काशी विश्वनाथ धाम : विपक्ष की जलन..3 हजार वर्गफीट में दृष्टिगोचर न होने वाले मंदिर की 5 लाख वर्गफिट में भव्यता

बीते कई सालों से हिंदुओं की आस्था के केंद्र मंदिरों को अपमानित करने की कोशिश की गई। इसके बाद साल 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आने के बाद नए युग की शुरुआत की। अब पीएम इन जगहों का बड़ी ही निडरता से पुनर्निमाण करवा रहे हैं।

 

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पहले लोग मंदिरों में जाने से राजनेता कतराते थे। कई वर्षों तक हिंदू समुदाय के आस्था के केंद्रों को अपमानित किया गया और जब तक मोदी पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सत्ता में नहीं आए, तब तक किसी ने भी इस गौरव को वापस लाने की पहल नहीं की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सांस्कृतिक विरासत के भूले-बिसरे मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए निडर और विश्वास और सम्मान के साथ काम किया है।

जब से काशी कॉरिडोर की बात शुरू हुई कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल, उसकी पालतू मीडिया और लिबरल-सेकुलर गैंग इस दुष्प्रचार में जुटा है कि काशी के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है। यह दुष्प्रचार अब भी जारी है। राम के अस्तित्व को नहीं मानने वाले लोगों की जलन समझी जा सकती है। उन्हें भला कैसे कबूल हो कि जो मंदिर कल तक दृष्टिगोचर नहीं था, वह अब भव्य दिखे। सनातन संस्कृति हिंदू गौरव की पुर्नस्थापना हो।

 

आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम मंदिर कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ मौजूद साधु-संतों, नेताओं और आम जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि “काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वो है- जहाँ जागृति ही जीवन है! काशी वो है- जहाँ मृत्यु भी मंगल है! काशी वो है- जहां सत्य ही संस्कार है! काशी वो है- जहाँ प्रेम ही परंपरा है।बनारस वो नगर है जहाँ से जगद्गुरु शंकराचार्य को श्रीडोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया। ये वो जगह है जहाँ भगवान शंकर की प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस जैसी अलौकिक रचना की।”

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “यहीं की धरती सारनाथ में भगवान बुद्ध का बोध संसार के लिए प्रकट हुआ। समाजसुधार के लिए कबीरदास जैसे मनीषी यहाँ प्रकट हुए। समाज को जोड़ने की जरूरत थी तो संत रैदास जी की भक्ति की शक्ति का केंद्र भी ये काशी बनी। काशी अहिंसा, तप की प्रतिमूर्ति चार जैन तीर्थंकरों की धरती है। राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा से लेकर वल्लभाचार्य, रामानंद जी के ज्ञान तक चैतन्य महाप्रभु, समर्थगुरु रामदास से लेकर स्वामी विवेकानंद, मदनमोहन मालवीय तक कितने ही ऋषियों, आचार्यों का संबंध काशी की पवित्र धरती से रहा है।”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उद्घाटन के दौरान वहाँ मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान काशी विश्वनाथ धाम मंदिर कॉरिडोर के भव्य स्वरूप को जनता को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूँ, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूँ। काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है।
पीएम मोदी ने काशी में मौजूद साधु-संतों और लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का। उन्होंने कहा कि पहले यहाँ जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले माँ गंगा का दर्शन-स्नान, और वहाँ से सीधे विश्वनाथ धाम।

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पीएम मोदी ने कहा, “काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है? आज भगवान शिव का प्रिय दिन सोमवार है। आज विक्रम संवत 2078 मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी तिथि, एक नया इतिहास रच रही है। हमारा सौभाग्य है कि हम इस तिथि के साक्षी बन रहे हैं। मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूँ जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।”
वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम मंदिर कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व का सबसे लोकप्रिय नेता बताया। उन्होंने ‘नमामि शमीशान निर्वाण रूपं’ के साथ अपनी बात की शुरुआत की। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश धर्म के अलावा राज्यपाल आनंदबेन पटेल भी मौजूद थीं। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि आज माँ गंगा प्रफुल्लित हैं, काशी के कोतवाल भैरव आह्वादित हैं और बाबा विश्वनाथ की कृपा हम पर बरस रही है।

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