जीबन आनंद मिश्रा : PM मोदी का कनाडा दौरा सामान्य नहीं महाभारत का चक्रव्यूह.. किसे उंगली करेंगे..!!

क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का कनाडा दौरा, आप लोगों को एक साधारण सी दौरा दिख रहा है.!! परंतु ऐसा बिलकुल नहीं है.. वहां महाभारत का चक्रव्यूह रचा जा रहा है.
मोदी जी कनाडा जाते जाते, रास्ते में क्या तुर्किए को उंगली करने का मन बनाया है.
मिल रहे एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन के लिए जाते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस जो कि यूरोपीयन यूनियन का एक सदस्य है, वहां पर रणनीतिक पड़ाव डाल सकते हैं. क्योंकि साइप्रस और तुर्कीए के बीच हर वक़्त छत्तीस का आंकड़ा रहता है. साइप्रस का यह दौरा तुर्कीये के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच हो रही है.
1974 में तुर्किए ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से में अतिक्रमण कर लिया था, जिसके बाद यह द्वीप दो हिस्सों में बंट गया. अब एक हिस्से में ग्रीक साइप्रस और दूसरे में तुर्क साइप्रस लोगों का कंट्रोल है….
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प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G-7 बैठक के लिए 15 से 17 जून तक कनाडा का दौरा करेंगे. लेकिन कार्नी अकेले ऐसे नहीं हैं जो उनके आने का इंतजार कर रहे हैं, बल्कि कई अन्य लोग भी मोदी के लिए अपने-अपने चक्रव्यूह तैयार कर रहे हैं..!! कई खालिस्तानी सिख संगठन प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं.
इनमें प्रमुख हैं:-
1 – सिख फेडरेशन ऑफ कनाडा.
2 – वर्ल्ड सिख ऑर्गनाइजेशन.
3 – सिख फॉर जस्टिस.
हालाँकि, यह सिर्फ़ पर्दे के उपर दिखने वाले चेहरे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे से कई छिपे हुए खिलाड़ी काम कर रहे हैं..!! खालिस्तानी आतंकवादी और सिख फॉर जस्टिस SFJ के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर मोदी को आमंत्रित करने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री का आभार जताया है. उसने कहा है कि कनाडा में G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान वे प्रधानमंत्री मोदी से भिड़ेंगे..!! उनसे हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में पूछताछ की जाएगी. मित्रों, चीजें उतनी सीधी नहीं हैं, जितनी मीडिया दिखाने की कोशिश कर रही है. इस चक्रव्यूह में कई खिलाड़ी शामिल हैं. आप सब इस तस्वीर में देख सकते हैं.
1 – खालिस्तानी समूह.
2 – पाकिस्तान.
3 – वैश्विक वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र.
4 – भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टियां
यह G7 बैठक कनानसकीस में होगी जो कि कैलगरी, अल्बर्टा, कनाडा के पश्चिम में एक बहु-उपयोगी क्षेत्र है. कैलगरी की मेयर ज्योति गोंडेक हैं. वह जसेव सिंह ग्रेवाल की बेटी हैं और जसेव ग्रेवाल विश्व सिख संगठन का कार्यकारी सदस्य है. विश्व सिख संगठन ने घोषणा की है कि वे G-7 के दौरान मोदी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करेंगे. क्योंकि G-7 एक बहुत बड़ा वैश्विक आयोजन होगा. पूरी दुनिया की मीडिया वहाँ मौजूद रहेगा. कैलगरी की मेयर होने के नाते, ज्योति गोंडेक प्रदर्शनकारियों को खुलेआम प्रचार करने की पूरी आज़ादी देंगी.
• WSO का एक प्रमुख भागीदार SFJ है, और सिख फॉर जस्टिस भारत में प्रतिबंधित संगठन है. SFJ का नेतृत्व गुरपतवंत सिंह पन्नू कर रहा है, जिसे भारत में आतंकवादी घोषित किया गया है. इसकी स्थापना पन्नू और एक पाकिस्तानी मुहम्मद यूनुस ने मिलकर किया था. जब भी खालिस्तान की बात आती है, तो हमेशा याद रखें कि खालिस्तान पाकिस्तान की दिमाग का एक उपज है. पाकिस्तान 1970 से खालिस्तानी आतंकवाद को वित्तपोषित और पोषित करता आ रहा है, सभी खालिस्तानी संगठन पाकिस्तान द्वारा वित्तपोषित हैं, इसलिए जब वैश्विक मीडिया प्रकाशित कर रहा है कि कनाडा में सिख समूहों ने मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है.! तो फिर समझ लीजिए कि पर्दे के पीछे से इस तार को खींचने वाला पाकिस्तान ही है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी की मौजूदगी, G-7 और कनाडा का संयोजन पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने का एक जैकपॉट बन गया है.
