श्रीमद् देवी भागवत पुराण पं.राजकुमार शर्मा के मुखारविंद से 30 जनवरी से कोरबा में
कोरबा। श्रीमद् देवी भागवत पुराण ज्ञान यज्ञ का आयोजन गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर मां सिद्धिदात्री तीर्थ यात्रा सेवा समिति के आयोजकत्व में पुराना बस स्टैंड के पीछे लक्ष्मी निवास (बाड़ी) कोरबा में 30 जनवरी से 6 फरवरी तक किया जा जाएगा। जिसमें व्यासपीठ पर कथावाचक ग्राम सरवानी से पधारे आचार्य पंडित राजकुमार शर्मा जी के मुखारविंद से प्रतिदिन दोपहर 3:30 बजे से श्रीमद् देवी पुराण रूपी ज्ञान गंगा का प्रवाह होगा। भव्य कलश यात्रा का श्रीगणेश लक्ष्मी निवास से 30 जनवरी की सुबह 8:00 बजे होगा।
कार्यक्रम में आने का किया आग्रह
ज्ञान रूपी गंगा में गोता लगाने के लिए आयोजक प्रमोद कुमार साहू, प्रह्लाद साहू,कुसुवा राम साहू, भूषण प्रसाद, संतराम, जिनय साहू के द्वारा जिलेवासियों व क्षेत्रीय जनों से सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आने का आग्रह किया गया है।
देवी भागवत कथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह सर्वोत्तम साधन है। नवरात्रि में देवी भागवत कथा सुनने का विशेष महत्व है।
नवरात्र में श्रीमद देवीभागवत कथा सुनने से मुक्ति मिलती है
नवरात्रि में श्रीमद्देवी भागवत कथा सुनने का विशेष महत्व है। नवरात्रि में 9 दिन तक इसका श्रवण- अनुष्ठान करने पर मनुष्य सभी पुण्य कर्मों से अधिक फल पा लेते हैं, इसलिए इसे नवाह यज्ञ भी कहा गया है, जिसका उल्लेख देवी भागवत पुराण में खुद भगवान शंकर व सूतजी ने किया है। जिन्होंने कहा है कि जो दूषित विचार वाले पापी, मूर्ख, मित्र द्रोही, वेद व पर निंदा करने वाले, हिंसक और नास्तिक हैं, वे भी इस नवाह यज्ञ से भुक्ति और मुक्ति को प्राप्त कर लेते है।
देवी भागवत के कथा श्रवण से होता है सब सब शुभ-मंगल
श्री राजकुमार शर्मा जी के अनुसार श्रीमद्देवी भागवत कथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह सर्वोत्तम साधन है। देवी भागवत पुराण के अनुसार जो पुरुष देवी भागवत के 1 श्लोक का भी भक्ति भाव से नित्य पाठ करता है, उस पर देवी प्रसन्न होती हैं महामारी व भूत प्रेत बाधा मिट जाती है। पुत्रहीन पुत्रवान, गरीब धनवान और रोगी आरोग्य वान हो जाता है। इसका पाठ करने वाला यदि ब्राह्मण हो तो प्रकांड विद्वान, क्षत्रिय हो तो महान शूरवीर, वैश्य हो तो प्रचुर धनाढ्य और शूद्र हो तो अपने कुल में सर्वोत्तम हो जाता है।
श्रीमद्देवी भागवत नवरात्र में अवश्य सुनें
राजकुमार शर्मा जी के अनुसार देवी भागवत नवरात्रि में सौभाग्य मिले तो सुनना ही चाहिए। भागवत में खुद सूतजी ने कहा कि है कि चार नवरात्रि में इस पुराण का श्रवण करना चाहिए। जेष्ठ मास से लेकर 6 महीने पुराण सुनने के लिए उत्तम है। इसमें हस्त, अश्विनी, मूल, पुष्य, रोहिणी, श्रवण एवं मृगशिरा तथा अनुराधा नक्षत्र पुण्यतिथि और शुभ ग्रह व वार देखकर कथा सुनना उत्तम माना जाता है। हालांकि अन्य महीनों में भी इसे सुना जा सकता है. पर उसमें भी तिथि, नक्षत्र और दिन का विचार अवश्य कर लेना चाहिए।