कौशल सिखौला : विपक्ष में PM मोदी के स्तर का नेता…है!
एक बात आज बता ही दीजिए । करीब 77 वर्ष के स्वतंत्र भारत में विपक्ष में अनेक ऐसे नेता हुए हैं जो प्रधानमंत्री बन सकते थे और कुछ बने भी । विपक्ष के विशुद्ध सहयोग से मोरारजी देसाई और वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने । चरण सिंह , चंद्रशेखर , आई के गुजराल , देवेगौड़ा कांग्रेस के सहयोग से पीएम बने । जब सत्ता का मतलब कांग्रेस था तब भाजपा के अटल जी कुछ मित्र दलों के सहयोग से पीएम बने।
विपक्ष में राम मनोहर लोहिया , लालकृष्ण आडवाणी , जॉर्ज फर्नांडीज , मुरलीमनोहर जोशी , मधु दंडवते , पीलू मोदी , प्रमोद महाजन आदि अनेक नेता देश का प्रधानमंत्री पद संभालने के योग्य थे । कांग्रेस तो खैर परिवारवाद में गुम हो गई । अन्यथा बाबू जगजीवनराम , हेमवती नन्दन बहुगुणा , एनडी तिवारी , प्रणव मुखर्जी , गुलामनबी आजाद आदि प्रधानमंत्री बनने के योग्य थे।
पिछले 10 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देखते देखते एक सवाल उठता है कि उनके स्तर का ऐसा कौनसा नेता विपक्ष में है जो गठबंधन की सरकार बनने पर इतने विशाल देश का नेतृत्व संभाल सकता है ? इस प्रश्न से भी बड़ा एक और प्रश्न है । आज का तमाम विपक्ष सनातन और हिन्दुत्व के खुले विरोध की राजनीति कर रहा है । बड़ा प्रश्न यह है कि क्या देश के 80% हिन्दू , हिन्दुत्व और सनातन समाज का विरोध करने वाले किसी नेता को 140 करोड़ के देश का प्रधानमंत्री बनाना स्वीकार करेंगे ?
क्या किसी राम कृष्ण और शिव द्रोही को सनातन भारतवर्ष की सत्ता सौंपी जा सकती है । फिर एक और खरा सवाल कि विपक्ष के पास वह कौनसा नेता है जो देश की सत्ता संभालने में सक्षम है ? क्या राहुल गांधी वह नेता हैं ? या फिर अखिलेश , तेजस्वी , केजरीवाल , ममता , स्टालिन , सुप्रिया सुले या फिर घूम फिरकर कभी कोई चुनाव न लड़ने वाली प्रियंका ?
न कोई शक ना कोई शंका । फिलहाल मोदी का कोई विकल्प देश में नहीं है , किसी पार्टी में नहीं हैं । बुरा मत मानों मित्रों , राहुल गांधी तो विकल्प हैं ही नहीं । होते तो गठबंधन उन्हें पहले ही पीएम फेस घोषित कर चुका होगा । वैसे अखिलेश भाजपा को 150 सीट तक पहुंचा रहे हैं और खड़गे 200 सीट दे रहे हैं।
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