एनटीपीसी, बांगो, एसईसीएल के भूविस्थापित : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल के पाप धोएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…! सरोज पांडे दूसरी पीढ़ी को न्याय दिलाने करेंगी पहल..!
कोरबा। भारत की नवरत्न कंपनी एनटीपीसी, एसईसीएल सहित अन्य उपक्रम के प्रबंधनकर्ता आज भी कांग्रेस की राह पर चलकर लटकाओ, भटकाओ और अटकाओ की नीति पर चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास की नीति को ठेंगा दिखा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेहरू के कांग्रेस शासन से अटके कई प्रकरणों में क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किसानों को किया था। दशकों से अटके ऐसे कई काम हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में ही पूर्ण हो सके।
अपने निर्णय लेने की अक्षमता पर पर्दा डाल रहे प्रबंधन..?
ऐसे में प्रश्न उठता है कि कांग्रेस के शासनकाल से न्याय के लिए भटक रहे भुविस्थापतों की समस्याओं के हल के लिए छत्तीसगढ़ में कार्यरत विभिन्न केंद्रीय उपक्रमों के प्रबंधन के अधिकारियों को मोदी सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी नहीं है या जानबूझकर अपनी निर्णय लेने की अक्षमताओं पर पर्दा डालने के लिए भूविस्थापितों की समस्याओं को सुलझाने को लेकर टाल मटोल की नीति अपना रहे हैं?
इतने वृहद संयंत्र,उपक्रमों को लेकर अक्सर नीतिनिर्देश बनाने वाले प्रबंधन में भुविस्थापितों की समस्याओं को सुलझाने की क्या क्षमता नहीं है?
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केंद्रीय उपक्रमों के कुप्रबंधन नीति से जिला प्रशासन भी परेशान
करे कोई और भरे कोई की बात यहां पर भी निर्मित हो रही है। लाचार भुविस्थापितों के द्वारा धरना, आंदोलन अपनी समस्या को लेकर किया जाता है और इसका भुगतान स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन को करना पड़ता है। स्पष्ट रूप से एनटीपीसी, एसईसीएल सहित सभी उपक्रमों के प्रबंधनों को कोई ठोस समाधान देना चाहिए।
दूसरी पीढ़ी कर रही लड़ाई
देश के विकास के लिए अपनी जमीनें खोकर भी उचित मुआवजा, व्यवस्थापन और रोजगार के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों में भूविस्थापितों की दूसरी पीढ़ी भी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है।