बालको की चिमनियां PM मोदी के सपनों को करेगी धुंआ-धुंआ..??

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हवाई यात्रा को आम लोगों की पहुंच में ला दिया है। किराया महंगा होने की वजह से आम पब्लिक हवाई जहाज की सवारी नहीं कर पाती थी, हवाई चप्पल पहनने वाला भी अब मोदी सरकार की नीतियों की वजह से हवाई सफर कर रहा है। PM मोदी चाहते हैं कि देश के छोटे शहरों में हवाई सेवाएं उपलब्ध हों।

 

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प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘उड़ान’ योजना का दूसरा चरण 2018 में शुरू हुआ।छोटे शहरों को विमान नेटवर्क से जोड़ने वाली इस योजना में 60 नए शहरों से विमान सेवा शुरू होने की बात सामने आई थी। इन शहरों से विमान सेवा शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन विभाग पहले ही मंजूरी दे चुका था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हवाई यात्रा को आम लोगों की पहुंच में ला दिया है। किराया महंगा होने की वजह से आम पब्लिक हवाई जहाज की सवारी नहीं कर पाती थी, हवाई चप्पल पहनने वाला भी अब मोदी सरकार की नीतियों की वजह से हवाई सफर कर रहा है। PM मोदी चाहते हैं कि देश के छोटे शहरों में हवाई सेवाएं उपलब्ध हों और आम लोगों को भी सस्ते टिकट मिलें, जिससे वो हवाई यात्रा कर सकें। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का नतीजा भी अब दिखने लगा है।

कोरबा में कंपनी ने किया सर्वे

जानकारी के अनुसार इसी कड़ी में रूमगढ़ा स्थित हवाई पट्टी का सर्वे इसी कड़ी में सितंबर 2021 में किया गया था। यहां की कमियां और जरूरत को देखने का काम नई दिल्ली की एक निजी कंपनी ने किया और उसने अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है।

इस संबंध में मिले निर्देशों के अंतर्गत नई दिल्ली की जिओड कंसलटेंसी को अधिकृत किया गया था, उसके जरिये तकनीकी आधार पर यहां का सर्वे किया गया और लगभग एक सप्ताह तक टीम को यहां थी।

जानकारी के अनुसार कंसलटेंसी एजेंसी को कोरबा में रहकर यह तय करना था कि रूमगढ़ा हवाई पट्टी की भौगोलिक स्थिति और दृश्यता संबंधी संरचना का स्तर क्या है? वर्तमान में जो स्थान इसके लिए उपलब्ध है, वह व्यवसायिक उड़ानों के लिए पर्याप्त है अथवा नहीं? मौके पर जो सुविधाएं हैं, उनकी स्थिति और आगे क्या कुछ करना आवश्यक होगा?

इसके अतिरिक्त मौके पर क्या कुछ कठिनाइयां कायम है और इनमें क्या सुधार करना जरूरी है। कंसलटेंसी एजेंसी को समग्र रूप से यहां की स्थिति का अध्ययन करने के साथ संबंधित बिन्दुओं पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देने की बात सामने आई थी। पूरा काम तकनीकी रूप से करने के बाद सर्वेक्षण के दौरान उपलब्ध होने वाले तथ्यों की जानकारी राज्य सरकार को देने के पश्चात इस कड़ी में आगे का काम क्रियान्वित होने के समाचार थे।

लेकिन लगता है कि व्यवसायिक हवाई सेवा कोरबा से शुरू होने का कोरबावासियों का सपना अधूरा ही रह जायेगा।

बिलासपुर में NTPC की चिमनी बनी थी बाधा

सीपत में NTPC पावर प्लांट की चिमनी की ऊंचाई को लेकर पूर्व सरकार के कार्यकाल में एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने चकरभाठा एयरपोर्ट को कमर्शियल एयरपोर्ट की सूची से निकालकर ऑउट कर दिया था, जबकि बिलासपुर में चकरभाठा एअरपोर्ट की दूरी NTPC सीपत की पॉवर प्लांट की चिमनी से दूरी लगभग 30 किलोमीटर दूर है।