• आइए इन प्रदर्शनकारियों का पाकिस्तान से कनेक्शन देखते हैं.
विश्व सिख संगठन के मुख्य दानकर्ता पीटर विरडी हैं, जिनका पाकिस्तान से कनेक्शन है. यहां आप इस तस्वीर में सिख फॉर जस्टिस के अवतार सिंह पन्नू को ISI एजेंट परवेज इकबाल लोसार के साथ देख सकते हैं. यूरोप में इकबाल लोसार का मुख्य सहयोगी फैबियो मासिमो है जो यूरोपीयन यूनियन संसद का सदस्य है. वह कश्मीर पर यूरोपीय संसद में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करता रहता है. मित्रों, कनाडा में जो साजिश रचा जा रहा है, तो हम इस पारिस्थितिकी तंत्र में अपने चैंपियन पप्पू को कैसे भूल सकते हैं.! यहां आप राहुल गांधी को फैबियो मैसिमो के साथ देख सकते हैं. मैसिमो ISI एसेट परवेज के साथ काम कर रहा है. परवेज सिख फॉर जस्टिस को संभाल रहा है. आप लोगों ने सुना होगा कि, खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने अमेरिका में राहुल गांधी के बयान की प्रशंसा की थी, जहां उन्होंने कहा था कि “भारत में लड़ाई इस बात पर है कि क्या एक सिख को पगड़ी और कड़ा पहनने और गुरुद्वारा जाने की अनुमति होगी..!!
• परंतु मोदी के खिलाफ यह चक्रव्यूह खालिस्तान, पाकिस्तान और राहुल गांधी तक ही सीमित नहीं है, इस खेल में कई खिलाड़ी हैं..!! जिसमें जॉर्ज सोरोस की  हिन्दू फॉर ह्यूमन राइट्स HfHR. OFMI जैसे NGO हैं. यह लोग अमेरिका में भारत के खिलाफ बहिष्कार, विनिवेश, प्रतिबंध BDS उद्योग चला रहे हैं. उनका पूरा उद्देश्य भारत के खिलाफ सेमिनार, कार्यक्रम, विरोध प्रदर्शन आयोजित करना और भारत को वैश्विक प्रतिबंध सूची में डालना है. यह BDS गिरोह भारत को निशाना बनाने के लिए G-7 के इस सुनहरे अवसर को कैसे छोड़ सकता है..!? और यह चक्रव्यूह का अंतिम सदस्य है, वामपंथी मीडिया.
सोरोस नियंत्रित वामपंथी मीडिया पिछले 3 सालों से निज्जर की हत्या पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है. तो चक्रव्यूह क्या है…!? G-7 के दौरान पाकिस्तान द्वारा वित्तपोषित खालिस्तानी समूहों और सोरोस द्वारा वित्तपोषित NGO द्वारा विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा और सोरोस मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित करेगा कि भारत सिखों पर अत्याचार कर रहा है, और राहुल गांधी इसे हवा देने के लिए कोई कतह नहीं छोड़ेगे.
 कनाडा इस पारिस्थितिकी तंत्र का गृह क्षेत्र है. कनाडा सरकार उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों के नाम पर अपने चक्रव्यूह को अंजाम देने की पूरी छूट देगी. और इससे एक बड़ी कथात्मक लड़ाई शुरू होने वाली है, और हम इसे प्रत्यक्ष रूप से देखने वाले हैं..!! लेकिन इस कथात्मक बम को निष्क्रिय करने का एकमात्र तरीका सत्य है, और इस बार, हम उन्हें खुली छूट नहीं दे रहे हैं, हम उन्हें बेनकाब करेंगे. मोदी जी और भारत भी तैयार हैं इस चक्रव्यूह को भेदने के लिए, परंतु अभिमन्यु की तरह नहीं, बल्की शूरवीर अर्जुन की तरह. हमारा भी एक पारिस्थितिकी तंत्र यानी Ecosystem तैयार हो चुकी है, उनके जैसा उतना बड़ा तो नहीं, लेकिन तलवार की धार जैसी जरुर है. पाकिस्तान पर प्रहार से केवल चाइना नहीं, बल्कि कुछ पश्चिमी शक्तियों की रीढ़ टूट चुकी है, इसलिए वे भारत को घेरने के लिए इसी तरह का प्रयास करते रहेंगे. आज तक मोदीजी के जितने भी विदेश दौरे हुए हैं, उनमें से यह दौरा बहुत चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है.

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