विरासत टैक्स पर प्रदर्शन, “पहले लेंगे आपके वोट फिर ले जाएंगे आपके मंगलसूत्र और नोट”

कांग्रेस की ओर से उठाया गया संपत्ति कर और विरासत टैक्स का गंभीर विषय चुनाव में वोटों को प्रभावित करेगा यह विगत दिनों दिल्ली में बुधवार को संपत्ति कर और विरासत को लेकर प्रदर्शन को लेकर आभास हो रहा है। छात्रों ने कांग्रेस के संपत्ति कर और विरासत कर को लेकर  विचार को लेकर कड़ा विरोध प्रदर्शन किया।


कुछ दिनों पूर्व ही राहुल गांधी ने भी चुनावी रैली में संपत्ति का सर्वे और उसके बंटवारे को लेकर बयान दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस के मेनिफेस्टो में भी संपत्ति के सर्वे की बात कही गई है। इससे पहले कांग्रेसी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। ऐसे में सैम पित्रोदा के ताजा बयान से देश भर में बवाल मच गया है। लोग कांग्रेस की नीति और नियत पर सवाल उठा रहे हैं।

”70 साल में न दिया जल, न बत्ती अब छीनेंगे संपत्ति”

हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर छात्रों ने कांग्रेस मुख्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे छात्रों  के हाथों में लिखी तख्तियों में कांग्रेस के विरासत टैक्स को लेकर अनेक नारे लिखे हुए थे। छात्रों की ओर से हाथों में ली गई तख्तियों पर लिखा था…”70 साल में न दिया जल, न बत्ती अब छीनेंगे संपत्ति”… “राहुल के पास मां और माओ दोनों”… “पहले लेंगे आपके वोट फिर ले जाएंगे आपके मंगलसूत्र और नोट” आदि नारे विरोध में लिखे हुए थे।


उल्लेखनीय है कांग्रेस के विरासत कर वाले विचार पर देशभर में विरोध हो रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के Inheritance Tax को लेकर दिए गए बयान के बाद देश भर में लोगों के बीच नाराजगी का माहौल है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने हाल ही अमेरिका की तरह देश में भी विरासत टैक्स लगाने की बात कही है। इस टैक्स के मुताबिक आपके मरने पर आपकी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेगी और उसे दूसरे लोगों में बांट देगी। आपके बच्चे को सिर्फ 45 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। यानी कांग्रेसी सरकार आपके खून-पसीने की गाढ़ी कमाई और मेहनत से अर्जित संपत्ति का आधा से ज्यादा हिस्सा लेकर दूसरे लोगों में बांट दिया जाएगा।

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कांग्रेसी नेता सैम पित्रोदा ने कहा है कि ‘’अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह सिर्फ 45 प्रतिशत अपने बच्चों को दे सकता है। 55 प्रतिशत सरकार ले लेती है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, तो आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पूरी नहीं, आधी ही। ये कानून मुझे अच्छा लगता है। भारत में ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए इस पर बहस और चर्चा करनी होगी। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिससे धन का बांटना बेहतर होगा।’’

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