भूपेंद्र सिंह : बमुश्किल 1% ब्राह्मण होंगे लेकिन इन बड़बोले बाबाओं के चक्कर में बाक़ी लोग पूरे ब्राह्मण समाज को निशाने पर लेते हैं

जैसे ही कोई बाबा “वर्णाश्रम धर्म” बचाने की बात करे अथवा हिंदू धर्म को वर्णाश्रम कहे तो सावधान हो जाइए,

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इसलिए अब पूर्वोत्तर तेजी से राष्ट्रीय जीवन में शामिल हो रहा है

हम किसी भी हित को अपने राष्ट्रीय हित से ऊपर नहीं रख सकते, राष्ट्र सर्वप्रथम है, राष्ट्र की एकता सर्वप्रथम

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सुरेंद्र किशोर : बांग्ला देश में जारी उन्मादी हिंसा से भारतीय राजनीति में गुणात्मक परिवर्तन के साफ संकेत

बांग्ला देश के जेहादी तत्व वहां के गैर मुस्लिमों खासकर हिन्दुओं पर धर्म परिवर्तन या देश छोड़ने का दबाव बना

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सर्वेश तिवारी श्रीमुख : देश को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे नायकों की आवश्यकता क्यों है..?

चमत्कार यह नहीं है कि पण्डित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री कुछ लोगों के बारे में सटीक बातें बता देते हैं, चमत्कार

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कौशल सिखौला : संविधान दिवस पर आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान..!

संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री से लेकर ओम बिरला तक तथा उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे तक , सभी

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अमित सिंघल : अभिजात वर्ग प्रधानमंत्री मोदी को क्यों हटाना चाहता है.. टूल किट का नया अस्त्र क्या है..!

इंडियन एक्सप्रेस में योगेंद्र यादव का लेख पढ़ा। योगेंद्र लिखते है कि यदि हम अपने पड़ोसियों की तरह (अराजकता की

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कनाडा एवं अमेरिका से भारत में रिवर्स ब्रेन ड्रेन की सम्भावना बढ़ रही है

वैश्विक स्तर पर लगातार कुछ इस प्रकार की परिस्थितियां निर्मित होती दिखाई दे रही हैं, जिससे विशेष रूप से कनाडा

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पवन विजय : बाबा बागेश्वर इसलिए नहीं बल्कि इसके लिए प्रणम्य हैं.. जानकर चौंक जाएंगे

बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी इन दिनों सनातन हिंदू एकता पदयात्रा पर हैं। यात्राएं जड़ता

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रणदीप हुड्डा ने कहा, “मैंने गुमनाम नायक वीर सावरकर की असली गाथा बताने का बीड़ा उठाया”

इफ्फी 55 में ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ के कलाकारों और क्रू ने मीडिया से बातचीत की स्वातंत्र्य वीर सावरकर की जीवनी

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प्रहलाद सबनानी : भारत में एकात्म मानववाद के सिद्धांत को अपनाकर हो आर्थिक विकास

भारतीय संस्कृति के अनुसार ही भारतीय आर्थिक दर्शन में भी सृष्टि की समस्त इकाईयों, अर्थात व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र एवं

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सुरेंद्र किशोर : मांस-मछली-मुर्गा-अंडा.. कैंसर से मरने से पहले जो भीषण दर्द…

जब तक इस देश-प्रदेश में ‘‘चोर-सिपाही का खेल’’ बंद या कम नहीं होता, तब तक हमें कुछ सावधानियां बरतनी ही

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प्रहलाद सबनानी : भारत में रोजगार के संदर्भ में दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता

भारतीय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति की सदस्य सुश्री शमिका रवि द्वारा हाल ही में सम्पन्न किए गए एक रिसर्च

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सुरेंद्र किशोर : हिन्दुस्तान का एकमात्र राज परिवार जो न तो…

चूंकि महाराणा के वंशज इसके लिए तैयार नहीं थे,इसलिए अंग्रेजों ने उन्हें यह छूट दे दी थी। किसी अन्य राजा-महाराजा

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सुरेंद्र किशोर : तथाकथित सेक्युलर दल या बुद्धिजीवी के लिए यह चिंताजनक स्थिति भी कोई समस्या नहीं…

जिस देश में भ्रष्टाचार कैंसर की तरह पनप रहा हो ,उसे देर-सबेर गुलाम होने से भला कौन बचा सकता है

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प्रहलाद सबनानी : आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा.. जनजातीय समाज का इतिहास दबाया गया

15 नवम्बर भगवान बिरसा मुंडा का जन्म दिवस एवं जनजातीय गौरव दिवस भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज का

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पवन विजय : ट्रम्प की जीत पर वामपंथी नैतिकता के मायने..!

वामपंथी ट्रंप की विजय को नस्लवाद साबित करने पर तुले हैं, अमेरिकी जनता को विवेकहीन साबित करने पर तुले हैं।

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देवांशु झा : सीता की अग्निपरीक्षा.. निर्दयी आत्मध्वंस में कहीं वरदान की गरिमा का प्रश्न है तो कभी जनवाद की चिन्ता

एषासि निर्जिता भद्रे शत्रुं जित्वा रणाजिरे। पौरुषाद्यदनुष्ठेयं मयैतदुपपादितम् ।। मैंने शत्रु को पराजित कर तुम्हें प्राप्त कर लिया है भद्रे।

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प्रहलाद सबनानी : भारत के लिए वैश्विक स्तर पर बदल रहे हैं राजनैतिक एवं रणनीतिक समीकरण

वैश्विक स्तर पर आज परिस्थितियां, विशेष रूप से राजनैतिक, रणनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में, तेजी से बदल रही हैं। नए

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कौशल सिखौला : योगी सूत्र “बंटेंगे तो कटेंगे” के सामने “जातिवाद” का विपक्षी गणित फेल

दो शब्दों ने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक सनसनी फैला दी । ये शब्द कोई नारा नहीं

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पवन विजय : एक संदेश कथावाचकों के नाम…के नाम पर भीख मांग लें

मेरे पास पैसे आते हैं तो लगता है कि इन पैसों का प्रयोग किसी कल्याणकारी कार्य में किया जाना चाहिए।

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