साथ और विश्वास जैसे राम बलराम
मित्रता का मधुर स्नेहिल संबंध पुरुषों, महिलाओं, बच्चों से लेकर धरती के सभी जीवों में होता है। मित्रता का संबंध पति-पत्नी, मालिक-कर्मचारी, भाई-बहन, पिता-पुत्री से लेकर किसी भी स्नेहसिक्त संबंधों में हो सकता है। गुरु-शिष्य का संबंध इससे अछूता नहीं है।
मित्रता कहने को तो मात्र तीन अक्षरो का एक शब्द है। मगर इस एक शब्द में ही इन्द्रधनुष के सात रंग है जिस तरह आकाश अंतहीन है, उसी तरह मित्रता का भी कही कोई अंत नहीं। फिल्म राम-बलराम के किरदारों की तरह कई लोगो की मित्रता बेहद गहरी होती है।
कई बार हमपेशा या एक समान कार्यक्षेत्र होने के कारण एक-दूसरे के साथ बेहद लगाव से जुड़ाव रहता है। कई बार कार्यक्षेत्र समान न हो तब कई विषयों पर सुझाव एक दूसरे से लेकर सकारात्मक परिणाम की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मित्रता गाढ़ी होती जाती है।
कुछ ऐसा गाढ़ापन कि कही एक साथ देखकर बरबस ही लोग कह उठते है -…” क्या हाल है राम-बलराम की जोड़ी का।”
धान के कटोरे छत्तीसगढ़ की हरी-भरी वादियों में ऐसी ही लहलहाती राम-बलराम की जोड़ी है कोरबा में पत्रकारिता, साहित्य सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार गेंदलाल शुक्ल और भाजपा की राजनीति से जुड़े गोपाल मोदी की।
अब जहां जब पत्रकार और राजनीतिज्ञ के जुड़ाव की बात हो वहां परिणाम सोने पे सुहागा के सुप्रसिद्ध कहावत के रूप में फलितार्थ होगी।
जहां श्री शुक्ल अपने तेजतर्रार पत्रकारिता के कारण जाने जाते हैं और उनके लिए एक कहावत सटीक चरितार्थ होती है कि पद रहे या न रहे उनके कद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता तो वही गोपाल मोदी अपने मिलनसार स्वभाव के कारण लोकप्रिय हैं। इन दोनों का संबंध कई अवसरों पर कभी अग्रज अनुज के रूप में तो कभी गुरु शिष्य के स्वरूप में सामने आया है तो कई अवसरों पर मित्रता के तौर पर भी व्यक्त हुआ।
दोनों हमेशा कदमताल मिलाकर चलते है, अवसर चाहे पारिवारिक उत्सव का हो या राजनीतिक जीवन में जनहितकारी योजनाओ के प्रसार की अथवा आमजन के समस्याओ के निराकरण की बात हो.. गंभीर विषयों को लेकर अक्सर आपस में ये बतियाते है।
गोपाल मोदी के विषय में आपको बता दें कि जीवन की राजनीतिक यात्रा छात्र संघ अध्यक्ष से आरंभ हुई। विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों से जुड़कर सेवा भाव से जनहित के कार्यों में लगे रहे। कोरबा अग्रवाल सभा के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में कम उम्र में ही अध्यक्ष बने और उनके कार्यकाल में अग्रवाल सभा ने उल्लेखनीय कार्य किये।
परिवार आरंभ से सेवाभावी स्वभाव का रहा है और यही कारण है कि चांपा मार्ग स्थित ग्राम फरसवानी में स्थित अपने पुराने निवास को शिशु मंदिर को विद्यालय संचालन के निमित्त सौंप दिया और आज भी शिशु मंदिर का संचालन वहीं पर हो रहा है। परिवार आरंभ से ही संघ परिवार से जुड़ा रहा है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर जब भी चुनाव लड़े उनके कोरबा चुनाव कार्यालय के संचालन का केंद्र बिंदु श्री मोदी के मुख्य मार्ग स्थित निवास स्थान ही रहा।
गोपाल मोदी कोरबा भाजपा के जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं और इस सुअवसर पर श्री शुक्ल ने बड़े भाई की शैली में मिठाई खिलाकर, हार पहनाकर अपनी शुभकामनाएं दी। चित्रों को देखकर अब आप ही तय कीजिए कि किस रूप में दोनों का साथ आपको भाता है।
