परख सक्सेना : चीन.. कल्पना कीजिये यदि PM नरेंद्र मोदी को कुछ हो जाता तो क्या होता..?
अमेरिका ने भारत और चीन की कम्पनियो पर जो माध्यमिक प्रतिबन्ध लगाए वे घातक है, इससे अच्छा तो रूस से तेल ही ना खरीदा जाए। इसके अलावा नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की हत्या के प्रयास हो रहे है।


नरेंद्र मोदी की हत्या का प्रयास असफल रहा और इसके लिए रूस के साथ साथ चीन को भी धन्यवाद देना होगा। हत्या करने वाला अमेरिकी एजेंट बांग्लादेश मे उसी दिन मारा गया था जिस दिन मोदीजी चीन मे थे।
अमेरिका का कोई नागरिक विदेश मे मारा जाये और अमेरिका शांत रहे इसका मतलब यही है कि मरने वाला कोई एजेंट है। मोदीजी ना मिस्त्र गए ना ही मलेशिया, पहले लग रहा था कि वे ट्रम्प से नहीं मिलना चाहते मगर ये तो सुरक्षा से जुडा मसला लग रहा है। शी जिनपिंग ने भी विदेश जाना बंद कर दिया है।
इस समय देश से बाहर जाना बहुत बड़ा खतरा है, जो एजेंट मारा गया उसके पास अपार कैश भी मिला और उत्तर पूर्व के अखबारों के अनुसार ये पैसा भारत मे अराजकता फैलाने के लिए प्रयोग होना था। उन्ही दिनों राहुल गाँधी ने वक्तव्य दिया था कि लोकतंत्र को बचाना उसका काम नहीं है।
देश बारूद के ढेर पर बैठा है, कल्पना कीजिये यदि नरेंद्र मोदी को कुछ हो जाता तो क्या होता? तब जो होता उसके बाद शायद 1992 और 2002 महज कल्पना लगते, देश मे उस स्तर पर नरसंहार मचता कि गंगा और यमुना भी लाल हो जाती।

यहाँ राहुल गाँधी ने पूरी कांग्रेस को एक रिस्क पर बैठा दिया है, सोचकर देखिये किसी दिन मोदीजी या फिर रक्षा मंत्रालय का कोई प्रवक्ता भी टीवी पर आकर कह दे कि मोदीजी को मारने या हटाने का प्रयास हो रहा है और इसमें विपक्ष मदद कर रहा है, आप अंदाजा लगा सकते है उसके बाद क्या होगा?
राहुल गाँधी के पास सुरक्षा है मगर जो राज्यों मे कार्यकर्ता घूम रहे है इन पर बीजेपी और जनता एक साथ गाज गिराएगी, अभी तो स्थिति यह है कि यदि कांग्रेस तख्तापलट के षड़यंत्र ना भी कर रही हो तो भी राहुल गाँधी ने ऐसे बयान दे दिये है कि लोग अपना गुस्सा नहीं रोक पाएंगे। इसे तवे पर बैठा देना कह सकते है।
भारत के निर्यात अगस्त और सितंबर मे अमेरिका को घटे है लेकिन वही निर्यात यूएई और ब्रिटेन को इतने बड़ा दिये कि भारत का कुल निर्यात पहले से ज्यादा हो गया है। इसलिए तो अब नए प्रतिबन्ध लगाए है, जो कंपनीया रूस से तेल खरीदेगी चाहे निजी ही क्यों ना हो उन सब पर बैंक संबंधी प्रतिबन्ध लगेंगे।
भारत और चीन अब संभवतः रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे, इससे पहले कि आप अमेरिका के लिए नफ़रत मन मे लाये उससे पहले यह देख लीजिये कि भारत की वायुसेना को नई रैंकिंग मे चीन से ऊपर तीसरे स्थान पर रखा गया है और इसमें अमेरिका ने मदद की है।
ज़ब मोदीजी प्रधानमंत्री बने थे तब भारत के रक्षा निर्यात 1 अरब डॉलर भी नहीं थे आज 236 अरब डॉलर है, भारत जो हथियार बना रहा है उसमे अमेरिका की भी भूमिका है। उदाहरण के लिए जो फाइटर जेट हम बना रहे है उसके इंजन अमेरिका ही दे रहा है।
ऐसा नहीं है कि हम ये रूस से ले पाते क्योंकि रक्षा तकनीक मे हजार तरह की दिक्क़ते होती है। ट्रम्प ने लाख रिश्ते बिगाड़े हो मगर रक्षा संबंध उन्होंने नहीं बिगाड़े। भारत की वायुसेना चीन से आगे हुई क्योंकि हमने अमेरिका, फ़्रांस और ऑस्ट्रेलिया के साथ इतने सैन्य अभ्यास किये है कि हमारा परीक्षण हो चुका है।
रहा सवाल मोदीजी की हत्या का तो आप ये देखिये इसे कितने क्लासिक ढंग से निपटाया गया, ना तो सद्दाम हुसैन की तरह बयानबाजी की ना ही गद्दाफी की तरह अमेरिका के खिलाफ किसी को उतारा। अखबार के माध्यम से खबरें लीक करवा दी कि हत्या होने वाली थी और रूस के प्रयास से रोक दी गयी।
1966 और 1984 के बाद किसी प्रधानमंत्री की ये तीसरी हत्या होती, जनता को चाहिए कि अराजकता ना फैलने दे। मुझे निजी रूप से नहीं लगता कि राहुल गाँधी षड़यंत्र रच रहे है क्योंकि ये ज़ब भी अमेरिका जाकर भारत के लोकतंत्र को गाली देते है तो ये उन लोगो से मिलते है जिन्हे खुद डीप स्टेट पसंद नहीं करता।
अमेरिका मे राहुल गाँधी की क्रेडिबिलिटी भारत जितनी ही शून्य है, अमेरिका ने अब तक जहाँ भी तख्त बदले है हामिद करजई या मोहम्मद युसूफ जैसे सड़क चलते को गद्दी दी है। भारत मे कल्पना करो तो…?
राहुल गाँधी अपने बड़बोलेपन मे बदनाम है, मगर इतना है कि नरेंद्र मोदी पर कोई हमला हुआ तो कांग्रेस का कार्यकर्ता बुरी तरह पीस जाएगा और इसकी जिम्मेदारी उस नफ़रत पर होंगी जो राहुल गाँधी ने फैलाई है। शी जिनपिंग ने भी अपने विरोधी मारने शुरू कर दिये है भारत के संदर्भ मे लिखूंगा नहीं मगर आप समझदार है।
✍️परख सक्सेना✍️
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