समर प्रताप : जब जाम साहेब किसी को विजयी भव का आर्शीवाद देते हैं, तो उसकी जीत निश्चित हो जाती है..
ये सम्मान होता है और सम्मान कभी एकतरफा नही होता,
ना उसे डरा के धमका के लिये जा सकता है वो दिल से जुड़ा होता है।
और दोनो को करना होता है।मूर्ख लोग सम्मान को भी डर से जोड़ लेते है।
जाम साहेब श्री शत्रुसल्य सिंह जी से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर में रैली को संबोधित किया और कहा, गुजरात ने वर्तमान में देश के लिए जितना योगदान दिया है उतना ही योगदान अतीत में भी दिया है.
जामनगर के महाराजा दिग्विजय सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय पोलैंड के नागरिकों को जामनगर में शरण दी थी. उन्होंने जो बीज बोए इसके कारण आज भी पोलैंड के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज भी पोलैंड के संसद में सत्र की शुरुआत होती है, तो सबसे पहले जामनगर का स्मरण किया जाता है. पीएम ने कहा, मैं यहां आने से पहले जाम साहेब से मिलने गया था और उनका आर्शीवाद लिया. जाम साहेब ने मुझे पगड़ी पहनाई और विजयी भव का आर्शीवाद दिया.
पीएम मोदी ने कहा, जब जाम साहेब किसी को विजयी भव का आर्शीवाद देते हैं, तो उसकी जीत निश्चित हो जाती है.
देश के एकमात्र प्रधानमंत्री जिन्होंने बनते ही देश के सभी राजा महाराजाओं का भारत को एक लोकतांत्रिक देश बनाने के लिये किये त्याग के लिये धन्यवाद कहा।
ऐसे नेता को छोड़के हम उनके साथ जाए जो न केवल भारतीय संस्कृति राजा महाराजो को गाली देते है बल्कि कल को आपकी मेहनत की कमाई को छिनने की बात करते है।
और पहले कर भी चुके है।जो राम को काल्पनिक बताते है और जिस धर्म के लिये महापुरुषों ने लड़ाई लड़ी उसके विरोधी है।
इतना बेवकूफ नही है मेरा समाज।
कोई वाद विवाद नही खुलकर देशहित में भाजपा के साथ 400 पार की लड़ाई लड़ेंगे।
जयहिंद।
-चित्र साभार