धर्म/आध्यात्म
मां बगलामुखी जयंती : 04 मई को प्रातः 07 बजकर 18 मिनट से 05 मई को प्रातः 07 बजकर 35 मिनट तक
मां आदिशक्ति बगलामुखी अपने भक्तों की रक्षा स्वयं ही करतीं हैं। जो भी इनके साधकों को परेशान करता है, वो
Read moreसमस्त पापनाशक श्रीहरि स्तोत्र
विष्णवे विष्णवे नित्यं विष्णवे विष्णवे नम:! नमामि विष्णुं चित्तस्थमहंकारगतिं हरिन !! चित्तस्थमीशमव्यक्तमनन्तमपराजितम! विष्णुमीड्यमशेषेण अनादिनिधनं विभुम!! विष्णुश्चित्तगतो यन्मे विष्णुर्बुद्धि गतश्च यत!
Read moreश्रीमद् देवी भागवत (6) : पं. राजकुमार शर्मा बोले “गायत्री मंत्र जप करने एवं शिव पार्वती के आचरण पर चलने वालों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.. “
कोरबा। गायत्री मंत्र की महिमा का बखान करते हुए श्रीमद् देवी भागवत कथा पुराण के छठवें दिवस पं. राजकुमार शर्मा
Read moreश्रीमद् देवी भागवत (5) : पं. राजकुमार शर्मा बोले “जीवन में मातृशक्ति का सम्मान करने वाले सफलता के शीर्ष पर पहुंचते हैं”
कोरबा। देवी भागवत का पारायण ब्रह्म हत्या से भी मुक्ति दिलाती है। देवराज इंद्र ने एक ब्राह्मण कुल में जन्मे
Read moreश्रीमद् देवी भागवत (4) : पं. राजकुमार शर्मा बोले “जीवन में सफल लोग आदिशक्ति की आराधना से जुड़े है ”
कोरबा। ” मां आदिशक्ति ने दुर्गा के रूप में अवतार लिया था। जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना
Read moreश्रीमद् देवी भागवत (3) : पं. राजकुमार शर्मा बोले “तीर्थ से अर्थ प्राप्ति और अर्थ से जीवन में सफलता मिलती है ” दान के महत्व पर डाला प्रकाश
कोरबा। “तीर्थ यात्रा जीवन में सबको करना चाहिए क्योंकि तीर्थ यात्रा करने से मन-आत्मा की शुद्धि के साथ ही अर्थ
Read moreश्रीमद् देवी भागवत (2) : पं. राजकुमार शर्मा ने सुकदेव जी, वेदव्यास के जीवन वृत्तांत व कर्मफल का बताया महत्व
कोरबा। श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन पंडित श्री राजकुमार शर्मा जी के मुखारविंद से आज दूसरे
Read moreश्रीमद् देवी भागवत पुराण पं.राजकुमार शर्मा के मुखारविंद से 30 जनवरी से कोरबा में
कोरबा। श्रीमद् देवी भागवत पुराण ज्ञान यज्ञ का आयोजन गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर मां सिद्धिदात्री तीर्थ यात्रा सेवा
Read moreप्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम में कवि.. कवि शब्द ‘कु’ से बना है
‘‘वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान’’ भगवान के नाम सब एक से बढ़कर एक अनमोल हैं। भगवान
Read moreमहाकुंभ 2025 : सनातन धर्म के सार की यात्रा
” महाकुंभ की दिव्य छत्रछाया में एकत्रित हुए हम सभी की आस्था और भक्ति का अमृत हमारी आत्माओं को पवित्र
Read moreजो मनुष्य आध्यात्मिक रुप से धनवान है वह जीवन में श्रेष्ठ है : सुरेंद्र बिहारी
कोरबा। जो मनुष्य आज के भौतिक सुख साधन की जगह आध्यात्मिक रास्ते को अपनाकर जीवन में चलता है और श्रद्धा
Read moreविद्यासागर वर्मा : 21 दिसंबर से जगत के पालनहार सूर्यदेव हुए उत्तरायण
उत्तरायण तथा मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ। ( तमसो मा ज्योतिर्मय ! ) हे प्रभो ! हमें अन्धकार से प्रकाश
Read moreदेवांशु झा : श्रीनिवास रामानुजन.. तर्क और अध्यात्म के तत्व का जो अंतर्दृष्टिमूलक विपर्यय है–उसे एक साथ साधा
श्रीनिवास रामानुजन की जयंती पर…(२२ दिसंबर ) यह बड़ी अजीब सी बात है कि साहित्यिक होते हुए भी मैं किसी
Read moreप्रसिद्ध पातकी : श्रीविष्णुसहस्त्रनाम से मारवाड़ियों को यह गूढ़ ज्ञानसूत्र घुट्टी में मिला है
आज एक धर्मप्रेमी सज्जन ने प्रश्न किया कि— देवोत्थान एकादशी पर श्रीमद् विष्णु के उठने का भी कोई शुभ मुहूर्त
Read moreप्रसिद्ध पातकी : विष्णु सहस्रनाम में “प्रकाश” है अर्थवान
संत दिवाली नित करें, सत्तलोक के माहिं आज रमा एकादशी है। यानी लक्ष्मी जी से जुड़ी तिथि। यह एक माइल
Read moreडॉ. पवन विजय : क्यों आपका मंदिर न जाना भी भक्ति का एक स्वरूप है..?
मंदिर जाने का अर्थ हमेशा भगवान से कुछ मांगना नहीं होता, बस उन्हे देखने और उत्पन्न भाव को महसूस करने
Read moreप्रसिद्ध पातकी : वेद विज्ञान के अनुसार सृष्टि के निर्माण में वराह वायु की भूमिका
भगवान वराह की यह मुद्रा मुझे बहुत आकर्षक लगती है. मानों भगवान कृष्ण ब्रह्माण्ड की नीरवता में बंसी की मधुर
Read moreडाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : धर्म नाश पर बिना पूछे भी यथार्थ स्वरूप को बतलाने वाला वक्तव्य ( कथन) अवश्य करें
मौन वाणी से अधिक मुखर होता है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए नहीं। मौन उन्हीं के लिए मुखर होता है
Read moreप्रसिद्ध पातकी : ट्रेन फूंकने और पथराव करने से तो अच्छा है..
आदित्य हृदय स्तोत्र में भगवान भुवन भास्कर को एक खग यानी पक्षी बताया गया है. विशाल आकाश मे पर फैलाये
Read moreप्रसिद्ध पातकी : “विधेयात्मा” गीता – विष्णुसहस्रनाम में.. एकादशी की राम-राम
विधेयात्मा : ऐसा ठाकुर जो राजी-खुशी बिक जाए बेमोल इस बार गर्मी अपने पूरे शवाब पर है। पर मुझे यह
Read moreप्रसिद्ध पातकी : अपरा एकादशी.. विष्णु सहस्रनाम में वीर: और शुर: से आशय
जो लड़े दीन के हेत, सूरा सोई _____________________ भगवान की गीता में प्रसिद्ध उक्ति है कि वह साधु यानी सज्जन
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