प्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम में “प्रकाश” है अर्थवान
संत दिवाली नित करें, सत्तलोक के माहिं आज रमा एकादशी है। यानी लक्ष्मी जी से जुड़ी तिथि। यह एक माइल
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Read moreमंदिर जाने का अर्थ हमेशा भगवान से कुछ मांगना नहीं होता, बस उन्हे देखने और उत्पन्न भाव को महसूस करने
Read moreभगवान वराह की यह मुद्रा मुझे बहुत आकर्षक लगती है. मानों भगवान कृष्ण ब्रह्माण्ड की नीरवता में बंसी की मधुर
Read moreमौन वाणी से अधिक मुखर होता है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए नहीं। मौन उन्हीं के लिए मुखर होता है
Read moreआदित्य हृदय स्तोत्र में भगवान भुवन भास्कर को एक खग यानी पक्षी बताया गया है. विशाल आकाश मे पर फैलाये
Read moreविधेयात्मा : ऐसा ठाकुर जो राजी-खुशी बिक जाए बेमोल इस बार गर्मी अपने पूरे शवाब पर है। पर मुझे यह
Read moreजो लड़े दीन के हेत, सूरा सोई _____________________ भगवान की गीता में प्रसिद्ध उक्ति है कि वह साधु यानी सज्जन
Read moreभई प्रगट कुमारी बैसाख की चिलचिलाती दोपहर होने को आई पर आज भी लगता है महाराज जनक की मनोकामना पूरी
Read moreमनुष्य जिस स्थान में रहता है, उसे अपना घर कहता है। धाम नहीं। धाम प्राय: ईश्वर के निवास के स्थान
Read moreभारत में हिंदू सनातन संस्कृति के अनुसार नए वर्ष का प्रारम्भ वर्षप्रतिपदा के दिन होता है। वर्षप्रतिपदा की तिथि निर्धारित
Read moreअप्रैल का माह शुरू हो गया है। यानी मौसम और मन-मिजाज में ताप की तीव्रता और प्रखरता बढ़ने का काल।
Read moreकार के टायर, कूड़ा करकट, गंदे पेपर आदि दुर्गंध देने वाली वस्तुओं को पवित्र अग्नि में आहुति न दी जाए,
Read moreब्राह्मणों के अद्भुत-विज्ञान ——————————- ऊर्जा तरंग के रूप में गति करती है। ये तरंग ही वैदिक भाषा में छन्द कहलाते
Read moreविश्वविख्यात खगोलशास्त्री आर्यभट . जन्म दिवस – 21 मार्च खगोलशास्त्र का अर्थ है ग्रह, नक्षत्रों की स्थिति एवं गति के
Read moreमेरे एक मित्र हैं, उन्होंने बहुत पहले नौकरी के बारे में एक बहुत व्यावहारिक बात कही थी। उन्होंने कहा था
Read moreहनुमानजी अजर अमर हैं। हनुमानजी हर युग में थे, हैं और रहेंगें। सुंदरकांड में एक बहुत सुंदर चौपाई हैं; अजर
Read moreआज से करीब दस बरस पहले स्वामी गिरीशानंद जी के साथ सत्संग लाभ का सौभाग्य बना. आप वृंदावन वाले स्वामी
Read moreतुलसी का योगदान-तेरह तुलसी का काव्य-सौष्ठव एक-रामचरितमानस का लोक-रूपक: धान (चावल) रूपी सत्कर्म का फलित सुमति भूमि थल हृदय अगाधू।
Read moreकानों में जरा कह दे कि आएं कौन दिशा से हम? ————————— विष्णु सहस्रनाम में वैसे तो भगवान श्रीमन्नारायण के
Read moreकैसे आते हैं श्रीराम! १- उस घने वन में एक ओर सीधे सादे भीलों की बस्तियां होतीं थीं, तो दूसरी
Read moreपुरुष की प्रतिष्ठा उसकी स्त्री तय करती है और स्त्री का सौंदर्य उसका पुरुष। कुछ तस्वीरें बहुत सुन्दर होती हैं।
Read moreयाद हो कि न याद हो: सनातनी आस्था और भौतिकवादी अनास्था (तिवारी जी से बातचीत) तिवारी जी संकल्प सत्ता और
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