सुरेंद्र किशोर : पश्चिम बंगाल.. कहीं देर न हो जाए !!
कहीं देर न हो जाए !!
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खबर है कि पश्चिम बंगाल का बड़ा हिस्सा तेजी से
कश्मीर बनता जा रहा है।
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अब एक ही उपाय है–
पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू हो।
उसके बाद राज्य को तीन हिस्सों में बांटा जाए।।
अशांत हिस्से को केंद्र शासित राज्य बनाइए।
वहां लंबे समय तक के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हो।घुसपैठियों को पूरे राज्य से निकाल बाहर किया जाए।
बाकी दो हिस्सों में देर -सबेर चुनाव हो।
याद रहे कि अपने शासन काल में माकपा मुख्य मंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी कहा था कि पश्चिम बंगाल के सात जिलों में सामान्य प्रशासन चलाना कठिन हो चुका है।
बाद में माकपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भट्टाचार्य से वह बयान वापस करवाया।मैंने वह बयान जनसत्ता में पढ़ा था।
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अभी से पश्चिम बंगाल में आंतरिक पलायन हो रहा है।
यदि केंद्र अब भी हस्तक्षेप नहीं करेगा तो आने वाले दिनों में वही होगा जैसा नब्बे के दशक में कश्मीर में हुआ।
याद रहे कि बंगाल हाई कोर्ट के निदेश के बाद ही आज हिन्दू अपना पर्व मना पा रहे हैं।क्योंकि तभी हिन्दुओं को पुलिस सुरक्षा मिल पाती है।
