श्रीमद् देवी भागवत (2) : पं. राजकुमार शर्मा ने सुकदेव जी, वेदव्यास के जीवन वृत्तांत व कर्मफल का बताया महत्व
कोरबा। श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन पंडित श्री राजकुमार शर्मा जी के मुखारविंद से आज दूसरे दिवस की मां आदिशक्ति की अमर कथा व सुकदेव जी के जन्म का विस्तार से वर्णन किया। भागवत कथा के मध्य राधे-राधे श्री राधे के नाम से पूरा पंडाल गूंजता रहा।
इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तजनों भागवत कथा में सहभागी बनकर अमृत कथा का श्रवण किया। व्यासपीठ पर कथा वाचक श्री राजकुमार शर्मा जी ने सुखदेव जी के जन्म का विस्तार से वर्णन करते हुऐ कहा कि कैसे श्री कृष्ण सुकदेव महाराज को धरती पर भेजे भागवत कथा ज्ञान करने को ताकि कलयुग के लोगों का कल्याण हो सके।
श्री राजकुमार शर्मा ने कहा कि भागवत कथा का श्रवण आत्मा का परमात्मा से मिलन करवाता है। संसार में जितने भी प्राणी हैं। सभी परिचित हैं सब की मृत्यु एक ना एक दिन होनी तय है और जो मनुष्य एक बार श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कर ले और उसे सुनकर जीवन में उतार ले तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
महाभारत के अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो जीवन में दूसरों का भला करता है, उसका शुभ मंगल होने से कोई नहीं रोक सकता। सही दिशा में चलने वाले लोग थोड़ा सा कष्ट आरंभ में उठाते हैं लेकिन पश्चात में उनका जीवन सुखद परिणामों के साथ बीतता है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन दोपहर 3:30 बजे से श्रीमद् देवी पुराण रूपी ज्ञान गंगा का प्रवाह गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर मां सिद्धिदात्री तीर्थ यात्रा सेवा समिति के प्रमोद साहू ,राहुल साहू आयोजकत्व में पुराना बस स्टैंड के पीछे लक्ष्मी निवास (बाड़ी) कोरबा में 30 जनवरी से 6 फरवरी तक किया जा रहा है।
