अमित सिंघल : PM मोदी – ” मेरी Risk Taking Capacity बहुत है.. मैं यह नहीं सोचता हूं…

प्रधानमंत्री मोदी लेक्स फ्रिडमैन को अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में बताया।

मोदी जी कहते है कि मैं बहुत वेल कनेक्टेड हूँ। मेरी सरकार में मेरे अफसरों को मेरे प्रति ईर्ष्या भी होती होगी और उनको तकलीफ़ भी होती होगी। और वह है कि मेरे इनफार्मेशन चैनल्स बहुत हैं और बहुत लाइव हैं। इसलिए मुझे चीजों की जानकारियां, बहुत सारी, मिल जाती हैं, बहुत जगह से। तो मुझे कोई आकर के ब्रीफ़ करे, वही अकेली इनफार्मेशन नहीं होती है। मेरे पास एक दूसरे पहलू भी होते हैं।

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-श्री अमित सिंघल

दूसरा, मेरे में एक विद्यार्थी भाव है। मान लीजिए कोई चीज समझ में नहीं आई। मुझे किसी अफसर ने कुछ बताया। तो मैं विद्यार्थी भाव से उसको पूछता हूँ, अच्छा मुझे बताओ, भाई कैसे है? फिर क्या है? फिर कैसे है? और कभी मेरे पास दूसरी इनफार्मेशन है, तो मैं डेविल्स (विरोधी पक्ष या खेल बिगाड़ने वाले) का एडवोकेट बन करके उल्टे प्रश्न पूछता हूँ। उसको बहुत बारीकी से अनेक प्रकार से मंथन करना पड़ता है। तो ऐसा करने से अमृत निकले, इस प्रकार की मेरी कोशिश रहती है।

जब मुझे लगता है कि हाँ, यह करने जैसा है, तो फिर जो मेरे से सहमत होने वाले लोग हैं, मेरे विचारों के अनुकूल है, उनसे शेयर करके हल्‍के-फुल्‍के शब्दों में मैं डालता हूँ। उनके भी रिएक्शन देखता हूँ कि इस निर्णय का क्या असर होगा। और जब मुझे दृढ विश्वास हो जाता है कि हाँ, यह मैं सही कर रहा हूँ, तब एक्शन लेता हूँ।

मेरी Risk Taking Capacity बहुत है। मैं यह नहीं सोचता हूं मेरा क्या नुकसान होगा। अगर मेरे देश के लिए सही है, मेरे देश के लोगों के लिए सही है, तो मैं रिस्क लेने के लिए तैयार रहता हूँ। और मैं ओनरशिप लेता हूँ। मानों कभी कुछ ऐसा भी हो जाए गलत, तो किसी के सर पर डालने नहीं देता हूँ। मैं खुद ज़िम्मेदारी लेता हूँ।

भारत में से जो पले-बढ़े लोग होते हैं, जो जॉइंट फॅमिली से निकले हुए लोग होते हैं, ओपन (लोकतान्त्रिक) सोसाइटी में से निकले हुए लोग होते हैं, उनके लिए ये बहुत आसान होता है कि वो इस प्रकार के बड़े-बड़े कामों का नेतृत्व आसानी से कर सकते हैं। और सिर्फ़ बड़ी-बड़ी कंपनियाँ ही नहीं, दुनिया के कई देशों में अच्छे और महत्वपूर्ण पदों पर आज भारतीय काम कर रहे हैं। और इंडियन प्रोफेशनल्स की प्रॉब्लम सॉल्विंग जो स्किल है, विश्लेषणात्मक सोच है और मैं समझता हूँ कि वह सामर्थ्‍य इतना बड़ा है कि उसका व्यक्तित्व Globally Competitive हो जाता है और बहुत ही फायदेमंद हो जाता है।

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