NRI अमित सिंघल : तब दलित, आदिवासी या OBC को भड़का नहीं सकते थे…
राहुल ने एक ट्वीट मे बताया कि भारत सरकार में मात्र 7% सचिव दलित, आदिवासी या OBC हैं और पूछा कि क्या भारत में इन वर्गों की आबादी बस 7% है?
सिविल सर्विस एग्जाम के लिए दलित वर्ग के कैंडिडेट 37 वर्ष, ओबीसी 35 वर्ष और सामान्य वर्ग 32 वर्ष तक की आयु तक एप्लीकेशन भर सकते है।

http://veerchhattisgarh.in/
यानी कि एक कैंडिडेट अगर 30 वर्ष के आस पास सिविल सर्विस में सेलेक्ट हुआ है (ना कि एप्लीकेशन लगाई है; वह तो उसके दो साल पहले लग जाती है) तो रिटायरमेंट (60 वर्ष) की आयु तक वह सिर्फ 30 वर्ष की सर्विस कर सकते है।
फिर मैंने कार्मिक मंत्रालय की वेबसाइट चेक किया तो पाया कि अभी तो 1990 बैच के अधिकारियो को सचिव बनाया जा रहा है। यानि कि 33 वर्ष से ज्यादा की सेवा के बाद। तो जब तक दलित और ओबीसी कैंडिडेट – जो सामान्य वर्ग की तुलना में कुछ वर्षो बाद कम्पटीशन निकाल पाते है – 30 वर्ष की नौकरी पूरी करते है – वह सचिव की उम्र तक आने के पहले ही रिटायर हो जाते है।
पूरी जानकारी के लिए राहुल यह भी बतलाना चाहिए कि दलित,ओबीसी और सामान्य वर्ग के अधिकारियो की सर्विस में प्रवेश के समय औसत आयु क्या थी और फिर निष्कर्ष निकालते।
लेकिन फिर आलोचना तो नहीं बन पाती ना…!
दलित, आदिवासी या OBC को भड़का नहीं सकते थे…।
