अमित सिंघल : ट्रम्प के 50% टैरिफ के बाद भी अमेरिका को भारतीय निर्यात में 23% वृद्धि..
ट्रम्प के 50% टैरिफ के बाद भी अमेरिका को भारतीय निर्यात में 23% वृद्धि हुई है।
सोनिया सरकार के समय के भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था के खराब मैनेजमेंट का प्रभाव रुपये पे दिखाई देता था।
फ्रैजाईल फाइव या दुर्बल पाँच अर्थव्यवस्था में से एक थी, रुपये की वैल्यू केवल चार माह, मई से अगस्त तक, में 20% गिर गयी थी। 2 जनवरी 2013 को रुपये की वैल्यू 54.24 थी; जो 28 अगस्त 2013 को गिरकर 68.80 हो गयी थी। अर्थात, 8 माह में 14 रुपये की गिरावट।
सरकारी बैंक फेल होने के कगार पर थे। इन बैंको में non-performing assets (NPA) – ऐसा लोन एवं ब्याज जिसे चुकाया नहीं जा सकता – 11 प्रतिशत के ऊपर था; आज नगण्य है (डेढ़ प्रतिशत से भी कम जो सामान्य माना जाता है)। सोनिया NPA की फुल एकाउंटिंग वर्ष 2018 में हुई क्योकि जो लोन सोनिया सरकार के समय दिल्ली से फोन द्वारा दिया गया था, उस पर ब्याज भी ना चुकाने के बाद NPA घोषित होने में 3 से 5 वर्ष लग जाते है।
भ्रष्टाचार चरम पर था।
क्या ऐसी अर्थव्यवस्था का असर रुपये की वैल्यू पर नहीं दिखाई देगा? क्या विदेशी निवेशक ऐसी स्थिति में डॉलर भारत लाएंगे? तभी मुख्यमंत्री मोदी आलोचना करते थे। क्योंकि उनके राज्य में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
लेकिन मोदी सरकार के समय में विदेशी मुद्रा भंडार 700 बिलियन डॉलर है, विकास दर 6 से 8 प्रतिशत है, मंहगाई दर नगण्य है (पुनः पढ़िए, मंहगाई दर नगण्य है), बजट घाटा कण्ट्रोल में है, जीडीपी की तुलना में उधारी का अनुपात केवल 57% है जिसे सरकार अगले 6 वर्षो में 50% ले आएगी।
फिर भी, रुपया गिर रहा है? क्यों?
नवंबर में भारत के निर्यात में 19% वृद्धि रजिस्टर की है।
लेकिन न्यूज़ यह नहीं है।
न्यूज़ यह है कि अमेरिका को भारतीय निर्यात में 23% वृद्धि हुई है; अमेरिका को सात बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड एक्सपोर्ट हुआ है। ट्रम्प द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद यह कैसे संभव हुआ है?
ट्रम्प टैरिफ से भारत ने ऐसे निपट रहा है। तभी भारत अमेरिका से ट्रेड डील करने में कोई उतावलापना नहीं दिखा रहा है।
लेकिन राष्ट्रवादियों की रुपये पर नकारात्मक पोस्ट पर लगभग सभी कमेंट मोदी विरोधी आते है। ऐसे लोगो को एक प्लेटफॉर्म मिल जाता है। आप बिना सन्दर्भ की आलोचना से क्या अचीव करना चाहते है?
राष्ट्र की जिम्मेवारी अत्यधिक बुद्धिमान, चतुर, घाघ एवं राष्ट्रवादी नेतृत्व के पास है। उन पर विश्वास बनाये रखे।


