सतीश चंद्र मिश्र : गैस सिलेंडर कीमत..जनता की आंखों में धूल झोंक रहे है विपक्षी दल..?
उल्लेख आवश्यक है कि उंस समय मार्च 2013 में सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर का मूल्य 414 रूपये था तथा बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर का मूल्य 929.00 रूपये था और 8 महीने बाद दिसम्बर 2013 में 954 रूपये
तथा
9 महीने बाद जनवरी 2014 में 1258 रूपये था।
देश को सब याद है, देश कुछ भी नहीं भूला है।
कांग्रेस और उसके लुटियन चाटुकार आज हुड़दंग कर रहे हैं कि कांग्रेसराज में सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर 414 रूपए का था जो आजकल बहुत महंगा हो गया है और 884 रूपए का हो गया है। राहुल और प्रियंका की कांग्रेसी जोड़ी इस संदर्भ में दर्जनों ट्वीट कर चुकी है।
पहली बात तो यह कि कांग्रेसराज में सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर 414 का नहीं था। सितंबर 2012 से मार्च 2013 तक सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर 674 रूपये का था। उसके बाद क्योंकि चुनाव करीब आ रहे थे इसलिए फरवरी 2014 तक सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर 549 रूपये का कर दिया गया था।
चुनाव से 3 महीने पहले उसे घटा कर 414 का किया गया था। इसी लेख में आगे इसके सबूत दूंगा। अब यह भी जान लीजिए कि 2012 और 2013 में जनता जब 674 और 549 रु का सिलेंडर खरीद रही थी उस समय देश में प्रति व्यक्ति आय 74 हजार रूपये सालाना थी।
अर्थात लगभग 6250 रु प्रति महीना थी। आज यह 88% बढ़कर लगभग 1.41 लाख सालाना, अर्थात 11750 रु प्रति महीना हो चुकी है। हालांकि वास्तविक संख्या इससे अधिक है लेकिन कोरोना काल के कारण संख्या फिलहाल इतनी ही है।
अब यदि कांग्रेसराज में रहे सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के मूल्य 674 को छोड़कर 549 में ही 88% वृद्धि जोड़ दी जाए तो उसका मूल्य हो जाएगा 1032 रूपए। आज की तुलना में 148 रूपए अधिक। यदि 674 में 88% की वृद्धि कर दी जाए तो सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर 1267 रूपये का हो जाएगा। यानि आज की तुलना में 383 रूपए अधिक।
यही कारण है कि कुबुद्धिजीवी लुटियनिया ठलुए इसी चिंता में दुबले हुए जा रहे हैं, सूखे जा रहे हैं कि पेट्रोल और रसोई गैस के दाम में वृद्धि के पश्चात भी जनता मोदी के बजाए कांग्रेस और उसके साथी विपक्षी दलों से ही क्यों नाराज है.?
उपरोक्त तथ्यों को समझने के पश्चात आप स्वंय भी तय करिए कि कांग्रेसराज की तुलना में सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर आज महंगा है या सस्ता है.?
अब विपक्षी पार्टियों को यह समझाता हूं कि कांग्रेसराज में सब्सिडी वाला रसोई गैस का सिलेंडर 414 के बजाए 674 और 549 रुपये का कैसे था?
सितम्बर 2012 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की सीमा 6 सिलेंडर प्रतिवर्ष पर सीमित कर दी थी।
इसका सीधा अर्थ यह था कि मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग के उपभोक्ता को भी बिना सब्सिडी वालेे कम से कम 6 सिलेंडर प्रतिवर्ष खरीदने पड़ रहे थे। यहां यह उल्लेख आवश्यक है कि सितम्बर 2012 में सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर का मूल्य 417 रूपये था तथा बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर का मूल्य 931.50 रूपये था।
अर्थात वर्ष में 6 सिलेंडरों पर उपभोक्ता 3087 रूपये अतरिक्त मूल्य दे रहे थे। इस अंतर को यदि 12 महीनों में विभाजित कर दिया जाए तो प्रतिमाह 257.25 रूपये अतरिक्त मूल्य का व्यय उपभोक्ता पर पड़ रहा था। अर्थात सब्सिडी वाला सिलेंडर उपयोग करने वाले उपभोक्ता को भी प्रतिवर्ष प्रतिमाह प्रति एलपीजी सिलेंडर का मूल्य औसतन 417+257.25 = 674.25 रूपये प्रति सिलेंडर चुकाना पड़ रहा था।
इस नियम के विरुद्ध जबरदस्त जनाक्रोश व्याप्त होने पर तत्कालीन यूपीए सरकार ने मार्च 2013 से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की सीमा 6 से बढ़ाकर 9 सिलेंडर प्रतिवर्ष कर दी थी।
अर्थात उपभोक्ता को तब बिना सब्सिडी वाले 3 एलपीजी सिलेंडर प्रतिवर्ष खरीदने पड़ रहे थे।
उल्लेख आवश्यक है कि उंस समय मार्च 2013 में सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर का मूल्य 414 रूपये था तथा बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर का मूल्य 929.00 रूपये था और 8 महीने बाद दिसम्बर 2013 में 954 रूपये तथा 9 महीने बाद जनवरी 2014 में 1258 रूपये था।
जबकि सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर का मूल्य लगभग 414 रूपये ही रहा था। सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडरों के उपरोक्त मूल्यों में 1258 और 929 को अनदेखा कर दोनों के मध्य के 954 को ही मानक मान लें तो उसके अनुसार प्रतिमाह न्यूनतम एक एलपीजी गैस सिलेंडर का उपयोग करने वाले मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग के उपभोक्ता को 9 एलपीजी गैस सिलेंडरों की सीमा के बाद शेष 3 सिलेंडर खरीदने पर लगभग 1620 रूपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे थे।
इस अंतर को यदि 12 महीनों में विभाजित कर दिया जाए तो उपभोक्ता को प्रतिमाह 135.00 रूपये अतरिक्त चुकाने पड़ रहे थे। अर्थात सब्सिडी वाला सिलेंडर उपयोग करने वाले उपभोक्ता को भी प्रतिवर्ष प्रतिमाह प्रति एलपीजी सिलेंडर का औसत मूल्य 414+135 = 549 रूपये प्रति सिलेंडर था।
कल बात सरसों के तेल की।
– सितंबर 2021 का लेख