चीफ जस्टिस को 600 वकीलों के पत्र पर समर्थन में PM मोदी बोले – “दूसरों को डराना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति.. 50साल पहले.. 140 करोड़ भारतीयों ने ठुकराया”

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को देशभर के प्रमुख वकीलों ने पत्र लिखकर कहा है कि कुछ ‘विशेष समूह’ न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर कर रहे हैं और कोर्ट के फैसलों पर प्रभाव डाल रहे हैं।
इस पत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए सोशल मीडिया हैंडल पर पत्र की कॉपी को रिपोस्ट कर लिखा कि दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, लगभग 50 साल पहले कांग्रेस ने बेशर्मी से अपने स्वार्थों को दुनिया के सामने रखा था। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी देश के प्रति किसी भी तरह से प्रतिबद्ध होना नहीं चाहती।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि वे दिन में नेताओं का बचाव करते हैं और फिर रात में मीडिया के जरिए जजों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। “न्यायपालिका पर खतरा: राजनीतिक और पेशेवर दबाव से न्यायपालिका को बचाना” शीर्षक वाली इस चिट्ठी में 600 से ज्यादा वकीलों के नाम हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्री चंद्रचूड़ को पत्र लिख कर न्यायपालिका की सत्य-निष्ठा क्षति पहुँचाने के प्रयासों के विरुद्ध आवाज़ उठाते हुए लिखा कि एक विशेष समूह अपने हितों के लिए न्यायपालिका पर दबाव बना रहा है, न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है और तुच्छ तर्कों व बासी राजनीतिक एजेंडों के तहत हमारी अदालतों को बदनाम कर रहे हैं।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पत्र पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “दूसरों को डराना-धमकाना और दबाना कॉन्ग्रेस की पुरानी संस्कृति रही है। 5 दशक पहले ही उन्होंने ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ की बात की थी – वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतवासी उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं।” पीएम मोदी का इशारा न्यायपालिका में अपनी चलाने की कोशिश में लगे रहने वाले वकीलों को लेकर था।

600 वकीलों ने पत्र में उल्लेख किया है कि न्यायपालिका को दबाव में रखने वाले इस गिरोह के हथकंडे विश्वास और भाईचारे के माहौल को ख़राब कर रहे हैं, जो न्यायपालिका के संचालन की रीढ़ हैं। पत्र में कहा गया है कि दबाव वाले हथकंडे राजनीतिक मामलों में ज्यादातर आजमाए जा रहे हैं, खासकर केस किसी भ्रष्टाचार आरोपित नेता से जुड़ा हो। पत्र में कहा गया है कि ये सब करने से देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने को भी क्षति पहुँच रही है। इसके लिए अदालतों को उनका ‘अच्छा इतिहास’ याद दिलाते हुए आज से तुलना की जाती है और फर्जी नैरेटिव बनाए जाते हैं।

Veerchhattisgarh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *