सुरेंद्र किशोर : समाचार पत्रों से प्रूफ रीडिंग सेक्सन लापता..
हिन्दी की प्रतिष्ठा कायम रखने की
जिम्मेदारी हिन्दी समाचार पत्रों की भी

दैनिक ‘आज’ (पटना संस्करण)के ‘मास्ट हेड’ की फोटो काॅपी यहां प्रस्तुत है।
मैं उन दिनों इसी समाचार पत्र में काम करता था।
यह समाचार पत्र तब सिर्फ छह पेज का था।
समाचार पत्र की कीमत थी साठ पैसे।
कागज संकट के कारण सत्तर और अस्सी के दशकों में समाचार पत्र दुबले हो गये थे।

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छह पेज के इस समाचार पत्र के मुख्य संपादकीय विभाग में तो हम कम ही लोग कार्यरत थे।
पर,हमारे प्रूफ रीडिंग सेक्सन में, जो संपादकीय विभाग का ही हिस्सा होता था, कम लोग नहीं थे।
उस सेक्सन में सत्यप्रकाश असीम जैसे विद्वान व्यक्ति भी थे,जो बाद में इस समाचार पत्र के स्थानीय संपादक और आज के नई दिल्ली ब्यूरो के प्रधान बने।
यानी, दैनिक आज समाचार पत्र इस बात पर बहुत ध्यान देता था कि समाचार पत्र में कोई गलती न जाए।
इसके विपरीत आज के समाचार पत्रों से प्रूफ रीडिंग सेक्सन लापता हैै।
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दैनिक ‘आज’ का पटना से प्रकाशन सन 1979 में शुरू हुआ था।
जहां तक मुझे याद है कि उस समारोह में भाजपा नेता डा.रामकृपाल सिंह भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा था कि हमलोग आज समाचार पत्र से हिन्दी सीखते थे।
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मैं मुख्यतः हिन्दी पत्रकार हूं,हांलाकि अंग्रेजी सहित अन्य भाषाओं में भी मेरी रचनाएं यदा कदा छपती रही हैं।
मेरी बड़ी इच्छा रहती है कि काश ! आज भी दिवंगत राम कृपाल बाबू जैसा कोई होता जो मंच से यह कहता कि मैं फलां समाचार पत्र से हिन्दी सीखता था।
हिन्दी का सम्मान तब और बढ़ेगा,जब हम इसे शुद्ध-शुद्ध लिखें,सरल भाषा में लिखें और अनावश्यक रूप में इसमें अन्य भाषाओं के शब्दों का इस्तेमाल न करें।
