बालको : एक दिन की रानियां रचेंगी नई कहानियां

राजा भोज को टीले की खुदाई के दौरान विक्रमादित्य का सिंहासन मिला और सिंहासन में लगी अलग-अलग नामों की 32 पुतलियों ने अलग-अलग राजाओं की अपने राज्य की जनता के लिए समर्पित 32 कहानियां राजा भोज को सुनाईं, जिसे सुनकर राजा भोज सिंहासन में बैठने का साहस ही नहीं कर पाए।

इसी तरह से प्रभु श्रीरामचंद्र जी के वनवास के दौराक छोटे भाई भरत ने भी श्रीरामजी की पादुकाएं सिंहासन पर रखकर राजकाज चलाया और अनुज होने का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।

इसी आधार पर पूर्व महापौर जोगेश लाम्बा के कार्यकाल के मध्य विदेश प्रवास पर होने से पार्षद सुशील गर्ग प्रभारी महापौर बनकर निगमकाज चला रहे थे और लेकिन स्वयं कभी महापौर की कुर्सी पर नहीं बैठे थे। अब उन्होंने क्या कहानी सुनी थी या कैसी श्रद्धा थी ? ये तो वे ही जानेंगे।

पंचवर्षीय विधायक, सांसद, पंचायत चुनावों में स्थिति भिन्न होती है। इन संवैधानिक पदों पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि अगर महिला वर्ग से हो तो पतिदेव पूरे 5 बरस के लिए स्वयंभू राजा की भूमिका निभाते हैं।

‘एक दिन का राजा’ शीर्षक पर अनेक कहानियां लिखी गई हैं। अनेक नाटक रचे गए हैं। इसी क्रम में प्रियदर्शन की अनिल कपूर अभिनीत ‘नायक’ ने भी सिनेमा के रूपहले पर्दे पर कामयाबी के झण्डे गाड़े। फिल्म में मुख्यमंत्री का पात्र निभा रहे अमरीश पुरी इस फिल्म के नायक अनिल कपूर को सरेआम चैलेंज करते हैं कि ” राजकाज चलाना इतना आसान नहीं है। बच्चे हो, एक दिन राजकाज चलाकर बताओ।”

नायक अनिल इस चुनौती को स्वीकार कर एक दिन के मुख्यमंत्री बनकर समूचे राज्य में एक दिवस में ही क्रांतिकारी परिवर्तन लाते हैं। इसके बाद संपन्न हुए चुनाव में वे एक दिन के कार्यकाल की उपलब्धियों को भुनाकर विराट जनादेश के साथ मुख्यमंत्री चुनकर आते हैं।

विश्व महिला दिवस-2022 बालको प्रबंधन की दृष्टि से अद्भुत रहा। 

34 ऐसी महिला कर्मचारियों का चयन कर उन्हें दो दिनों 7 एवं 8 मार्च के लिए विभाग प्रमुख अर्थात रानी बनाया गया था, सारे निर्णय लेने की खुली छूट उनको दी गई थी और सबने अपना दायित्व का निर्वाह बेहद निष्ठा के साथ किया।

खास बात यह है कि बालको प्रबंधन के उच्च पद मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जवाबदेही भी बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने कंपनी संवाद प्रमुख मानसी चौहान को सौंप दिया था।

मानसी चौहान ने एक चर्चा के मध्य बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में प्रोडक्शन से भी अधिक महत्वपूर्ण बिंदु सेफ्टी का होता है। सेफ्टी है तो प्रोडक्शन अपार होगा। इसके अलावा रूटीन वर्क को भी और अच्छे से करने पर हमने फोकस किया। दो दिनों के दौरान एल्यूमिनिय व्यवसाय और संयंत्र प्रचालन की अनेक बारीकियों को सीखने का अवसर मिला। यह अनुभव उनके कैरियर की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। “

 

विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान बालको की चयनित महिलाओं ने बालको का नेतृत्व करते हुए महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए।

 

जिसमें से प्रभारी उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री अंजलि पवार ने बताया कि दो दिनों के दौरान उन्हें वरिष्ठ प्रबंधन की ओर से खूब सहयोग मिला। इस अनुभव से उन्हें कैरियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलेगी।

 वहीं प्रभारी मुख्य औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण तथा सस्टेनिबिलिटी अधिकारी सुश्री शुचिता शुभदीप खान का मानना है कि सुरक्षा बालको के लिए सदैव सर्वोपरि रहा है। बालको ने ऐसा वातावरण तैयार किया है जहां महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस करती हैं। औद्योगिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में महिलाओं की उत्कृष्ट भूमिका है। 

प्रभारी मुख्य वित्तीय अधिकारी सुश्री दिशा केसवानी ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों के साथ वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। 

प्रभारी कंपनी संवाद प्रमुख सुश्री सोनल शर्मा का कहना है कि विभिन्न स्टेकहोल्डरों के साथ निरंतर संवाद कायम रखने के महत्व से वह परिचित हुईं। 

प्रभारी मुख्य प्रचालन अधिकारी (धातु) सुश्री सृजना घोष ने बताया कि संयंत्र के सुचारू प्रचालन के लिए पारस्परिक समन्वयन अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

 

प्रभारी उप मुख्य मानव संसाधन अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी ठाकुर ने बताया कि उन्होंने व्यवसाय की प्राथमिकताएं तय करने, उसके आधार पर रणनीति तैयार करने, समय प्रबंधन और निर्णय लेने की प्रक्रियाएं सीखीं। बालको ने अनेक प्रशिक्षणों के जरिए कर्मचारियों को कैरियर विकास के अवसर उपलब्ध कराए हैं। महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर बालको और देश की प्रगति में योगदान कर रही हैं।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति कहते हैं कि ‘‘हम महिला कार्यबल का अनुपात 50 फीसदी तक ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए देश के विभिन्न महाविद्यालयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को मौके दिए जा रहे हैं। डिजीटल शक्ति से परिपूर्ण दुनिया में महिलाएं और भी ऊर्जावान हो रही हैं। अपने सपनों को पूरा करने के लिए वे हर कार्य करने में सक्षम हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महिला कार्यबल को वरिष्ठ प्रबंधन के सदस्यों के साथ संवाद के अधिक से अधिक अवसर मिले।’’

बालको प्रबंधन ने ऐसा परिवेश तैयार किया है जिसमें महिलाओं को भी समानता के साथ आगे बढ़ने के मौके मिल रहे हैं।

जिले में स्थापित अन्य संस्थाओं, संस्थानों के लिए बालको प्रबंधन ने एक ट्रेलर प्रस्तुत किया है, विश्वास है कि बालको के ट्रेलर से प्रेरित होकर जिले के अन्य प्रतिष्ठान आने वाले समय में नारी उत्थान की दिशा में एक हिट फिल्म प्रस्तुत करेंगे, बालको का अनुसरण कर कुछ और अधिक अच्छा करेंगे। अनुभवी दर्शक तो फिल्म का ट्रेलर देखकर ही पूरी फिल्म की स्टोरी का अंदाजा लगा लेते हैं।

 

 

 

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