मनीष शर्मा : 𝗦𝗻𝗶𝗽𝗲𝗿 𝗥𝗶𝗳𝗹𝗲 पहले इम्पोर्ट करते थे.. अब एक्सपोर्ट हो रहा है
EXCLUSIVE : 𝗙𝗶𝗿𝘀𝘁 𝗜𝗻𝗱𝗶𝗮𝗻 𝗜𝗻𝗱𝗶𝗴𝗲𝗻𝗼𝘂𝘀𝗹𝘆 𝗗𝗲𝘀𝗶𝗴𝗻𝗲𝗱 𝗮𝗻𝗱 𝗠𝗮𝗻𝘂𝗳𝗮𝗰𝘁𝘂𝗿𝗲𝗱 𝗦𝗻𝗶𝗽𝗲𝗿 𝗥𝗶𝗳𝗹𝗲 𝗴𝗲𝘁𝘀 𝗶𝗻𝗱𝘂𝗰𝘁𝗲𝗱 𝗶𝗻𝘁𝗼 𝗙𝗼𝗿𝗲𝗶𝗴𝗻 𝗠𝗶𝗹𝗶𝘁𝗮𝗿𝘆 𝗦𝗲𝗿𝘃𝗶𝗰𝗲.
भारत की एक private कंपनी SSS Defence द्वारा बनाई हुई Lapua Magnum Sniper राइफल को एक मित्र देश को export किया जा रहा है.
यह बहुत बड़ी ख़बर है, क्यूंकि अब तक हम ऐसे हथियार Import करते थे.
भारतीय सेना भी इस राइफल का trial कर रही है.. और सब सही होने पर यह राइफल भारतीय सेना को भी मिलेगी।
Telecom Equipments and Gear Manufacturing एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ PLI स्कीम ने जादू जैसा काम कर दिया है.
2014 में भारत में Telecom Equipment का market लगभग 50,000 करोड़ का था और कमाल की बात थी कि इसमें से 90% से ज्यादा सामान हम import करते थे.. जिसमें भी बड़ा हिस्सा चीन से आता था.
उस समय भारत में Tejas Networks, HFCL, Nokia जैसी कम्पनिया सीमित क्षमता में मैन्युफैक्चरिंग करते थे.. और गिने चुने ही Telecom Gears बनाये जाते थे.
Covid के बाद इस क्षेत्र में PLI स्कीम लायी गई… मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को 4,000 करोड़ के लाभ देने की योजना बनाई गई…. ढेरों देसी और विदेशी कंपनियों ने इस योजना के लिए apply किया… और अपनी Units setup करना शुरू कर दिया.
2022-23 में हमने 173 करोड़ रूपए के Telecom Equipment export किये थे.
2023-24 में जानते हैं कितने के export किये??
पूरे 10,500 करोड़ के.
और इस साल भारत ने 45,000 करोड़ के Telecom Equipment बनाये गए
आज भारत में Network Equipments का 1 लाख करोड़ से ऊपर का market है.
आज हमने 5G rollout किया और उसमे 80% equipment और Technology भारत में ही बनी है.
आज भारत 72 देशों को Telecom Equipments Export कर रहा है… और इनमे अमेरिका, इंग्लैंण्ड, यूरोप के अन्य देश, अफ़्रीकी देश, और कई एशियाई देश शामिल हैं.
इस sector में आज 20,000 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं.
सबसे बड़ी बात… हमारी चीन पर निर्भरता कम होती जा रही है…. हमारा 5G network पूरी तरह से सुरक्षित है.. क्यूंकि यह हमने बनाया है.. और इसमें हमारी सहायता की है Nokia, Ericsson जैसी कंपनियों ने.
आज भारत में 100 से ज्यादा Telecom Manufacturers हैं…..इनमे 20 से ज्यादा MNC हैं…और अन्य स्वदेसी कम्पनिया हैं.. छोटे स्तर की MSME हैं.
भारत में Nokia, Samsung, Ericsson, Jabil जैसी बड़ी कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग bases हैं… वहीं Tejas, HFCL, Dixon जैसी देसी कंपनियों ने भी अपने मैन्युफैक्चरिंग bases बड़े बना लिए हैं.
सरकार ने मात्र 4,000 करोड़ की स्कीम से एक नया क्षेत्र खड़ा कर दिया… जो आज 45,000 करोड़ के equipment बना रहा है, 10,500 करोड़ के Equipments export कर रहा है….20,000 direct और इतनी ही indirect jobs बनी हैं… इन सबसे सरकार का revenue कितना बड़ा होगा.. यह सोचिये.
यही होता है बदलाव.