दिलीप सी मंडल : तब कांग्रेस ओबीसी आरक्षण के खिलाफ थी.. इमरजेंसी क्या थी…

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को जयंती पर नमन। वीपी सिंह ने कांग्रेस व राजीव गांधी निज़ाम के करप्शन के खिलाफ पार्टी से त्यागपत्र दिया और 1989 का आम चुनाव चुनाव जीता।
कांग्रेस के दौर में बर्फ़ पर रख दी गयी मंडल कमीशन की रिपोर्ट को उन्होंने लागू कर दिया। वे आम सहमति चाहते थे। बीजेपी और लेफ्ट दोनों ने संसद में समर्थन किया। पर राजीव गांधी नहीं माने। तब कांग्रेस ओबीसी आरक्षण के खिलाफ थी।
मंडल कमीशन लागू होने के कई महीने बाद जब अयोध्या जा रहे लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ़्तार किया गया तो बीजेपी के पास समर्थन वापस लेने के अलावा कोई उपाय नहीं बचा। इस तरह उनकी सरकार गिर गई।
वीपी सिंह ने बाबा साहब को भारत रत्न दिया और पहली बार उनकी फ़ोटो संसद के सेंट्रल हॉल में लगायी गई। बाबा साहब की जयंती की छुट्टी भी उनके समय ही शुरू हुई। ये सब बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
ये सब काम करने का पुण्य उनको प्राप्त हुआ। नमन।
इमरजेंसी क्या थी, ये मुझे किताबों से नहीं पढ़नी है। हमारे परिवार के लोग इमरजेंसी में जेल रहे।  फैमिली तबाह हो गयी। बदले में इंदिरा गांधी को राज करने के लिए एक साल एक्सट्रा मिल गया। वो भारत का अकेला मौक़ा था, जब लोकसभा चुनाव 5 नहीं, 6 साल बाद हुए। ये थी संविधान की हत्या की कोशिश। एकमात्र कोशिश। पर वो असफल हो गई।  भारतीय जनता की जीत हुई।
-श्री दिलीप सी मंडल के पोस्ट से साभार।

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