राजीव मिश्रा : अमीर आदमी की समृद्धि कभी भी किसी गरीब आदमी के लिए समस्या नहीं हो सकती..
Hoarding money
एक सामान्य शिकायत सुनता हूँ कि अमीर आदमी पैसा जमा करके उसपर बैठा रहता है, जबकि गरीब आदमी भूखा मर रहा होता है…
आइए इसकी सच्चाई को जांचें. क्या अमीर आदमी पैसे की होर्डिंग यानी जमाखोरी करता है? पहली बात, वह अमीर है, संभवतः लोभी भी…बेवकूफ नहीं. वह पैसे को सिर्फ जमा क्यों रखेगा? वह उसे इन्वेस्ट करता है.
पर मान लें, आपने पैसा इन्वेस्ट करने के बजाय सिर्फ बैंक में जमा रख छोड़ा है? क्या वह पैसा बैंक के खाते में बैठा रहता है? मैं बैंक से गाड़ी के लिए, घर के लिए, बच्चे की पढ़ाई के लिए या बिजनेस के लिए लोन लेता हूँ तो वह पैसा एक ब्याज के बदले मुझे मिल जाता है. मैं आपके पैसे का उपयोग कर रहा हूँ क्योंकि आपने अपने उपभोग से अतिरिक्त पैसा अर्जित किया है. यानि आपने जितना उपभोग स्थगित कर रखा है वह मेरे लिए उपलब्ध है. अगर बैंकों के पास अधिक पैसा जमा है तो वह उनके काम का नहीं है, जबतक कोई उनको कर्ज लेकर उसके बदले ब्याज न दे, कोई उसका उपयोग न करे. तो उन्हें वह पैसा हमें कर्ज देने की गरज है. बैंकों के पास जितना अधिक पैसा जमा है, वे ब्याज की दर उतनी कम करेंगे. तो अंत में अमीर आदमी का पैसा हमारे ही काम आ रहा है और आपने जितना अधिक जमा कर रखा है हमारे लिए उसका उपयोग उतना अधिक सस्ता पड़ेगा, क्योंकि हमें मालूम है कि सप्लाई बढ़ने से मूल्य घटता है.
और मान लें, अगर आप ने अपना पैसा बिल्कुल भी खर्च नहीं किया, निवेश भी नहीं किया, बैंक में भी नहीं रखा. बिल्कुल अपने बिस्तर के नीचे, या बाथरूम की टाइल के नीचे ही छुपा रखा है. तो भी आप मेरा कोई नुकसान नहीं कर रहे. पैसा मूलतः अपने आप में कोई काम की चीज नहीं है. पैसा सिर्फ तभी काम का है जब आप उससे कोई आवश्यक वस्तु खरीदते हैं. आपका पैसा सिर्फ इस बात की रसीद है कि आपने किसी और के लिए कोई अन्य आवश्यक वस्तु या सेवा उपलब्ध कराई है जिसके बदले आपको ये पैसे मिले थे. अगर आप उस रसीद का प्रयोग नहीं करते, कभी उसे बाहर नहीं निकालते और उसे अपने तहखाने में दबा कर रखते हैं, तो भी किसी और का नुकसान नहीं करये. क्योंकि आपने वह वस्तु या सेवा तो पहले ही दे रखी है जिसे अन्य लोग उपभोग कर रहे हैं. आपका पैसा उसके बदले में अन्य वस्तुएं या सेवाएं खरीदने की कॉम्पिटिशन से बाहर हो गया, मेरे जेब में जो पैसे हैं उनके लिए उन वस्तुओं या सेवाओं के क्रय का कॉम्पिटिशन कम हो गया.
अमीर आदमी की समृद्धि कभी भी किसी गरीब आदमी के लिए समस्या नहीं हो सकती. एक गरीब आदमी का सबसे अच्छा मित्र उसका अमीर पड़ोसी है.


