मनीष शर्मा : भारत तैयार है किसी भी तरह के aggression या युद्ध के लिए

कुछ दोस्तों ने genuine चिंता व्यक्त की है, कि क्या भारत तैयार है किसी भी तरह के aggression या युद्ध के लिए

सवाल एकदम वाजिब है, और इसका जवाब भी हमे पता होना चाहिए।

एक शब्द में कहें, तो हम बिल्कुल तैयार हैं…..किसी भी तरह के aggresion या युद्ध के लिए…..हम multiple front war के लिए भी सक्षम हैं…..हो सकता है किसी को ये Over Confidence लगे, या बड़बोलापन भी लग सकता है…….लेकिन थोड़ा समझने की कोशिश करेंगे तो समझ जाएंगे।

युद्ध लड़ने के लिए आपको क्या चाहिए??

1. सबसे पहले तो आपका नेतृत्व मजबूत होना चाहिए…..क्योंकि किसी भी युद्ध की परिस्थिति में नेतृत्व ही देश को और सेना को drive करता है……नेता अच्छा है तो आप कठिन परिस्थिति से पार पा जाते हैं….वहीं अकर्मण्य नेतृत्व आपको डुबा देता है।

हमारा नेतृत्व सक्षम है….पिछले 5-7 सालों मे ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां नेतृत्व ने काम किया है…..चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो, LAC पर दमखम दिखानां हो, सीरिया-यमन-इराक़ से दुनिया भर के लोगो को निकालना हो….या फिर अमेरिका-रूस-यूरोप के देशो से समान संबंध रखने हो….Quad join करना हो….हमारे नेतृत्व ने दिखाया है कि उनके लिए अपने देश का हित सर्वोच्च है….हम किसी के पिछलग्गू नही हैं…….हम रूस-चीन-अमेरिका से संबंध रखते हैं, business करते हैं, और समय आने पर उनके खिलाफ स्टैंड भी लेते हैं।

2. Military capabilities – इस मामले में कहने को ज्यादा कुछ है नही, दुनिया की top-5 में हमारी आर्मी,नेवी और एयरफोर्स आती है। हमारी सेनाएं दुनिया मे सबसे ज्यादा battle hardened सेनाओं में से एक है। आप Mountain वारफेयर लो, glacial warfare लो, jungle वारफेयर उठा लो……हमारी सेनाएं दुनिया मे सबसे ज्यादा सक्षम हैं। इन warfares की training के लिए अमेरिका और यूरोप की सेनाएं भारत आती हैं हर साल…..आपको ये जानकारी नही है, तो इसमे सेना की गलती नही है।

3. हथियार – जाहिर है, कोई भी युद्ध हथियारों के बिना तो लड़ा जाएगा नही….क्या हम हथियारों के हिसाब से सक्षम हैं?

ये सवाल वाजिब है, क्योंकि कुछ साल पहले ही तत्कालीन COAS जनरल वी के सिंह जी ने कहा था कि हमारे हथियार पुराने हैं, और Stock भी कुछ ही दिनों का बचा है……ऐसे में हर भारतीय ये तो सोचेगा ही, कि क्या आज भी वही स्थिति है या कुछ बदलाव आया है।

इसके लिये आपको पिछले 5-7 साल में किये गए मिलिट्री acquisition के बारे में पढ़ना चाहिए। आर्मी, नेवी और airforce की क्षमता में हमने जबरदस्त बढ़ोत्तरी की है। सेना के लिए नई तोपें, सैनिकों के लिए एडवांस्ड राइफल्स, high tech gears, bullet proof vest और helmets की सप्लाई जबरदस्त लेवल पर हुई है।

वहीं एयरफोर्स के लिए राफेल, चिनूक, अपाचे जैसे अत्याधुनिक जेट्स और अटैक हेलीकॉपर induct किये जा चुके हैं। सारे orders fulfil हो चुके हैं। वहीं देसी ऑप्शन्स जैसे LCH और LCA तेजस भी induct किये जा रहे हैं। तेजस की 2 स्क्वाड्रन active हैं।

नेवी की बात की जाए तो कई सबमरीन आयी हैं, nuclear सबमरीन भी induct हुई है, इसके अलावा attack ships भी बड़ी संख्या में induct किये गए हैं।

इसके अलावा भारत के पास एक बहुत ही मजबूत Multiple level Air डिफेंस system hai…..लोगो को सिर्फ S400 ही पता है….लेकिन हमारे पास आधे दर्जन अन्य air डिफेन्स सिस्टम पहले से हैं।

PAD (पृथ्वी मिसाइल) , AAD, Spyder, Akash air defence, SAM, LRSAM, QRSAM, Barak, और अब S400 भी है। हर सिस्टम की range और requirements अलग अलग होती हैं…..इन सबको combination में इस्तेमाल किया जाए तो एक अभेद्य सिस्टम बन जाता है।

इसके अलावा आप पिछले 2 साल में ISRO, DRDO, HAL और ADA की गतिविधियों को देखिए, पढिये और समझिये। हम हर हफ्ते कोई नई मिसाइल, नए air डिफेंस सिस्टम, रिमोट सेंसिंग, survillance system की टेस्टिंग कर रहे हैं…..किसलिये? सोचा है कभी???

इसके अलावा सेनाओं को इमरजेंसी purchase करने की खुली छूट मिली हुई है। और सबसे बड़ी बात, अब युद्ध की स्थिति में हमे हथियारों के लिए बाहर नही भागना पड़ेगा….हम अब पहले से कहीं ज्यादा हथियार बना रहे हैं, और आज की तारीख में 70 से ज्यादा कंपनियां और स्टार्टअप्स हैं भारत मे जो सेनाओं के लिए हथियार बना रहे हैं……जरूरत के समय हमारे पास सेनाओं बेहिसाब हथियार सप्लाई करने की क्षमता है।

इनके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण components होते हैं, जैसे diplomacy, 5th जनरेशन वारफेयर capabilities, टेक्नोलॉजी आदि…..भारत इन सभी मे पहले से काफी मजबूत है।

हम डरते हैं, कि चीन और पाकिस्तान मिलकर 2.5 वारफेयर शुरू कर देंगे…..यहां आप चिंता मत कीजिये, क्योंकि भारत इनसे लड़ने में सक्षम है….आपको ये भी सोचना चाइये कि क्या पाकिस्तान या चीन multiple front पर लड़ाई लड़ सकते हैं???

बलोचिस्तान, POK, डुरंड लाइन, south चीन sea, मलक्का स्ट्रैट, तिब्बत, हांगकांग..…..ये कई प्रेशर points हैं, जिन्हें सही समय पर दबाया जाएगा….भारत कहीं से कमतर नही है, विश्वास रखिये।

साभारः मनीष शर्मा

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