प्रसिद्ध पातकी : ट्रेन फूंकने और पथराव करने से तो अच्छा है..
आदित्य हृदय स्तोत्र में भगवान भुवन भास्कर को एक खग यानी पक्षी बताया गया है. विशाल आकाश मे पर फैलाये सतत उड़ने वाले खग. आज आदित्य देवता उड़ते उड़ते कर्क रेखा के ठीक ऊपर पहुंचेंगे . लोक भाषा में कहें तो आज दक्षिणायन हो गया.
सूर्य मित्र हैं. इनकी उपासना करने वाले “विश्वामित्र”. मित्र पृथ्वी मंडल पर कोई भेदभाव नहीं करते. उत्तरी गोलार्ध को भी वो सब कुछ देते हैं जो दक्षिणी गोलार्ध को. तो बस समझ लीजिये कि शनि के पापा आज से दक्षिणी गोलार्ध पर अधिक कृपा बरसाएंगे. हम उत्तरायण इस लिए मनाते हैं, कि उस रोज से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है. तो समझ लीजिये कि आज दक्षिणी गोलार्ध का उत्तरायण है. वहां आज पतंग उड़ायी जा सकती है. बशर्ते बरेली वाला अच्छा मांझा मिलता हो.
सूर्य के कर्क रेखा पर पहुंचने से आज हमारे गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होगा. आज जमुना मैया के पापा का उदय दिल्ली में सुबह पांच बजकर 27 मिनट पर हुआ और आज सूर्यास्त शाम सात बजकर करीब 17 मिनट पर होगा. यानी आज मिस्टर भानु देव करीब करीब 13 घंटे 44 मिनट की डे ड्यूटी पर रहेंगे. सोचिए कितनी लंबी ड्यूटी. कोई ओवर टाइम भी नहीं.
खैर भला हो अपने मोदी जी का. 21 जून को योग दिवस घोषित करवा दिया. सबसे लंबा दिन है. कैसे बीतेगा? कैसे कटेगा? कुछ तो कर लो? ट्रेन फूंकने और पथराव करने से तो अच्छा है योग करो. मत करो सूर्य नमस्कार. मत मानो मोदी जी की बात. कुछ चाचा जी से ही सीख ले लो. कर जाओ शीर्षासन. पर योग जरूर करो. दक्षिणायन में सूर्य के ताप की प्रखरता धीमे धीमे कम होती जाती है. वर्षा ऋतु में वैसै ही प्राणियों के मेटाबोलिज्म में तमाम तरह के बदलाव होते हैं.सूक्ष्म जीवाणु जगत की सक्रियता बहुत बढ़ जाती है. पाचनतंत्र मंदाग्नि का शिकार होने लगता है. ऐसे में पंच प्राण को साधने में हित है. प्राणायाम करने में हित है. योगाभ्यास में ही हित है.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं.
