समर प्रताप : जिसके पास जो नही होता उसे उसी की चाहत होती है

जिसके पास जो नही होता उसे उसी की चाहत होती है।अमीरों को सामान्य जीवन जीने के लिये पहाड़ों में जाना पड़ता है,बहुत से अमीरों ने फॉर्महाउस बनाकर वँहा खेती करनी चालू कर दी है ताकि गाँव की फ़ीलिंग ले सके।
जिस पर साइकिल है वो बाइक पर बैठ जाये तो बिना काम के भी गली तोड़ देगा घुमा घुमा के।
और कार वाले साइकिल पर चलना चाहते है।

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मोटे है वो पतला होना चाहते है जो पतले है वो वेट बढ़ाना चाहते है।
जिसकी बीवी है वो उसे मायके में भेजकर सिंगल रहना चाहता है।जो सिंगल है वो पोर्न मूवी देखकर चाहता है कि घर वाले उसे ऐसा करते हुवे देख ले ताकि उसकी शादी हो जाये।
बस यही मानवीय स्वभाव है।

अब जो औरत है वो मर्दों के जैसे रहना चाहती है,वैसे पहनना और गाली देना चाहती है।
और कई लड़के जेएनयू में साड़ी पहनकर अपनी गुलक तुड़वा के वैसी फ़ीलिंग लेना चाहते है।
जो लेडी कमा रही है जॉब में है वो चाहती है उसे हसबैंड कमाने वाला मिले तो वो घर पर आराम से जेमटो के आर्डर करें।
हसबैंड के जाने के बाद अपनी सहेलियों से बात करें,
शॉर्ट्स पहन कर सहेलियों को वीडियो कॉलिंग करके उन्हें गरीबी फील करवाये और खुद मोज काटे।
पुराने वाले एक्स को आइंदा इधर फोन मत करना अब मेरा पति ही मेरा परमेश्वर है बोले।

और जो जॉब में नही है हाउस वाइफ है वो चाहती है मैं भी ग्रे कलर का बैग लेकर पलाजो पहन के ऑफिस में जाऊं, अपने पैसे कमाऊ और अपनी मर्जी की लाइफ जिऊँ।
कब तक हसबैंड के पर्स से पैसे निकाल के आइसक्रीम खाती रहूंगी।
वैसे ही हर इंसान का मन करता है कुछ अलग करने का।
अपने काम से बोर होने के बाद।
तो आपका क्या दिल करता है कि मै ये होता तो ये करता वो होता तो वो करता।

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