डॉ. भूपेंद्र सिंह : कुंभ में भगदड़.. करोड़ों लोगों में कुछ के कारण हिंदू समाज पर अनुशासनहीनता के आरोप गलत

कुंभ में कुल भगदड़ संगम के खंभा क्रमांक 11 से खंभा क्रमांक 17 तक जो कुल 200 मीटर लंबा है, तक हुआ है। कुछ लोग जिनको पुलिस बार बार कह रही थी कि किनारे पर सोएं नहीं, वह फिर भी अपने जिद पर लेटे रहे और बाद में कुछ लोगों ने बैरिकेड तोड़ना शुरू कर दिया। पुलिस ने जब मना किया तो उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाना शुरू किया। इतने जनदबाव में जहाँ पुलिस और लोगों का अंतर सैकड़ों गुना है, वहाँ अंततः पुलिस को सौ पचास लोगों में धक्का देना शुरू किया और जब बैरिकेड तोड़ दिया तो पीछे के दबाव के कारण आगे वाले लोगों पर गिरे जिससे कुछ लोग घायल हुए और बुजुर्ग लोग काल कवलित हुए। यह घटना कुल दो मिनट तक अपने चरम पर रही जबकि अगले चार मिनट में फिर से सामान्य हो गई।
जितना दुनिया के बड़े बड़े देशों की आबादी नहीं है, उतने लोग एक शहर के एक कोने में पहुँच गए हैं अतः नागरिक अनुशासन के बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते। पुलिस एक लाठी चला दे तो हज़ार लोग भगदड़ में मारे जायेंगे अतः किसी भी घटना को केवल निवेदन के आधार पर ही कराया जा रहा है और यहीं एक मात्र संभव रास्ता है। फिलहाल संगम का वह एरिया भी खोल दिया गया है। सारे रास्ते भी खुले हैं। लोग लगातार चल रहे हैं। घायलों का इलाज भी चल रहा है। इस समय मेला पूरी तरह से नियंत्रण में है।
यह कहना अनुचित है कि पूरा हिंदू समाज अनुशासनहीन है, करोड़ों लोगों में कुछ सौ लोगों में कुछ गड़बड़ किया है, उसका आरोप पूरे समाज पर नहीं लगाना चाहिए।
यह मेला फ़िलहाल न योगी जी करा रहे हैं, न मोदी जी, न पुलिस, न अधिकारी। यह फ़िलहाल ईश्वर करा रहे हैं। किसी मनुष्य में सामर्थ्य नहीं है ऐसा न भूतों न भविष्यति आयोजन की। समस्त विश्व इतिहास का ये सबसे बड़ा जुटान है।
साभार Bhupendra Singh ji

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