अमित सिंघल : मोदी सरकार ने अपनी हिचकिचाहट त्याग दी है.. अगर आप धोखे से धर्मपरिवर्तन करवाने वाले गैंग एवं राहुल एजेंडा के तहत अपनी रिपोर्ट लिखेंगे, तो…
19 दिसंबर को राज्य सभा में अमेरिकी संसद एवं अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) – दोनों अलग संस्थाए है – की रिपोर्ट जिसमें भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड, विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता और सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में चिंताओं को उजागर किया गया है, के बारे में विदेश मंत्रालय से प्रश्न पूछा गया। जानकारी के लिए, USCIRF अमेरिकी सरकार की संस्था है।
उत्तर में विदेश मंत्रालय ने बताया कि सरकार समय-समय पर अमेरिका सहित विभिन्न विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में जारी की गई रिपोर्टों से अवगत है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसी रिपोर्टें अक्सर व्यक्तिपरक, गलत सूचना वाली और पक्षपातपूर्ण प्रकृति की पाई जाती हैं। सरकार विदेशी संस्थाओं द्वारा आंतरिक रिपोर्टों का संज्ञान नहीं लेती है।
फिर विदेश मंत्रालय ने जोर दिया कि अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) एक राजनीतिक एजेंडा वाला संगठन है और सरकार इसकी रिपोर्टों पर कोई भरोसा नहीं करती है, जो तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती हैं और भारत के बारे में एक एजेंडा से प्रेरित कहानी पेश करती हैं।
मेरी जानकारी में पहली बार भारत सरकार ने अमेरिकी संसद एवं अमेरिकी सरकार की एक संस्था (USCIRF) के बारे में ऐसे कटु विचार आधिकारिक रूप से रखे है। पूर्व में सूत्रों के हवाले से कुछ खंडन छपवा दिया जाता था या विदेश मंत्रालय का प्रवक्ता कुछ गोल-माल सा उत्तर (कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है, जिसका संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, तथा एक मजबूत न्यायपालिका और स्वतंत्र मीडिया इन अधिकारों का प्रयोग सुनिश्चित करता है, इत्यादि, इत्यादि) दे देता था।
मैंने पूर्व में कई बार प्रसन्नता सूचकांक, लोकतंत्र सूचकांक, भुखमरी सूचकांक, भ्रष्टाचार सूचकांक, मीडिया फ्रीडम सूचकांक, धार्मिक स्वतंत्रता सूचकांक इत्यादि के खोखलेपन एवं एजेंडा के बारे में लिखा है।
दोहराने के लिए, इसमें से कई सूचकांक में अफ़ग़ानिस्तान भारत से ऊपर है, बांग्लादेश या पाकिस्तान की बात तो रहने दीजिए। मैंने यह भी लिखा कि अगर भारत की तुलना में बांग्लादेश इतनी अच्छी स्थिति में है, तो बांग्लादेशी नागरिक भारत में बिना वीज़ा के प्रवेश करने के लिए क्यों प्रयास करते है? या फिर एक भी आम भारतीय दिखा दीजिए जो बांग्लादेश बिना वीज़ा के जाने को उत्सुक हो?
अगर आप धोखे से धर्मपरिवर्तन करवाने वाले गैंग एवं राहुल एजेंडा के तहत अपनी रिपोर्ट लिखेंगे, तो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले भारत से अपमान एवं अपशब्द के लिए तैयार रहिये।
भारत ने वास्तव में अमेरिकी संसद एवं अमेरिकी सरकार की संस्था को सार्वजनिक रूप अपमानित कर दिया है।
स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने अपनी हिचकिचाहट त्याग दी है।