राहुल गांधी का बयान.. कोरबा की रानी धनराज कुंवर सहित छत्तीसगढ़ के गढ़ी राजपरिवारों का अपमान.. PM मोदी का जवाब…

कोरबा। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को, विरासत को आदिवासी राजपरिवारों ने सहेजकर संरक्षण किया है। कोरबा में भी रानी धनराज कुंवर के पूर्वजों ने अंचल के प्रसिद्ध मां सर्वमंगला मंदिर की स्थापना की जहां आज जातिभेद को ताक पर रखकर हिंदू समाज के सभी वर्गों के लोग श्रद्धाभाव से माथा टेकते हैं।

रानी धनराज कुंवर तो अंग्रेजों से भीड़ गईं थीं और कानूनी लड़ाई लड़कर कोरबा के हक की रक्षा की। अपने जीवनकाल में रानी धनराज कुंवर ने स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। वर्ष 1971 में रानी महल के नाम से जाने जाने वाले महल को उन्होंने महाविद्यालय के संचालन के लिए दान कर दिया।

रानी रोड कोरबा में स्थित रानी महल को 1971 में महाविद्यालय संचालन के लिए दान किया।

कोरबा ऐसा गांव था जहां कोई भी बाहर से आया हुआ व्यक्ति घर बनाने के लिए ममतामयी रानी धनराज कुंवर की सभा में जाकर विनती ही कर लेने पर घर बनाने लायक जमीन मिल ही जाती थी। तब कोरबा ग्राम पंचायत था और तत्कालीन समय में ट्रैक्टर की व्यवस्था न होने के कारण पुरानी बस्ती में बने अधिकांश घर गधों द्वारा ढोये गए रेत से बने हैं।

जनचर्चा है कि राहुल गांधी के द्वारा राजा-महाराजाओं पर इस प्रकार के बयान देने से कोरबावासियों के साथ ही समूचे छत्तीसगढ़ में राजपरिवारों से जुड़े लोगों की और छत्तीसगढ़ की माटी से जुड़े लोगों की भावनाएं आहत हुई है।

रानी धनराज कुंवर के पूर्वजों द्वारा स्थापित छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध मां सर्वमंगला मंदिर। 

राहुल के बयान पर पीएम मोदी का जवाब

हरिश्चंद्र, अशोक, विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त मौर्य, मिहिर, शिवाजी, महाराणा प्रताप, शाहूजी महाराज से लेकर भारत के इतिहास में दानी-पराक्रमी राजाओं महाराजाओं की एक लंबी श्रृंखला रही है जिन्होंने महान काम किये। 12वीं शताब्दी से लूटने का क्रम अंग्रेजों के समय तक चला।

राहुल गाँधी ने लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान देश के राजा-महाराजाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, राजाओं-महाराजाओं का राज था। जो भी वो चाहते थे, कर देते थे। किसी की जमीन चाहिए होती थी, उसे उठाकर ले जाते थे।”

इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अब उनके इस बयान पर पीएम मोदी ने हमला बोला है।

कर्नाटक के बेलगाम (बेलगावी) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “कॉन्ग्रेस के शहजादे को हमारे राजा-महाराजाओं के योगदान याद नहीं आते। ये वोट बैंक की राजनीति के लिए राजा-महाराजाओं के खिलाफ बोलने की हिम्मत करते हैं और नवाबों, बादशाहों और सुल्तानों के खिलाफ एक शब्द बोलने की ताकत नहीं है।”

आक्रमणकारी मुगलों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “कॉन्ग्रेस को औरंगजेब के अत्याचार याद नहीं आते, जिसने हमारे सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा, अपवित्र किया। कॉन्ग्रेस औरंगजेब की गुणगान करने वाली पार्टियों के साथ खुशी से गठबंधन करती है। ये भूल गए, जिन्होंने हमारे तीर्थों को तहस-नहस किया, लूटपाट किया, गौ हत्याएँ कीं।”

राहुल गांधी के बयान पर सुप्रसिद्ध लेखक-चिंतक पवन विजय के विचार-

राहुल गांधी का राजाओं महाराजाओं पर दिया गया बयान जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। क्षत्रिय समाज के रक्षक वर्ग हैं, उन पर भूमि छीनने का आरोप उस पार्टी का नेता लगा रहा है जिस कांग्रेस ने राजाओं की जमीन छीन ली, उनके अधिकार छीन लिए, उनकी रैंक और स्टेटस को धूमिल कर दिया।

कांग्रेस पार्टी अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी लेनिनवादी में बदल गई है। राहुल गांधी को चीन के प्रशिक्षकों ने महाराजा शिवि से लेकर बाबू सूर्य नारायण सिंह के बारे में शायद ही कुछ बताया हो।

जिस राजा शिवि ने एक कबूतर को बचाने के लिए अपने शरीर का मांस काट कर दान कर दिया हो, जिस राजा दिलीप ने गाय बचाने के लिए स्वयं का दान कर दिया हो,  जिस राजा हरिश्चंद  ने अपना राज्य पाट स्वप्न में देखे गए दृश्य के आधार पर ही दान में दे दिया हो, जिस राजा जनक ने खेती करने के लिए दो तिहाई भूमि अपनी प्रजा को दे दिया हो, जिस राजा हर्ष  ने प्रयाग में सब कुछ दान देने के बाद बहन से भिक्षा मांग कर कपड़े पहने हों, जिस कृष्णदेव राय राजा ने अग्रहार भूमिदान की परंपरा डाली, जिस राजा सूर्य नारायण सिंह ने विनोबा भावे को अपनी सारी जमीन दान में दे दी क्या राहुल गांधी उनका नाम जानते हैं?

राजाओं ने हमेशा जमीनें दी हैं, हड़पी नही है। 

राहुल गांधी को भारत के राजाओं के बारे में तृण भी नही पता है, असली जमीन को हड़पने वाला उनका जीजा रॉबर्ट वाड्रा है जिस पर उनका मुंह कभी नहीं खुलता।  संपत्ति को हड़पने का हेरोल्ड केस खुद राहुल गांधी और उनकी मां पर चल रहा है जिसमें वह जमानत पर बाहर हैं।

राहुल गांधी ने क्षत्रियों के रक्षा करने के धर्म को विरूपित किया है, उन्हे डाकू, लुटेरा और अत्याचारी बताया है। यह वामपंथियों के  उसी नरेटिव का हिस्सा है जिसमें ब्राह्मण पाखंडी, राजपूत शोषक, बनिया लालची और शूद्र शोषित होता है। यही नरेटिव भारत को तोड़ने वाली शक्तियों का भी है। यह बयान केवल राजपूतों का ही नही बल्कि सभी हिंदुओं का अपमान है।

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