कमलकांत त्रिपाठी : तुलसी का योगदान भाग-13.. तुलसी का काव्य-सौष्ठव

तुलसी का योगदान-तेरह तुलसी का काव्य-सौष्ठव एक-रामचरितमानस का लोक-रूपक: धान (चावल) रूपी सत्कर्म का फलित सुमति भूमि थल हृदय अगाधू।

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प्रसिद्ध पातकी : एक अद्भुत व्याख्या विष्णु सहस्रनाम के एक अंश की

कानों में जरा कह दे कि आएं कौन दिशा से हम? ————————— विष्णु सहस्रनाम में वैसे तो भगवान श्रीमन्नारायण के

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डाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : हमारे पूजन में कैसा विज्ञान अंतर्निहित है…

हम रोज नारा सुनते हैं दुनिया हमसे सीखने को तैयार है, लेकिन प्रश्न उठता है कि दुनिया हमसे क्या सीखने

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योगी अनुराग : ये पुरी के श्रीजगन्नाथमन्दिर का बड़-देउल है, यानी गर्भगृह का यशस्वी शिखर!

वैसे तो श्रीमन्दिर में प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक कुल पांच (या चार) शिखरनुमा निर्माण दीखते हैं, किन्तु ज़ाहिर

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आज समाप्त हुआ चातुर्मास.. आशुतोष अब कैलाश चले

ब्रह्मांड पर अब विष्णु भगवान का साम्राज्य आज समाप्त हुआ चातुर्मास देव जागरण के साथ मांगलिक कार्य प्रारम्भ विष्णु और

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आत्मा को विद्युत प्रवाह (बिजली) माने तो उसी से प्रकाशित “बल्ब” शरीर के सामान है

 शरीर सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) में वर्णन है कि संसार से बंधी हुई आत्मा, “मृत्यु लोक”, (अर्थात ब्रह्माण का वो

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दीपपर्व पर विष्णुजी के स्थान पर महालक्ष्मी के संग मां सरस्वती-श्रीगणेश का पूजन क्यों..?

दीपपर्व पर मां महालक्ष्मी के संग मां सरस्वती-श्रीगणेश का पूजन किया जाता है लेकिन श्रीहरि विष्णुजी का नहीं… इसका कारण

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वेदों से कुछ ज्योतिष प्रमाण

यानि नक्षत्राणि दिव्यन्तरिक्षे अप्सु भूमौ यानि नगेषु दिक्षु। प्रकल्पयंश्चन्द्रमा यान्येति सर्वाणि ममैतानि शिवानि सन्तु।। (अथर्व. 19/9/1) जिन नक्षत्रों को चंद्रमा

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डाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : कोई भी पूर्ण रूप से नास्तिक नहीं होता..

दुनिया में कोई भी व्यक्ति पूर्ण नास्तिक न हुआ है न हो सकता है। नास्तिकता का अभिप्राय मात्र ईश्वर की

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देवांशु झा : वाल्मीकि रामायण.. भारत का पितृसत्तात्मक समाज…!!

इस मनुवादी सभ्यता-संस्कृति पर एक आरोप यह भी लगता रहा है कि यह पितृसत्तात्मक या पुरुषवादी संस्कृति है। बल्कि हिन्दू

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सर्वेश तिवारी श्रीमुख : गणेश चतुर्थी.. दाग अच्छे हैं!

आज भादो अंजोर की चतुर्थी है। हमारे यहाँ इसे ढेला चौथ भी कहते हैं। लोक मान्यता है कि इस चतुर्थी

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गुरु घासीदास ने धर्म बदलने की जगह स्वाभिमान के साथ जीने का मार्ग दिखाया

सतनामी पन्थ के संस्थापक : गुरु घासीदास 18 सितम्बर–जन्म-दिवस छत्तीसगढ़ वन, पर्वत व नदियों से घिरा प्रदेश है। यहाँ प्राचीनकाल

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सिद्धि : प्रचुर नैवेद्य, महंगी माला, सजावट से नहीं बल्कि ऐसे आती है..

आधार निलया वसिनयाधी वाक्देवताओ ने उपसर्ग “नीर” और “निश” का उपयोग करने में एक बहुत बड़ा कौशल दिखाया, जो आम

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जैसी तुम्हारी इच्छा हो वैसा करो..

भारत के राष्ट्रपति डाक्टर सर्वोपल्ली राधाकृष्णन के विचार — जैसी तुम्हारी इच्छा हो वैसा करो। परमात्मा देखने में तटस्थ या

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स्त्री ऋषि गार्गी.. एक ईश्वर की ऐसी परिभाषा किसी और धर्म ग्रंथों में नहीं…

यह लेख और स्त्री ऋषी गार्गी का संवाद उन लोगों को पढ़ना और VDO देखना चाहिए जो इस भरम में

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कौशल सिखौला : उद्धव-गीता को जानिए

उद्धव बचपन से ही सारथी के रूप में श्रीकृष्ण की सेवा में रहे, किन्तु उन्होंने श्रीकृष्ण से कभी न तो

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डाॅ. चन्द्र प्रकाश सिंह : श्रीमद्भगवद्गीता पर विश्व में सर्वाधिक भाष्य, टिप्पणी और व्याख्याऐं

कोई रामगोपाल नाम का फिल्म निर्देशक है। उसका कहना है कि परमाणु बम के जनक ओपेनहाइमर ने गीता पढ़ा होगा

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ध्रुव कुमार : श्रीराम-श्रीकृष्ण में कौन सी ब्रम्हांडीय शक्तियां थी..?

मुझे निजी तौर पर वाल्मीकि जी के मर्यादा पुरुषोत्तम राम व माता सीता ज्यादा प्रिय है क्योंकि पहली बात तो

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विद्यासागर वर्मा : वेद : ईश्वरीय ज्ञान (भाग 31) X) वेदों में विज्ञान (12)

च) वेदों में रसायन विज्ञान ( Chemistry and Alchemy in the Vedas) सृष्टि के सभी पदार्थ भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान

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कौशल सिखौला : गुरु धारण न करने वाले इन्हें पूजे..

बलिहारी गुरु आपनों गोविंद दियो बताय गुरुओं के भी गुरु अनादि शंकर भारतीय संस्कृति में गुरु की महिमा अपार है

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ध्रुव कुमार : सूर्यदेव ही भगवान विष्णु हैं और भगवान विष्णु ही सूर्यदेव हैं

जगतपिता व ब्रह्मंड के संचालक का शयन  ब्रह्मंड के चार महान बलों को धारण करने वाले व अपने तीन विशाल

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कमलकांत त्रिपाठी : तुलसी का रूढ़िवाद: शूद्र और नारी के प्रति तुलसी की संकुचित दृष्टि का यथार्थ..(दो)

रामचरितमानस एक प्रबंधकाव्य है जिसके नायक दशरथनंदन राम हैं और खलनायक है रावण। नायक-खलनायक के अतिरिक्त इसमें अनेक पात्र हैं

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