गुप्त नवरात्रि आज से.. समस्त प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष शत्रुओं,बाधाओं के सर्वनाश हेतु महाविद्याओ का सर्वश्रेष्ठ साधना काल
शक्ति के साक्षात स्वरूप दुर्गा के साथ दमन का भाव भी जुड़ा है। यह दमन या अंत होता है शत्रु,दुर्गुण, दुर्जनता, दोष, रोग या विकारों का ये सभी जीवन में अड़चनें पैदा कर सुख-चैन छीन लेते हैं।
आज 1 feb प्रातः 11:18 से गुप्त नवरात्र का प्रथम पक्ष आरंभ…आज से समस्त प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष शत्रुओं,बाधाओं के निमित्त मां बगलामुखी जप शुरू कीजिए। शत्रुओं का प्रकृति स्वतः सर्वनाश करने लगती है।
14 को हवन के बाद पंछियों, जीवो,मछलियों के लिए भोज।
इस मध्य तामसिक भोजन से दूर रहें औरों को भी प्रेरित करें।
शुभ फल के लिए स्वयं करें जप।
ॐ महादेव सदा संग पर शुभचिंतक कालभैरव बिन देवी पर न लगे कोई रंग..
भैरव बिन देवी की कोई साधना सिद्ध नही होती.
शक्ति के 9 रूपो शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कुष्मांडा,स्कन्दमाता, कात्यायानी,कालरात्रिि.महागौरी, सिद्धिदात्री नवदुर्गा को सब जानते हैं
लेकिन
जानकर भी अनजान होते मां शक्ति की 10 महाविद्याओ से..
10 महाविद्यायो काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी,छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की
ये 10 महाविद्याओ के साधना का सबसे उत्तम काल है।
कम लोग जानते है कि वर्ष में कुल 4 नवरात्र होते है।
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शक्ति के साक्षात स्वरूप दुर्गा के साथ दमन का भाव भी जुड़ा है। यह दमन या अंत होता है शत्रु,दुर्गुण, दुर्जनता, दोष, रोग या विकारों का ये सभी जीवन में अड़चनें पैदा कर सुख-चैन छीन लेते हैं।
यही कारण है कुछ खास और शक्तिशाली मंत्रों का देवी उपासना के विशेष काल में जाप शत्रु, रोग, दरिद्रता रूपी भय बाधा का नाश करने वाला माना गया है।
मानव के समस्त रोग-दोष व कष्टों के निवारण के लिए गुप्त नवरात्र से बढ़कर कोई साधनाकाल नहीं हैं श्री, वर्चस्व, आयु, आरोग्य और धन प्राप्ति के साथ ही शत्रु संहार के लिए गुप्त नवरात्र में साधना से मानव को सहज ही सुख व अक्षय ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
साधनाकाल में देवी के नौ रूपों की पूजा के साथ दस महाविद्याओं के साथ 64 योगनियों की साधना,स्तुति की जाती है।
गुप्त नवरात्र में की गई मंत्र साधना निष्फल नहीं जाती।