दयानंद पांडेय : कर्नल सोफ़िया कुरेशी और व्योमिका सिंह की कैफ़ियत

आपरेशन सिंदूर में सेक्यूलर खेमे , ख़ास कर वामपंथी लेखकों और पत्रकारों के सुकून के लिए नया कंधा बन कर उपस्थित हुई हैं सोफ़िया ताजुद्दीन कुरेशी। मानसिक रूप से बीमार यह सेक्यूलरजन नहीं जानते कि बायो केमेस्ट्री से मास्टर डिग्री प्राप्त गुजरात से आने वाली सोफिया इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के वंश कुरैश वंश से हैं।

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लेकिन मुसलमान इन मानसिक रूप से बीमार लोगों की आकांक्षा की वह कड़ी है , जिस में मोदी विरोध का सागर तलाशने में उन्हें बड़ी सहूलियत होती है। अपने नफ़रत की मुंडेर पर मुसलमान को बैठा कर यह लोग इस क़दर ख़ुश और तृप्त होते हैं गोया मोदी को अपमानित कर सारी सफलता प्राप्त कर गए हैं। वह भूल गए हैं कि इस विकट युद्ध की घड़ी में जैसे आपरेशन सिंदूर का नामकरण मोदी ने किया ठीक वैसे ही प्रेस ब्रीफिंग सिंदूर को अपना सर्वस्व मानने वाली स्त्रियां करेंगी , मोदी ने ही तय किया। थल सेना से ब्रीफिंग के लिए सोफिया और एयर फ़ोर्स से व्योमिका सिंह का नाम भी मोदी ने ही तय किया। मोदी की मर्जी के बिना आज के युद्ध की रणनीति का एक पत्ता भी नहीं खड़कता है। लेकिन उन की कुंठा है कि इसी में तृप्त हो कर मुदित है कि सेना ने हिंदू-मुसलमान का बैलेंस बहुत अच्छा बनाया है। ठीक वैसे ही जैसे कांग्रेसजन सिंदूर आपरेशन के लिए सेना पर गर्व जता कर अपनी कुंठा शमित करने में अपना झंडा ऊंचा रखे हुए हैं। याद कीजिए कि इसरो की सफलता का भी श्रेय यह लोग नासा को देने में ज़रा भी संकोच नहीं करते। देश की उपलब्धि का अपमान करते हुए इन के दिल दिमाग में मोदी बैठा रहता है।

ज़िक्र ज़रूरी है कि चेन्नई सैनिक अकादमी से प्रशिक्षित सोफिया के पति मेजर ताजुद्दीन कुरेशी इंफेंट्री में अफसर हैं। सोफिया के पिता और दादा जी भी सेना में थे। सोफिया गुजरात के वड़ोदरा से केमेस्ट्री से एम एस सी हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में 6 साल सेवाएं दे चुकी सोफिया वर्ष 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक भी रही हैं। वर्ष 2016 में सोफिया ने ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय दल का नेतृत्व किया था, जो भारत की ओर से आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था। 18 देशों ने इस में भाग लिया था जिन में सोफिया एकमात्र महिला कमांडर थीं। सूचना दिलचस्प है कि सोफ़िया कुरेशी उस वंश से आती हैं जिस कुरैश वंश से इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब आते हैं।

दूसरी महिला प्रवक्ता विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी शौर्य चक्र से सम्मानित हैं। व्योमिका सिंह अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली हैं। उन्हें भारतीय वायु सेना में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन दिया गया और 18 दिसंबर, 2019 को फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला था। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 2,500 से ज़्यादा घंटे फ्लाइट्स उड़ाने का अनुभव हासिल किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित कुछ सबसे कठिन इलाकों में चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है। व्योमिका सिंह कई बचाव अभियानों में अहम भूमिका निभा चुकी हैं। अपनी ऑपरेशनल भूमिका के अलावा, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने उच्च सहनशक्ति मिशनों में भी भाग लिया है। 2021 में, वह माउंट मणिरंग पर तीनों सेनाओं के सभी महिला पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुईं, जो 21,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस प्रयास को वायु सेना प्रमुख सहित वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने मान्यता दी थी। व्योमिका सिंह ने छठी कक्षा से ही तय कर लिया था कि एक ना एक दिन वह भारतीय वायु सेना का हिस्सा बनेंगी। परिवार ने बेटी का नाम व्योमिका रखा था, जिसका मतलब है- आकाश में रहने वाली… और उन्होंने अपने नाम को सार्थक कर दिखाया। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (NCC) ज्वाइन कर लिया था।

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