शंकराचार्य बोले “आदिवासियों के पूर्वज आदिकाल से ही हिंदू हैं” ..राजस्थान के 3 कांग्रेस विधायकों ने भी…

प्रदेश के बस्तर में आदिवासियों के हिंदू धर्म के होने और नहीं होने पर जबरन का बवाल मचा हुआ है, जबकि एक बड़ा हिस्सा मानता है कि आदिवासी समाज हिंदू संस्कृति का संवाहक रहा है। कुछ दिन पहले ही मंत्री कवासी लखमा ने आदिवासियों को हिंदू धर्म से अलग बताने के  बयान को लेकर मचे बवाल के बीच बस्तर पहुंचे पूरी पीठाधीश्वर स्वामी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पलटवार किया है। स्वामी शंकराचार्य ने कहा कि अगर आदिवासी हिंदू नहीं है तो कौन है?

स्वामीजी ने आगे कहा कि आदिकाल से वनवासियों का धर्म हिंदू है, आदिवासियों में दाह संस्कार है या नहीं। श्राद्ध है या नहीं, प्रण है या नहीं, खुद वनवासियों के पूर्वजों ने कहा है कि हम हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि यह ना कहा जाए कि हम हिंदू नहीं है, सब के पूर्वज आदिकाल से ही हिंदू हैं और ऐसा कोई प्रमाण है तो उसे सिद्ध करिए जिसमें यह कहा जाए कि आदिवासी हिंदू नहीं है।

 

राजस्थान में भी हिंदू राजनीतिक विषय बन रहा है। कुछ समय पूर्व जहां एक तरफ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के वीर सावरकर  के हिंदुत्व के समर्थन से राजनीति गर्म हुई तो वहीं, दूसरी ओर आदिवासियों के हिंदू होने पर सवाल उठाने के बाद राज्यसभा सासंद किरोड़ीलाल मीणा ने दौसा में आदिवासियों की सभा में सभी से हाथ खड़े करवाकर हिंदू होने का ऐलान करवाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाथ खड़े करने वालों में कांग्रेस के तीन आदिवासी विधायक भी शामिल थे।

बागेश्वर बाबा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का किया बचाव

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती  बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर उन्होंने कहा कि वह किसी न किसी तरह से हिंदुत्व को बचा रहे हैं, चमत्कार पर जानना है तो उनके पास जा कर देख लीजिए।

 

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