सुरेंद्र किशोर : नेशनल हेराल्ड प्रकरण.. गांधी परिवार को कठघरे में खड़ा करने का श्रेय डा.स्वामी को, केस 2012 से, मोदी 2014 में PM बनें..
नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार को
कठघरे में खड़ा करने का श्रेय डा.स्वामी को
नेशनल हेराल्ड मुकदमे में सोनिया गांधी -राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा करने का एकमात्र श्रेय डा.सुब्रह्मनियन स्वामी को है।इसके बावजूद गांधी परिवार और कांग्रेस का गुस्सा मोदी सरकार पर उतर रहा है।
डा.स्वामी ने सन 2012 में सुप्रीम कोर्ट से एक आदेश पारित करवाया था।
वह यह कि कोई भी भारतीय नागरिक किसी भ्रष्ट लोक सेवक के खिलाफ सबूतों के साथ कोर्ट में केस दायर करके जांच की मांग कर सकता है।
सन 2012 के उस आदेश के आलोक में डा.स्वामी ने सन 2013 में कथित नेशनल हेराल्ड घोटाले को लेकर कोर्ट में केस दायर किया।
कोर्ट ने जांच का आदेश दिया।उस मामले में कोर्ट में अब आरोप पत्र दायर कर दिया गया है।यदि उस केस में सोनिया-राहुल आदि दोषी ठहराए जाएंगे तो उन्हें कम से कम तीन साल की सजा होगी।
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याद रहे कि नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधान मंत्री बने।
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जब से यह केस चल रहा है, तब से कोर्ट ने सोनिया-राहुल को अब तक कोई राहत नहीं दी है।
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सन 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में कहा था कि मनी लांडिं्रग, हत्या से भी ज्यादा गंभीर और जघन्य अपराध है।
क्योंकि, इसने पूरी अर्थ व्यवस्था को प्रभावित किया है।
इसकी वजह से विकास रुक सकता है या पटरी से उतर सकता है।
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जिस मनी लाउंडिं्रग केस में प्रवर्तन निदेशालय राहुल गांधी से पूछताछ कर चुका है,वह नेशनल हेराल्ड से ही संबंधित केस है।
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डा. स्वामी नेे एक बार दावा किया था कि मैं कोई केस नहीं हारता।डा.स्वामी का यह आरोप था कि सन 2014 में वित मंत्री बनने के बाद अरूण जेटली ने नेशनल हेराल्ड केस
में गांधी परिवार की मदद कर दी थी।
फिर भी यह केस भी मैं नहीं हारूंगा,स्वामी का दावा है।
पर,कांग्रेस और गांधी परिवार डा.स्वामी से अधिक मोदी सरकार पर खफा है।दरअसल राजनीतिक हलकों में कहा जाता है कि अरूण जेटली, वाजपेयी शैली के नेता थे।
वाजपेयी जी गांधी परिवार सहानुभूति रखते थे।
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इन दिनों मोदी से डा.स्वामी का अच्छा संबंध नहीं है।कांग्रेस या जिन्हें भी यह लगता है कि मोदी भाजपा के किसी भ्रष्ट नेता पर जानबूझ कर केस नहीं कर रहे हैं ,सिर्फ प्रतिपक्षी नेताओं पर ही केस करवाते हैं तो वे डा.स्वामी से क्यों नहीं मिलते ?
स्वामी कहते रहे हैं कि उच्च स्तर पर जहां भी मुझे भ्रष्टाचार का सबूत मिलेगा,मैं केस करूंगा।
कांग्रेस के लोग या अन्य मोदी विरोधी लोग सबूत जुटा कर स्वामी के दावे की जांच कर लें।पर,लगता है कि उनके पास सिर्फ बातें हैं,सबूत नहीं।
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वैसे सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी को भी यह छूट दे रखी है कि वह किसी भ्रष्ट व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट में सबूतों के साथ केस कर सकता है।डा.स्वामी की मदद लेने की जरूरत नहीं।
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सुरेंद्र किशोर
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पुनश्चः
पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. स्वामी ने एक बार कहा था कि
‘‘मैं संघर्षशील व्यक्ति हूं।
सुरा ,सुंदरी और दौलत में मेरी आसक्ति नहीं है।
दूसरे कई नेता राजनीति और अपनी रखैलों में व्यस्त रहते हैं तो मैं राजनीति में व्यस्त रहता हूं।’’
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डा.स्वामी के बारे में अरुण नेहरू की राय थी कि
‘‘ स्वामी की बातों और कामों से यह साफ पता चलता है कि हार्वर्ड विश्व विद्यालय भी भयंकर भूलें कर सकता है।’’
इंडिया टूडे – हिंदी-31 जनवरी, 1991 -पेज-15
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और अंत में
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बाकी कुछ राजनीतिक बातों को लेकर तो नहीं,किंतु भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी ठोस कार्रवाइयों के कारण मैं भी डा.स्वामी का प्रशंसक हूं।