व्यावासयिक एयरपोर्ट की सूची में दोबारा सूचीबद्ध होने में बिलासपुर को 10 वर्षों तक प्रतीक्षा करने के बाद मोदी सरकार के आने से दम मिला।

विमान सेवा प्रारंभ होने में हो रहे विलंब के लिए सड़क मार्ग से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित NTPC सीपत की चिमनी बहुत बड़ा रोड़ा बन गया था। सारे राजनीतिक दलों और अन्य सामाजिक संस्थाओं के लंबे प्रयास के बाद व्यावासयिक एयरपोर्ट की सूची में चकरभाठा एयरपोर्ट को सूचीबद्ध किया गया था।

बिलासपुर एअरपोर्ट का उदाहरण देने का आशय सिर्फ यही बताना है कि एयरपोर्ट अथारिटीऑफ इंडिया किस तरह कड़े नीति निर्देशों के तहत काम करती है।

 

पॉवर प्लांट की चिमनियां बनेंगी बाधा

कोरबा की सीमा में किसी भी दिशा से प्रवेश करने पर आप  चाहे या न चाहें थर्मल पॉवर प्लांट की चिमनियों के दर्शन आपको करने ही पड़ेगे।

कोरबा में स्थित बालको पॉवर प्लांट की चिमनियां एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के नियमों को कितना सपोर्ट कर पायेगी…यह भविष्य के गर्भ में है क्योंकि बालको स्थित रूमगरा एयरस्ट्रिप की दूरी बालको पॉवर प्लांट की चिमनी से हवाई मार्ग से लगभग 01 kilomitar ही होगी। ऐसे में यह संदेह है कि कोरबा में हवाई सेवा के विस्तार के रास्ते में बालको पॉवर प्लांट की चिमनी बड़ी बाधा उत्पन्न कर सकती है।

सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि आज भी बालको पॉवर प्लांट की चिमनियों में flash light तय मानकों पर पर्याप्त नहीं है और जिला प्रशासन को भी इस दिशा में संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि VIP लोगों का रूमगरा हवाई पट्टी पर आवागमन रहता है।

वैसे यह भी बड़ा यक्ष प्रश्न है कि क्या बालको पॉवर प्लांट की चिमनीयों को स्थापित करते हुए  एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया से भी किसी तरह की अनुमति ली गई थी ? क्या एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया को रूमगरा एयरस्ट्रिप के बिलकुल पास में चिमनी निर्माण की जानकारी थी।

कोरबा में स्थित पॉवर प्लांट की चिमनियों से हवाई दुर्घटना संभव

कोरबा के लगभग सारे पॉवर प्लांटस की चिमनियों में पर्याप्त संख्या में flash light का अभाव है। लाल बत्तियां भी सभी दिशाओं से चारों ओर सभी चिमनियों में पूरी तरह से नहीं लगी हुई है। HTPP की 2 चिमनियों में तो पूरी तरह अंधकार है। बालको स्थित पॉवर प्लांट की चिमनियों में भी पर्याप्त संख्या में प्रकाश का अभाव है जबकि बालको से रूमगड़ा एयरस्ट्रिप हवाई मार्ग से मात्र कुछ सौ मीटर की दूरी पर है। रूमगड़ा एयरस्ट्रिप पास होने के कारण सबसे संवेदनशील एरिया में बालको की ही चिमनियां है।

मोदी सरकार निकालेगी रास्ता

पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में लगभग 11-12 वर्ष पहले बिलासपुर सीपत में NTPC पावर प्लांट की चिमनी की ऊंचाई को लेकर एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया ने चकरभाठा एयरपोर्ट को कमर्शियल एयरपोर्ट की सूची से निकालकर ऑउट कर दिया था लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किया।

चूंकि पूरे देश को कनेक्टिविटी की धारा से जोड़ना केंद्र सरकार का बड़ा सपना है, इसलिए कोरबा में भी मोदी सरकार कुछ रास्ता निकलेगी।

 

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