श्रद्धांजलि वरिष्ठ पत्रकार स्व.जसराज जैन जी.. सत्ता से ऊपर सत्य को रखा…

पत्रकार केवल समाचार लिखने वाला नहीं होता, वह समाज का दर्पण, जनमानस की आवाज़ और सत्य का प्रहरी होता है।
और जब कोई पत्रकार इस संसार से विदा लेता है, तो केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार, एक दृष्टि और एक युग चला जाता है।
मुझे आज भी याद है, जब भी मैं उनसे मिलता और कहता, “बाबूजी, सादर प्रणाम”..
वे हमेशा मुस्कराकर स्नेहभरी आवाज़ में कहते- “खुश रहो बेटा… तुम लीक से हटकर लिखते हो, गंभीर और सार्थक विषय चुनते हो, यह क्रम बनाकर रखना।”
मैं उनसे हँसकर कहता – “बाबूजी, ‘आप’ मत कहिए, ‘तुम’ कहिए।”
तब वे हल्की मुस्कान के साथ कहते – “बेटा, जो अपनी लेखनी से सोच को दिशा देता है, उसे ‘आप’ ही कहा जाता है।”
उनके ये शब्द अब आशीर्वाद बनकर मन में गूंजते हैं।
वो केवल पत्रकार नहीं थे, बल्कि पिता-तुल्य मार्गदर्शक, सादगी और संवेदना की जीवित मिसाल थे।
उन्होंने पत्रकारिता के साथ विभिन्न सामाजिक सरोकारों से जुड़े कामों को गति दी, उनके जीवन का प्रमुख लक्ष्य बन गया था ट्रांसपोर्ट नगर कोरबा के हृदय स्थल पर हरित पट्टी की सुरक्षा.. अपने जीवन काल में वे ग्रीन बेल्ट और पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित रहे।
जहाँ अधिकांश लोग सुविधाओं की छाया में खड़े रहे, वहाँ जैन जी ने संघर्ष की धूप में तपना चुना।
विकास की अंधी दौड़ में जब कोरबावासियों की सांसें घुट रही थीं, तब उन्होंने अपनी लेखनी को ढाल बनाकर ग्रीन बेल्ट को बचाने का अथक प्रयास किया।
जसराज जैन जी के लिए पत्रकारिता केवल पेशा नहीं थी, यह उनका धर्म और कर्म था।
उन्होंने हमेशा सत्ता से ऊपर सत्य को रखा, और प्रकृति की रक्षा को सर्वोच्च माना।
वे उन दुर्लभ पत्रकारों में थे जिनकी रिपोर्टिंग में विचार था, जिनके लेखों में संवेदना थी, और जिनके शब्दों में हरियाली की खुशबू थी।
आज वे हमारे बीच नहीं हैं, पर उनकी आवाज़ अब भी हवाओं में गूंजती है।
“वीर छत्तीसगढ़” परिवार की ओर से आदरणीय बाबूजी जसराज जैन जी को कोटि-कोटि नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि।
उनके विचार, उनकी कलम और उनका हरित संदेश सदा हमें प्रेरित करता रहेगा।

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