अमित सिंघल : मोदी.. हथियार दशहरे में पूजा के लिए नहीं खरीदे जाते, इनकी क्षति से अधिक मोल सैनिकों के जीवन का..
📰 ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तान का बड़ा हमला विफल, भारत का जवाब विनाशकारी
लोकसभा में आज ऑपरेशन सिन्दूर और उसके प्रतिउत्तर में पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले पर विशेष चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आश्वस्त किया कि भारत की सुरक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के बड़े पैमाने पर किए गए हमले को पूरी तरह से विफल कर दिया और भारत ने निर्णायक जवाब भी दिया।
🔻 पाकिस्तान का बड़ा हमला
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि 9 मई को पाकिस्तान ने भारत पर लगभग 1000 मिसाइलों, ड्रोन और रॉकेटों से हमला करने की कोशिश की। हमले का निशाना भारतीय वायुसेना अड्डे, सैन्य हथियार डिपो, हवाई अड्डे और मिलिट्री कैंट एरिया थे। इसके साथ ही पाकिस्तान ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीकों का भी प्रयोग किया।
हालांकि भारत के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम, एंटी-ड्रोन तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स ने पाकिस्तान के पूरे हमले को हवा में ही निष्फल कर दिया। किसी भी मिसाइल या ड्रोन ने अपने लक्ष्य को नहीं छुआ और न ही भारत को कोई रणनीतिक क्षति हुई।
📞 अमेरिका ने दी थी अग्रिम चेतावनी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा को बताया कि 9 मई की सुबह अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क कर संभावित पाकिस्तानी हमले की चेतावनी दी थी। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की प्रतिक्रिया ‘उचित और निर्णायक’ होगी।
जयशंकर ने आगे कहा, “हमारा जवाब इतना प्रभावशाली था कि उसे किसी बयान की जरूरत नहीं। सदस्यगण स्वयं सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तानी हवाई अड्डों की स्थिति देख चुके हैं।”
💥 भारत का कड़ा प्रतिउत्तर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की सेना को पहलगाम हमले के बाद ही भारत की संभावित बड़ी कार्रवाई का अंदेशा हो गया था। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से परमाणु हमले की धमकियों का सहारा लिया गया। बावजूद इसके, प्रधानमंत्री ने सेना को पूरी छूट दी — “सेना तय करे कि कब, कहां, कैसे और किस प्रकार से कार्यवाही करनी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले को न केवल नाकाम किया गया, बल्कि 9 मई की रात और 10 मई की सुबह भारत ने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को भारी क्षति पहुँचाई। “हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की मिसाइलों और ड्रोन को तिनके की तरह हवा में बिखेर दिया।”
⚔️ “हथियारों का मूल्य सैनिकों के जीवन से कम”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हथियार दशहरे में पूजा के लिए नहीं खरीदे जाते। युद्ध में उनका प्रयोग होता है, और यदि कुछ हथियारों की क्षति से हमारे सैनिकों की जान बचती है, तो वह क्षति स्वीकार्य है। भारत जैसा सक्षम राष्ट्र हथियारों की क्षति की भरपाई कर सकता है, लेकिन एक सैनिक की जान की नहीं।”
विश्लेषण:
भारत-पाकिस्तान के बीच इस ताजा टकराव ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक नीति पर चल रहा है। सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर भारत की रणनीति सटीक और समयबद्ध रही। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटनाक्रम भारत की तकनीकी क्षमता, रणनीतिक तैयारी और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
