराम! १- उस घने वन में एक ओर सीधे सादे भीलों की बस्तियां होतीं थीं, तो दूसरी

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सर्वेश तिवारी श्रीमुख : मनुष्य के सबसे सुंदर अंग पांव.. इतने सुंदर कि उन्हें पूजा जाता है…

पुरुष की प्रतिष्ठा उसकी स्त्री तय करती है और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष। कुछ तस्वीरें बहुत सुन्दर होती हैं।

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कमलकांत त्रिपाठी : याद हो कि न याद हो..सनातनी आस्था और भौतिकवादी अनास्था…

याद हो कि न याद हो: सनातनी आस्था और भौतिकवादी अनास्था (तिवारी जी से बातचीत) तिवारी जी संकल्प सत्ता और

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डाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : हमारे पूजन में कैसा विज्ञान अंतर्निहित है…

हम रोज नारा सुनते हैं दुनिया हमसे सीखने को तैयार है, लेकिन प्रश्न उठता है कि दुनिया हमसे क्या सीखने

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योगी अनुराग : ये पुरी के श्रीजगन्नाथमन्दिर का बड़-देउल है, यानी गर्भगृह का यशस्वी शिखर!

वैसे तो श्रीमन्दिर में प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक कुल पांच (या चार) शिखरनुमा निर्माण दीखते हैं, किन्तु ज़ाहिर

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