डॉ. भूपेंद्र सिंग : दलितों के लिए.. राजपूत समाज का बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पार्चन कर विरोध मार्च क्यों..?

हिंदू समाज में विघटन पैदा करने की दृष्टि से दलित सांसद श्री राम जी लाल सुमन को आगे करके अखिलेश यादव द्वारा दिलवाया गया बयान सपा के लिए उल्टा साबित हो रहा है।
आज़ उत्तर प्रदेश के तमाम राजपूत संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कराने से पहले लखनऊ स्थित बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया और फिर बाबा साहेब अमर रहे के नारे लगाकर अपने विरोध मार्च की शुरुआत की।

जातीय संगठनों द्वारा हिंदू पहचान को सुरक्षित रखने की दृष्टि से इतनी संवेदनशीलता का परिचय देना अपने आप में एक आश्चर्यजनक घटना है। राजपूत संगठनों ने स्पष्ट किया कि उन्हें दलितों से, दलित नेताओं से, उनके महापुरुषों से कोई समस्या नहीं है। उन्हें दिक्कत इस बात से है कि कोई मुस्लिमपरस्त नेता हिंदुओं में विभाजन पैदा करने के लिए एक दलित नेता को बलि का बकरा बनाता है।

Veerchhattisgarh

दलितों के प्रति संवेदनशीलता, सहोदरपना और उन्हें अपना मानकर यह जो आज आंदोलन हुआ है, वह इस बात को बताने के लिए काफ़ी है कि हिंदू समाज पूर्व की गलतियों से सीखता है और फिर आगे बढ़ता है। अखिलेश यादव को शायद नहीं पता है कि काठ को हांडी बार बार नहीं चढ़ती। हिंदू समाज ने 2024 चुनाव से सबक सीखा है और वह दोबारा गलती करने के मूड के नहीं है। बाक़ी जातीय संगठनों को भी आज के इस आंदोलन से सीखना चाहिए कि अपने जाति के अधिकारों और सम्मान के प्रति जागरूकता का मतलब बाक़ी का अपमान नहीं है बल्कि बाक़ी का साथ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *