एस्ट्रो निशांत : पहलगाम नरसंहार की 22 दिन पूर्व की थी भविष्यवाणी.. युद्ध को लेकर होगा ये..!!
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक सफल भविष्यवाणी कर चुके एस्ट्रो निशांत ताम्रकार (+917974939026) बता रहे हैं कि वर्ष 2025 में सितम्बर से मोदी सरकार की स्थिति किस प्रकार की होगी..? आपको बता दें कि जून 20024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद उन्होंने लिखा था कि विपक्षी दलों के द्वारा सरकार को अस्थिर करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा लेकिन सफलता नहीं मिलेगी।
कोरोना को लेकर एक वर्ष पूर्व ही वे वैश्विक स्तर किसी बड़ी महामारी को लेकर आशंका व्यक्त कर चुके थे।
पहलगाम में आतंकी हमले के पूर्व ही उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर इस हमले को लेकर 20 March को ही यानी 22 दिन पहले ही नास्त्रेदमस की ही शैली में कविता के रूप में लिखकर व्यक्त कर चुके थे।
वे बताते हैं कि अक्सर कई बड़ी घटनाओं का पूर्वाभास उन्हें नींद में हो जाता है।पूर्व में भी कविताओं के रूप में भविष्य में घटने वाली घटनाओं को वे व्यक्त कर चुके हैं।
” उनकी कविता में युद्ध का पूर्वाभास सा व्यक्त हो रहा है “, प्रतिउत्तर में वे कहते हैं कि अब जिस रूप में आगे घटना घटित हो वह ईश्वर की इच्छा है। मुझे जो संकेत मिले थे वो मैंने कविता के रूप में व्यक्त कर दिया था।
कविता का अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पानी की आस है लेकिन पानी की जगह गोलाबारी मिलेगा। “..आगे खूब तपेगा सूरज..” का गूढ़ार्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि सूरज यानी राजा..सब ग्रहों का राजा सूरज यानी सारे राज्यों का मुखिया केंद्र सरकार का आक्रोश व्यक्त होगा। परिंदे यानी जहाज गोलाबारी से जलकर गिरेंगे। ये जो सरकार के विपक्ष में, देश के विरुद्ध बोलने वाले निम्न स्तर के जो लोग हैं वे सब सड़े फल की तरह डस्टबिन में फेंक दिए जायेंगे।
इसी बात पर आगे वे कहते हैं देख लीजिए देश में विपक्ष की स्थिति ऐसी ही हो गई है और आगे और भी बुरी स्थिति होगी।
“..आसमान से पानी आएगा की बात को वे पहलगाम आतंकी हमले से जोड़कर देखते हैं और कहते हैं कि आसमान से पानी आएगा यानी लोग घड़ियाली आंसू पहलगाम के नरसंहार पर बरसायेंगे।
“..इलाज मुश्किल…बड़े रोब से नजर आएंगे” को लेकर वे कहते हैं कि पहलगाम हमले से लेकर युद्ध की स्थिति तक भारत द्रोही रोब में नजर आएंगे लेकिन ये सब सड़े फल की तरह डस्टबीन में फेंक दिए जाएंगे यानी जनता इन्हें (विपक्षी दलों के नेताओं को) नकार देगी।
“..सफाई के लिए… आस्तीन में क्या मिला” को आकार देते हुए श्री निशांत कहते हैं कि मशाली की अवधारणा इजराइल से की जा सकती है जो सहयोग करने के लिए सबसे बड़ी पहल करेगा और सफाई अभियान में मोदी सरकार की मदद करेगा। श्री निशांत आस्तीन और यकीन को लेकर कहते हैं कि जो देश इस समय मदद करने की बात कह रहे हैं वे समय पर कही पीछे भी हट सकते हैं इसलिए मोदी सरकार को जो भी कदम उठाने हैं वो अपने ही बल पर उठाने होंगे।
आगे श्री निशांत आगे कहा कि युद्ध प्राकृतिक आपदाओं और उल्कापिंड के साथ विनाशकारी होगा। भारत इसके बाद ‘विश्वगुरु’ के रूप में और तेजी से उभरेगा। यह भविष्यवाणी केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत – आस्था नहीं, बल्कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए एक चेतावनी के रूप में भी देखा जाना चाहिए।”
3 मई 2025 के एक पोस्ट में श्री निशांत ने लिखा है कि 12 जुलाई 2025 से मोदी सरकार को कठिनाइयों से जूझना पड़ेगा लेकिन इस विषय पर आगे की स्थिति को लेकर वे कहते हैं कि इसके बाद भी मोदी सरकार 5 वर्ष तक का कार्यकाल कड़े निर्णायक फैसलों के साथ पूरा करेगी।
आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस बार आतंकियों के साथ-साथ साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से परे दंड दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि इस बार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
