कौशल सिखौला : 2024 चुनाव.. बड़े कामों के लिए पीएम मोदी के ये हैं बड़े लक्ष्य

जब नारा एनडीए 400 का दिया है तो गठबंधन तो करने पड़ेंगे । बीजेपी अगर आंध्र प्रदेश और ओडिशा में टीडीपी और बीजेडी से सीट तालमेल कर रही है , तो गलत क्या है । देश का प्रधानमंत्री यदि संसद के भीतर एनडीए 400 पार का दावा ठोकता है तो जाहिर है समान कार्यक्रमों पर लोकसभा तथा भावी विधानसभा के लिए सीट संख्या निर्धारित करनी पड़ेगी।

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पीएम का दावा बीजेपी 370 सीटों के लिए भी है । 2014 के चुनाव में 282 सीट लाने वाली भाजपा यदि तमाम विपक्षी दावों को नकार कर 2019 में 303 सीटें ले आती है तो जाहिर है उसे 2024 में 303 से बड़ा लक्ष्य निर्धारित करना पड़ेगा । अब यदि पीएम ने 370 धारा हटाकर 370 का ही लक्ष्य बना लिया है तो सीन समझ आ जाना चाहिए।

लक्ष्य बनाने के लिए ही विपक्षी दलों ने भी गठबंधन बनाया है । यद्यपि गठबंधन ने अपना कोई सीट प्राप्ति टारगेट निर्धारित नहीं किया , लेकिन पीएम ने 400 पार को नारा ही बना दिया है । अब गठबंधन को भी सरकार बनाने के लिए 400+ का लक्ष्य बनाना पड़ेगा । यह अच्छी बात है कि गठबंधन राज्यों में सीट तालमेल में जुटा है । जब से राज्यों में क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ है और मतदाता विभाजित हुआ है तो गठबंधन तो सभी को करने पड़ेंगे । यूं तो पहले भी यूपीए बनाम एनडीए चल रहा था । अब बगैर संयोजक इंडिया गठबंधन चल रहा है।

नरेंद्र मोदी का उदय गुजरात से निकलकर जब से राष्ट्रीय मंच पर हुआ है , राजनीति का तरीका ही बदल गया । पहली बात तो यह कि नरेंद्र मोदी बहुत बड़ी लकीर खींचकर बड़े और ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करते हैं । इतने ऊंचे कि कईं बार तो विरोधियों का हाथ वहां तक नहीं पहुंचता और उन्हें अंगूर खट्टे नजर आने लगते हैं । मोदी के लक्ष्य ऊंचे हैं तो वे उन अंगूरों को सहज ही हाथ बढ़ाकर तोड़ लेते हैं । ऊपर से अब तो मोदी ने तीसरी बार मोदी सरकार का नारा दे दिया है । एक एक दिन में चार राज्यों का दौरा करने वाले पीएम मोदी के लक्ष्य बड़े हैं तो सामने खड़े विपक्ष के लिए चुनौतियां भी उतनी ही बड़ी हैं।

तो गठबंधन हो रहे हैं । कांग्रेस यदि मोदी को हराने और 400 पार का लक्ष्य बनाएगी तो उसे खुद अपने बैनर तले 200 सीटें जीतनी पड़ेंगी । चुनाव विशेषज्ञ मानते हैं कि कांग्रेस किसी भी सूरत में 60 का आंकड़ा पार नहीं करेगी । अब बताइए कांग्रेस यूपी में 17 सीटों , बिहार में 12 सीटों और दिल्ली में 3 सीटों पर समझौता करके बैठ गई तो 200 सीट कैसे मिलेंगी । फिर विपक्ष के पास तो कोई पीएम फेस भी नहीं है।

हां राहुल जरूर खुद को भावी पीएम मानकर जरूर चल रहे हैं । ठीक भी है , जब कोई और फेस नहीं तो राहुल ही सही । चुनाव है तो हौसला तो कायम रहना पड़ेगा । मोदी का जोश बड़ा हाई है । भाजपा भी तीन राज्यों में जीत के बाद बड़े जोश में है । राम मंदिर का निर्माण बहुत बड़े पावर बूस्टर के रूप में बीजेपी के पास है । गठबंधनों का दौर चला है तो विजय को और अधिक नजदीक लाने की तैयारी भी की जा रही है।

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