अमित शाह – ” 2013 में अगर वक्फ कानून में संशोधन नहीं किया गया होता, तो यह विधेयक लाने की नौबत ही नहीं आती..”
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक,2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के मुख्य बिंदु :-
विपक्ष भ्रांति फैला रहा कि यह विधेयक मुस्लिमों के धार्मिक क्रियाकलापों और उनके द्वारा दान की गई संपत्ति में दखल है
माइनॉरिटी समुदाय को डरा कर विपक्ष अपनी वोट बैंक खड़ी करने की कोशिश कर रहा
मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलाप और उनके बनाए हुए दान से जुड़े ट्रस्ट यानि वक्फ में सरकार कोई दखल नहीं करना चाहती
मुतवली, वाकिफ, वक्फ सब मुस्लिम ही होंगे, परन्तु यह जरूर देखा जाएगा कि वक्फ की संपत्ति का रखरखाव ठीक से हो रहा है या नहीं
वक्फ बोर्ड में धार्मिक दान से जुड़े कार्यों में किसी गैर-इस्लामिक सदस्य को जगह नहीं मिलेगी
वक्फ बोर्ड या इसके परिसरों में जिन गैर-मुस्लिम सदस्यों को रखा जाएगा, उनका काम धार्मिक क्रियाकलापों से संबंधित नहीं होगा
चैरिटी कमिश्नर किसी भी धर्म का व्यक्ति बन सकता है, वह सुनिश्चित करेगा कि बोर्ड का संचालन चैरिटी कानून के मुताबिक हो, यह धर्म का नहीं, प्रशासन का काम
वक्फ बोर्ड का काम वक्फ की संपत्तियां बेच खाने वालों को पकड़ कर बाहर निकालने का होना चाहिए
विपक्ष चाहता है उनके राज में चलने वाली मिलीभगत चलती ही रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
2013 में अगर वक्फ कानून में संशोधन नहीं किया गया होता, तो यह विधेयक लाने की नौबत ही नहीं आती
वर्ष 2013 में रातों-रात तुष्टीकरण की खातिर वक्फ कानून को Extreme बना दिया गया, जिसके कारण दिल्ली में लुटियन्स ज़ोन की 123 वीवीआईपी संपत्ति वक्फ को दे दी गई
नरेन्द्र मोदी सरकार का स्पष्ट सिद्धांत है कि वोट बैंक के लिए हम कोई कानून नहीं लाएंगे क्योंकि कानून न्याय और लोगों के कल्याण के लिए होता है
सबको अपने धर्म का अनुसरण करने का अधिकार है, लेकिन लोभ, लालच और भय से धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता
2013 में लाए गए संशोधन विधेयक पर दोनों सदनों में कुल मिलाकर साढ़े 5 घंटे चर्चा हुई जबकि इस बिल पर दोनों सदनों को मिलाकर 16 घंटे चर्चा हो रही है
हमने संयुक्त समिति बनाई, 38 बैठकें हुईं, 113 घंटे चर्चा हुई और 284 हितधारक बनाए गए और इन सबसे देशभर से लगभग एक करोड़ ऑनलाइन सुझाव आए जिनकी मीमांसा कर ये कानून बनाया गया और इसे ऐसे खारिज नहीं कर सकते
यह भारत सरकार का कानून है जो सब पर बाध्य है औऱ सभी को इसे स्वीकारना होगा
1913 से 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल भूमि 18 लाख एकड़ थी, जिसमें 2013 से 2025 तक और नई 21 लाख एकड़ भूमि बढ़ गई
लीज़ पर दी गई संपत्तियां 20 हज़ार थीं, लेकिन रिकॉर्ड के हिसाब से 2025 में ये संपत्तियां शून्य हो गईं, ये संपत्तियां बेच दी गईं
यह विधेयक ज़मीन की सुरक्षा प्रदान करेगा, किसी की ज़मीन घोषण मात्र से वक़्फ़ नहीं बनेगी और उसे सुरक्षा मिलेगी
दान तो सिर्फ़ अपनी संपत्ति का ही किया जा सकता है इसीलिए स्वामित्व के बिना वक़्फ़ निजी संपत्ति नहीं ले पाएगा
वक़्फ़ की संपत्ति घोषित करने के अधिकार को समाप्त कर दिया गया है और अब इसे कलेक्टर से सत्यापित करवाना होगा
श्री अमित शाह ने ज़ोर देकर कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में भय पैदा करना एक फ़ैशन बन गया है
राम जन्मभूमि, ट्रिपल तलाक़ और CAA के समय भी मुस्लिम समुदाय के लोगों में भय पैदा करने की कोशिश की गई, लेकिन मुस्लिम समुदाय भी जानता है कि भय की कोई बात नहीं है
दो साल हो गए CAA से किसी की नागरिकता नहीं गई, अगर CAA से किसी की नागरिकता गई है तो विपक्ष उसकी जानकारी सदन के पटल पर रखे
मोदी सरकार का यह संकल्प है कि इस देश के किसी भी नागरिक पर चाहे वह किसी भी धर्म को हो कोई आँच नहीं आएगी
