मां बगलामुखी जयंती : 04 मई को प्रातः 07 बजकर 18 मिनट से 05 मई को प्रातः 07 बजकर 35 मिनट तक

मां आदिशक्ति बगलामुखी अपने भक्तों की रक्षा स्वयं ही करतीं हैं। जो भी इनके साधकों को परेशान करता है, वो स्वयं ही बड़ी परेशानियों से घिरकर नाश को प्राप्त होता है।
तंत्र-मंत्र के साधक मां बगलामुखी की कठिन साधना करते हैं. इस कठिन साधना से प्रसन्न होकर मां बगलामुखी अपने भक्तों को इच्छित फल प्रदान करती हैं. इसके साथ ही साधक के जीवन में उपस्थित सभी प्रकार के दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं. आइए, बगलामुखी जयंती की सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
 
हर वर्ष वैशाख मास में बगलामुखी जयंती का आयोजन किया जाता है. यह दिन पूरी तरह से देवी मां बगलामुखी को समर्पित होता है. इस पावन अवसर पर देवी मां बगलामुखी की श्रद्धा से पूजा की जाती है. इसके साथ ही साधक विशेष कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं. मां की पूजा करने से साधक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
शुभ पूजन मुहूर्त
पंचांग की गणना और ज्योतिषीय निर्णय के अनुसार, 05 मई को बगलामुखी जयंती का आयोजन किया जाएगा. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर एक विशेष वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूरी रात तक रहेगा. इसके साथ ही रवि योग और सर्वार्थ शिववास योग का भी संयोग बन रहा है. इन योगों में देवी मां बगलामुखी की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होगी.
बगलामुखी जयंती 2025 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 04 मई को प्रातः 07 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन, 05 मई को प्रातः 07 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी.
बगलामुखी जयंती पूजा विधि
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर सूर्योदय के समय उठें. इस समय देवी मां बगलामुखी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें. घर की साफ-सफाई करें. दैनिक कामों से निपटने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें.
इसके बाद आचमन कर नवीन(नया) लाल रंग के कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें. इसके बाद पंचोपचार कर विधिवत देवी मां बगलामुखी की पूजा करें. साधक पूजा हेतु मंदिर भी जा सकते हैं. आसान शब्दों में कहें तो मंदिर जाकर देवी मां बगलामुखी की पूजा कर सकते हैं. पूजा के समय देवी मां बगलामुखी को फूल, फल, वस्त्र आदि चीजें अर्पित करें. पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें. अंत में आरती कर सुखों में वृद्धि की कामना करें.
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर सूर्योदय के समय जागें. इस समय देवी मां बगलामुखी को प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें. घर की सफाई करें. दैनिक कार्यों को पूरा करने के बाद गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
क्यों मनाई जाती है बगलामुखी जयंती
मां बगलामुखी मंत्र कुंडलिनी के स्वाधिष्ठान चक्र को जागृत करने में सहायता करती हैं. बगलामुखी जयंती को मां बगलामुखी प्रकटोत्सव के रूप में भी जाना जाता है. इस वर्ष 15 मई 2024 को बगलामुखी जयंती का आयोजन किया जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां बगलामुखी की पूजा दस महाविद्या के रूप में की जाती है. इसी कारण से देश के कई राज्यों में इन्हें बुद्धि की देवी के नाम से जाना जाता है. मां बगलामुखी की पूजा विशेष रूप से न्यायालय और शत्रुओं से मुक्ति के लिए की जाती है. देवी को बगलामुखी, पीताम्बरा, बगला, वल्गामुखी, वगलामुखी, ब्रह्मास्त्र विद्या आदि नामों से भी जाना जाता है.

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