श्रीमद् देवी भागवत (3) : पं. राजकुमार शर्मा बोले “तीर्थ से अर्थ प्राप्ति और अर्थ से जीवन में सफलता मिलती है ” दान के महत्व पर डाला प्रकाश
कोरबा। “तीर्थ यात्रा जीवन में सबको करना चाहिए क्योंकि तीर्थ यात्रा करने से मन-आत्मा की शुद्धि के साथ ही अर्थ की प्राप्ति होती है और जीवन यात्रा में अर्थ (धन) के बिना किसी भी कार्य को निर्विध्न संपन्न नहीं किया जा सकता।” श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस पंडित श्री राजकुमार शर्मा जी ने तीर्थ यात्रा के महत्व पर विस्तार से बताया।
जीवन में दान की महत्ता पर उन्होंने कहा कि कर्ण नाम इसलिए युगों युगों तक लिया जाता है क्योंकि दान को उन्होंने नया आयाम दिया। जो दान करने में कंजूसी करता है विपत्ति उसके जीवन में नित नए रूपों में प्रकट होती है। दान करना चाहिए क्योंकि यह अपने साथ विपत्तियों को लेकर जाता है।
आचार्य पंडित श्री राजकुमार शर्मा ने के मुखारविंद से आज तृतीय दिवस में जीवन की अनेक सांसारिक बातों पर भक्तों को ज्ञान मिला। भागवत कथा के मध्य राधे-राधे श्री राधे के नाम से पूरा पंडाल गूंजता रहा।
इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित भक्तजनों भागवत कथा में सहभागी बनकर अमृत कथा का श्रवण किया।
श्री राजकुमार शर्मा ने कहा कि श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण जीवन को सरल बनाता है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन दोपहर 3:30 बजे से श्रीमद् देवी पुराण रूपी ज्ञान गंगा का प्रवाह गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर मां सिद्धिदात्री तीर्थ यात्रा सेवा समिति के प्रमोद साहू ,राहुल साहू आयोजकत्व में पुराना बस स्टैंड के पीछे लक्ष्मी निवास (बाड़ी) कोरबा में 30 जनवरी से 6 फरवरी तक किया जा रहा है।