सुरेंद्र किशोर : बेटा-बेटी वाद के खिलाफ मोदी का कदम सराहनीय..अब सांसद-विधायक फंड की समाप्ति की प्रतीक्षा !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पांच राज्यों के चुनाव में ‘‘सांसदों के बेटे-बेटियों को टिकट न दिए
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Read moreसामाजिक-राजनीतिक वर्गीकरण इतना सिकुड़ता गया कि दलित, अतिदलित, महादलित,में परिभाषित हो गए। इसी तरह पिछड़े भी और अब उससे
Read moreजब 4,00,000 कश्मीरी हिन्दुओं को घाटी से खदेड़ दिया गया था, तब मानवाधिकारों के वकील उस वक्त कहां थे? नवंबर
Read moreशत्रुघ्न सिन्हा ने इस बार अपने लिए सही पार्टी का चुनाव किया है। यह काम उन्हें पहले ही करना चाहिए
Read moreसर्वप्रथम, यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी एवं उनकी टीम ने भारत में एक नयी राजनीति को खड़ा कर दिया
Read moreजियोपोलिटिक्स में आजकल एक बात बहुत ज्यादा चर्चा में है कि चीन का ताइवान पर तो बहाना है अरुणाचल प्रदेश
Read moreकोरोना काल में स्कूल खुल चुके हैं, नन्हे-नन्हे उमंग,उत्साह के साथ रोज बिना किसी रोकटोक के स्कूल की चौखट पर
Read moreरूस-यूक्रेन के युद्ध की सुर्खियों ने उत्तरप्रदेश के चुनाव की चर्चा को चंडूखाने में धकेल दिया। 7×24 मीडिया पर यूक्रेन
Read moreदो अवसरों पर सोवियत संघ ने भारत के दुश्मनों का साथ दिया था।एक दफा पाकिस्तान का दूसरी दफा चीन का।
Read moreयूक्रेन के अनुभव शिक्षा दे रहे हैं कि भारत के नागरिकों के लिए भी हो अनिवार्य मिलटिरी ट्रेनिंग का प्रावधान
Read moreरूस के लिए भारत न मजबूरी है, न जरूरी इसलिये अभी भारत द्वारा रूस को समर्थन देने का कोई अर्थ
Read moreराम इसलिए भगवान राम हैं क्योंकि उन्होंने जीवनभर दुष्टों से युद्ध किया..विश्वामित्र के आश्रम से दंडकारण्य और श्रीलंका तक और
Read moreमैं यहां नीतीश सरकार या नरेंद्र मोदी सरकार की सफलता या विफलता की चर्चा नहीं करूंगा। उस पर अलग -अलग
Read moreहमारी ‘बोली-भाखा’ का कालजयी महाकाव्य है रामचरित मानस.. मातृभाषा दि/जयराम शुक् जिन किन्हीं ने भी वार्षिक कैलेण्डर में मातृभाषा दिवस
Read moreदेश में धरम और राजनीति दोनों की मिश्रित बयार चल रही है। रैदास-कबीर के सूबे में चल रहे चुनावों के
Read moreपत्रकारिता में मेरे गुरू जी द्वारा दी गयी सीख के अनुरूप ही, चुनावी जनसभाओं की रिपोर्टिंग की मेरी शैली
Read moreअमेरिका का निर्धन वर्ग (जिनकी आय 2500 से 4000 डॉलर प्रति माह है) जो लगभग जनसँख्या का 50 प्रतिशत है,
Read moreलोकपरंपरा में शपथ की इतनी इज्जत थी कि तुलसीदास ने लिखा-प्राण जाय पर वचन जाई। चुनावों में राजनीतिक दलों के
Read moreउज्जैन में एक मोहल्ला है फ्रीगंज…। महाकाल की कृपा से बसी विक्रमादित्य की अवंतिका यानी आज के उज्जैन में इस
Read moreपहले लोकसभा और राज्यसभा में नेताओं के शोरगुल ही सुनाई पड़ते थे।आरोप प्रत्यारोप में सुनाई ही नहीं पड़ता था कि
Read moreशआज वसंतपंचमी के साथ महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निरालाजी की जयंती है। पाँच साल पहले जब “शिवाजी का पत्र मिर्जा राजा
Read moreसाउथ की संस्कृति उत्तर से अलग बिल्कुल नही है वही आस्था वही खान पान वही पूजा पद्धति, यही भारत को
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