अतिथि संपादक
सुरेंद्र किशोर : वंशवाद की कमजोरियां.. यदि उत्तराधिकारी, अयोग्य हो तो ऐसे बर्बाद होती है वंशवादी- परिवारवादी पार्टी
राजीव गांधी न सिर्फ शैक्षणिक जीवन में दो बार फेल हुए थे,बल्कि उनका राजनीतिक करियर भी कांग्रेस के लिए विनाशकारी
Read moreसर्वेश तिवारी श्रीमुख : मनुष्य के सबसे सुंदर अंग पांव.. इतने सुंदर कि उन्हें पूजा जाता है
कुछ तस्वीरें बहुत सुन्दर होती हैं। इतनी सुन्दर कि उनपर मोटी किताब लिख दी जाय फिर भी बात खत्म न
Read moreसर्वेश तिवारी श्रीमुख : गेरबाज
विद्यालय के दिनों के एक मित्र हैं। तब बहुत प्यारे व्यक्ति थे भाईसाहब, हमारी अच्छी बनती थी। हम सब साथ
Read moreदेवांशु झा : कुम्भ.. समापन और संकेत, भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की पहली रश्मि..
कुम्भ समाप्त हो चुका है। प्रयाग के घाट अब लगभग खाली हो चुके हैं। जिस स्तर पर वहाॅं शिविरों का
Read moreसुरेंद्र किशोर : 1977 की मोरारजी सरकार वाली शराबबंदी में मेडिकल आधार पर कुछ लोगों को शराब पीने की छूट थी, वह छूट नीतीश सरकार में नहीं है
आपातकाल (1975-77) में भूमिगत कर्पूरी ठाकुर ने आचार्य विनोबा भावे को कई पत्र लिखे थे। उनमें से एक पत्र का
Read moreस्थानीय कारीगरों से लेकर वैश्विक बाज़ारों तक जनजातीय विकास में ट्राइफेड की भूमिका
भारत में 10.45 करोड़ से ज़्यादा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोग रहते हैं – जो कुल आबादी का 8.6 प्रतिशत
Read moreडॉ. भूपेंद्र सिंह : जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जो व्यक्ति दूसरे के सहारे है उसे नैतिकता का पाठ पढ़ाने का अधिकार गलती से भी नहीं है
यूक्रेन के पास अथाह संपदा है लेकिन उसके रक्षा का सामर्थ्य उसके भीतर नहीं है। कोई न कोई उसे लूटेगा
Read moreदिलीप सी मंडल : ये लोग मिलकर कम से कम दो सौ चालीस बार … में सरकार गिरा चुके हैं
भारतीय लोकतंत्र की पाचन-शक्ति राठी कहते हैं तानाशाही आ रही है। बैन होने से पहले मेरे सभी वीडियो देख लें
Read moreडॉ. भूपेंद्र सिंग : ट्रम्प के आगे भारत के अतिरिक्त सभी की स्थिति अपमानजनक
ट्रम्प ने स्पष्ट करना शुरू कर दिया है कि मुफ्त में कुछ नहीं मिलने वाला। यूरोप भी समझ ले और
Read moreसर्वेश तिवारी श्रीमुख : आईआईटियन बाबा अभय सिंह.. ओ भाई ! अपने कुल खानदान में ही तलाश लो, अनेकों नशेड़ी मिल जाएंगे
मीडिया में आईआईटियन बाबा अभय सिंह के साथ जो हुआ वह फुहड़ है, घिनौना है, नीचता है। मीडिया को आखिर
Read moreदेवांशु झा : कुम्भ की कहानियां
यह कहानी मेरे अनुभवों से नहीं निकली है। मैं प्रयाग में केवल छह घंटों के लिए था। बाईस घंटे यात्रा
Read moreसुरेंद्र किशोर : नीतीश कुमार.. ‘‘हमने जो कहा,वह पूरा किया।’’
मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के जन्म दिन पर उन्हें बधाई ! ——————— एक पुरानी याद ———- नीतीश कुमार की ‘प्रगति
Read moreदेवेंद्र सिकरवार : क्यों पार्वती का ध्यान न तो असुरों की वीरता आकर्षित कर सकी और न देवों का वैभव..!
संसार में एक से बढ़कर एक दैवीय व्यक्तित्व हुये जिनके जन्मदिन जयंतियों के रूप में या उनके जीवन की घटनाओं
Read moreराजीव मिश्रा : Every dog has his day !
Every dog has his day! आज से सौ साल पहले की दुनिया यूरोसेंट्रिक थी. यूरोप को जुकाम होता था तो
Read moreपंकज कुमार झा : बौद्धिक बेइमानी.. 80 करोड़ भूखे लोगों की बात उस समूह से जिनका जीवन इस रोल मॉडल की बात करते बीत गया
हम सभी जानते हैं कि मोदीजी की सरकार देश के 81.35 करोड़ लोगों को बिना नागा हर महीने निःशुल्क अनाज
Read moreडॉ. पवन विजय : बागेश्वर बाबा.. चमत्कार सस्ता शब्द,यह व्यक्ति का पौरुष और साधना है जो असम्भव को संभव बनाता है
वह इसलिए प्रणम्य हैं कि उन्होंने मीडिया ट्रायल और कम्युनिस्ट गिरोहों से दबे हुए समाज का आत्म विश्वास वापस लौटा
Read moreसर्वेश तिवारी श्रीमुख : सनातन व्यवस्था से चुपचाप सेवा कैसे होती है यह क्रोसीन बांट कर भारत का सर्वोच्च सम्मान लेने वाले तो जरूर ही सीखें
प्रयाग में सन्तों के लगभग हजार शिविर लगे हुए हैं। भव्य शिविर! कई सौ लोगों के ठहरने लायक, भोजन आवास
Read moreडॉ. भूपेंद्र सिंह : कुंभ.. ऐसे बेवक़ूफ़ों को उनके घर वाल नहीं सुनते, आप क्यों इतना पेन ले रहे हैं ?
नदी के बीच से पानी लीजिए, उसे चेक करिए, बैक्टीरिया भी कम मिलेगा और ऑक्सीजन लेवल भी चकाचक रहेगा। आप
Read moreमुकेश एस. सिंह : PM मोदी द्वारा CM साय का हाथ दिल्ली के महामंच पर थामने के मायने
सत्ता की भव्य महासभा में जहां इशारे शब्दों से ज्यादा ऊंचे होते हैं, दिल्ली में रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण
Read moreनए फास्टैग नियम पर स्पष्टीकरण
फास्टैग नियम में बदलाव के संबंध में कुछ पत्रों में प्रकाशित समाचारों के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)
Read moreदेवांशु झा : राम की शक्तिपूजा.. एक विचार
मैं नहीं जानता, रामकाव्य को रचते हुए निराला के मन में कौन से महाकवि सर्वाधिक कौंध रहे थे। वाल्मीकि? या
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